मंत्री बनने के बाद शपथ लेने को परेशान जियाउद्दीन रिजवी
बलिया के सिकंदरपुर से विधायक जियाउद्दीन रिजवी को 27 जून को उन्हें मंत्री नामित किया गया, मगर एक माह बाद भी शपथ नहीं हुई। अब उन्हें इंतजार कितना करना होगा यह यक्ष प्रश्न है।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। अखिलेश यादव सरकार के सातवें मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्री नामित होने के एक महीने बाद भी बलिया के सिकंदरपुर से विधायक जियाउद्दीन रिजवी शपथ लेने को परेशान हैं। प्रदेश सरकार की निर्धारित उम्र हर दिन कम हो रही है और कैबिनेट का हिस्सा बनने का मंत्री जियाउद्दीन रिजवी का इंतजार लंबा होता जा रहा है।
प्रदेश सरकार ने उनको 27 जून को उन्हें मंत्री नामित किया गया, मगर एक माह बाद भी शपथ नहीं हुई। इसकी जाहिरा वजह सपा मुखिया मुलायम सिंह का लखनऊ में नहीं होना है, मगर चर्चा है कि सरकार में ब्राह्मणों की नुमाइंदगी बढ़ाने की राह तलाशी जा रही है, इसके बाद जियाउद्दीन रिजवी को शपथ दिलायी जाएगी।
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27 जून को रिजवी को राज्यमंत्री नामित किया गया था। प्रदेश सरकार में सिर्फ साठ मंत्री बनाये जा सकते हैं। मौजूदा समय संख्या-59 लोग मंत्री हैं। जियाउद्दीन रिजवी को मंत्री नामित किया जा चुका है। उनके शपथ लेते ही मंत्रियों का निर्धारित कोटा पूरा हो जाएगा, मगर नामित होने के एक माह बाद भी उन्हें शपथ नहीं दिलायी गयी है। कहा जा रहा है कि बलिया के सिकंदरपुर से दूसरी बार विधायक जियाउद्दीन रिजवी की शपथ की तारीख तय करने के लिए मुलायम सिंह यादव के लखनऊ आने का इंतजार है जबकि सूत्रों का कहना है कि 27 जून को अपने मंत्रिमंडल के सातवें विस्तार के दिन मुख्यमंत्री ने पार्टी के ब्राह्मण नेता मनोज पाण्डेय को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था।
इस निर्णय के चंद दिन बाद घोषित सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से राजेश दीक्षित (पूर्व राष्ट्रीय सचिव) बाहर कर दिये गए।
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पार्टी की मुख्यधारा से दो ब्राह्मण नेताओं के बाहर होने का प्रभाव विधानसभा चुनाव पर पडऩे की चर्चा शुरू हुई तो पार्टी नेतृत्व ने इस दिशा में गंभीरता से मंथन शुरू किया है। कहा जा रहा है कि सपा जातीय कील-कांटा दुरुस्त कर ही चुनावी अखाड़े में कूदना चाहती है।
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मुलायम सिंह के लखनऊ आने पर 'समाजवादी परिवार' कोई राह निकालने के बाद जियाउद्दीन रिजवी को शपथ दिलाने की तारीख पर फैसला लेगा। सूत्रों का कहना है जियाउद्दीन रिजवी की शपथ होनी ही है, मगर अब उन्हें इंतजार कितना करना होगा यह यक्ष प्रश्न है।