लखनऊ में सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे मीट कारोबारी
शहीद स्मारक में एकत्रित हुए मीट दुकानदारों ने सिर में लाल टोपी व हाथ में कई तरह के नारे लिखी हुई तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया।
लखनऊ (जागरण संवाददाता)। प्रदेश सरकार द्वारा अवैध बूचड़खाने व मांस व्यवसाय पर सख्ती करने के विरोध में राजधानी के मीट कारोबारी सोमवार को सड़क पर उतरे और योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
लखनऊ बकरा मुर्गा गोश्त व्यापार मंडल, न्याय मंच व भारतीय निर्माण मजदूर यूनियन के बैनर तले मीट दुकानदारों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की। यहां शहीद स्मारक पर एकत्रित सैकड़ों मीट कारोबारियों ने धर्म के नाम पर रोजी-रोटी पर हो रहे हमला बंद करने की मांग करते हुए नारेबाजी की।
शहीद स्मारक में एकत्रित हुए मीट दुकानदारों ने सिर में लाल टोपी व हाथ में कई तरह के नारे लिखी हुई तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। प्रशासन की तरफ से विधान भवन तक पैदल मार्च करने की अनुमति न होने के चलते मीट दुकानदारों को विधान भवन की तरफ नहीं बढ़ने दिया गया।
लखनऊ बकरा मुर्गा गोश्त व्यापार मंडल के अध्यक्ष अब्दुल हमीद कुरैशी ने कहा कि लगभग एक महीने से बकरा, मुर्गा व अन्य मीट की दुकानें बंद होने की वजह से दुकानदार व व्यापारी भुखमरी की कगार पर आ गए हैं। बच्चों की स्कूल फीस तक नहीं जमा कर पा रहे हैं। नगर निगम की तरफ से बिना नोटिस दिए दुकानें व बूचड़खाने बंद कर दिए गए। नगर निगम दुकानों का नवीनीकरण भी नहीं कर रहा है। दुकानदारों के पास लाइसेंस हैं तो उन्हें भी परेशान किया जा रहा है।
लगभग आधे घंटे तक प्रदर्शन व नारेबाजी के बाद कारोबारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट राजेश कुमार को ज्ञापन सौंपा। हांलाकि प्रदर्शनकारी विधान भवन तक शांति पूर्ण तरीके से पैदल मार्च करने पर अड़े रहे। सिटी मजिस्ट्रेट व अन्य पुलिसकर्मियों ने अनुमति न होने का हवाला देकर उनसे ज्ञापन लिया और उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जल्द ही मिलाने का आश्वासन देकर विरोध शांत कराया।
यह भी पढ़ें: सबसे ज्यादा रजिस्टर्ड बूचड़खाने वाले तीन राज्यों में उप्र नहीं
प्रदर्शन में मुख्य रूप से मो. शकील कुरैशी, इमरान कुरैशी, कसीम कुरैशी, अमित मिश्र, रमेश सिंह सेंगर, हरिशंकर गुप्ता सहित कई लोग शामिल रहे। मीट कारोबारियों ने प्रदेश सरकार द्वारा मीट की मॉडल शाप बनाने के लिए पांच लाख रुपये की सब्सिडी देने की मांग की। सरकार चाहती है कि हम मॉडल शॉप खोलें तो वह हमारी आर्थिक मदद के लिए पांच लाख रुपये सब्सिडी दे।