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बदायूं में इंसानियत शर्मसार : दुष्कर्म पीडि़ता के नाजुक अंगों पर गहरे जख्म

बदायूं के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में सात दिन पहले किशोरी से हुए दुष्कर्म के मामले में मेडिकल परीक्षण के बाद आई रिपोर्ट ने खलबली मचा दी। मेडिकल परीक्षण में पीडि़ता के नाजुक अंगों से बोतल का ढक्कन, माचिस का कवर, थैली, कपड़ा, पॉलीथिन और लकड़ी का टुकड़ा निकला है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2015 05:34 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2015 01:15 PM (IST)
बदायूं में इंसानियत शर्मसार : दुष्कर्म पीडि़ता के नाजुक अंगों पर गहरे जख्म

लखनऊ। बदायूं के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में सात दिन पहले किशोरी से हुए दुष्कर्म के मामले में मेडिकल परीक्षण के बाद आई रिपोर्ट ने खलबली मचा दी। मेडिकल परीक्षण में पीडि़ता के नाजुक अंगों से बोतल का ढक्कन, माचिस का कवर, थैली, कपड़ा, पॉलीथिन और लकड़ी का टुकड़ा निकला है। घटना के इतने दिन बाद यह सामान निकलने से मेडिकल परीक्षण करने वाले डॉक्टर भी हैरान हैं।

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सिविल लाइंस थाना क्षेत्र की रहने वाली कक्षा नौ की छात्रा ने बताया कि 23 जून की सुबह वह पड़ोस की दुकान से बिस्किट लेने गई थी। तभी आरोपी पड़ोसी ऋषभ बहाने से उसे अपनी बाइक पर बैठाकर नगलाशर्की के जंगल में ले गया। यहां पड़ोस के ही रहने वाले शिवम उर्फ संतोष ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने वारदात में सहयोग करने वाले ऋषभ को 27 जून को गिरफ्तार कर लिया, जबकि शिवम रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। रविवार को पुलिस ने पीडि़ता का मेडिकल परीक्षण कराया।

सोमवार को एसपी सिटी अनिल कुमार यादव समेत कई पुलिस अधिकारियों ने महिला अस्पताल जाकर पीडि़ता के बयान लिए। इसके बाद पीडि़ता की फुफेरी बहन ने वारदात में सहयोग के लिए एक और आरोपी अंकित मिश्र निवासी आदर्श नगर का नाम भी घटना में जोड़ा है। उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है। पीडि़ता को कोर्ट में बयान के लिए भेजा गया है। पीडि़त परिजनों का आरोप है कि आरोपी पक्ष फैसले के लिए उनपर लगातार दबाव बना रहा है।

अंदरूनी हिस्से में पांच तरह की चीजें

जिला महिला अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. हाकिम सिंह ने बताया कि पीडि़ता के अंदरूनी हिस्से में पांच तरह की चीजें निकली हैं। पीडि़ता के मुताबिक 23 जून को उसके साथ दुष्कर्म हुआ, जबकि 28 जून को मेडिकल परीक्षण में जो सामान निकला है, वह मेडिकल परीक्षण से कुछ घंटे पहले का होने की संभावना है।

23 जून को अगर वह सामान अंदरूनी हिस्से में होता तो जानलेवा संक्रमण हो सकता था। अंदरूनी हिस्से में कोई चोट न होने से दुष्कर्म की पुष्टि भी नहीं की जा सकती है।


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