चित्रकूट में भाजपा का मंथन सात से
दिल्ली चुनाव के बाद साख बचाने के संकट से जूझ रही भाजपा चित्रकूट में चिंतन करेगी। सात व आठ मार्च को दो दिन चलने वाली विशेष बैठक में चुनिंदा नेताओं को ही आमंत्रित किया गया है। सदस्यता लक्ष्य पूरा होने में आ रही मुश्किलों के साथ कार्यकर्ता व नेताओं के
लखनऊ(राज्य ब्यूरो)। दिल्ली चुनाव के बाद साख बचाने के संकट से जूझ रही भाजपा चित्रकूट में चिंतन करेगी। सात व आठ मार्च को दो दिन चलने वाली विशेष बैठक में चुनिंदा नेताओं को ही आमंत्रित किया गया है। सदस्यता लक्ष्य पूरा होने में आ रही मुश्किलों के साथ कार्यकर्ता व नेताओं के बीच में बढ़ते फासले घटाने की राह तलाशी जाएगी।
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी व संगठन महामंत्री सुनील बंसल के अलावा प्रभारी ओमप्रकाश माथुर भी मौजूद रहेंगे। क्षेत्रीय अध्यक्ष और क्षेत्रीय संगठन मंत्रियों के साथ में प्रदेश महामंत्रियों को आमंत्रित किया है। विधानमंडल दल नेता सुरेश खन्ना और विधानपरिषद में दल नेता हृदय नारायण दीक्षित भी बैठक में उपस्थित रहेंगे। संगठन में हाशिए पर पहुंचे पूर्व प्रदेश अध्यक्षों को भी इस बैठक में बुलाया गया है जबकि उपाध्यक्षों और प्रदेश मंत्रियों को दूर रखा गया है।
सूत्रों का कहना है कि चित्रकूट की बैठक को लेकर संगठन में तमाम मतभेद भी उभरकर आ रहे हैं। मोर्चा प्रकोष्ठों के अध्यक्षों को एक बार फिर संगठन की अहम बैठकों से अलहदा रखा गया है। एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष का आरोप है कि पहली भाजपा में अहम फैसले लेते समय कोर कमेटी की उपेक्षा की गयी। प्रदेश से लेकर जिला स्तर पर वरिष्ठ व समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है जिसके चलते संगठनात्मक गतिविधियां सुस्त पडऩे लगी हैं। प्रदेश में जिस उत्साह से सदस्यता अभियान चला उसमें कमी आयी है। डेढ़ करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य मुश्किल नजर आने लगा है। चित्रकूट बैठक के जरिए भाजपा के दिग्गज मिशन- 2017 की चुनौतियों पर चर्चा करने के अलावा पंचायत निर्वाचन की रणनीति पर भी विचार करेंगे।