एमबीबीएस की फीस न होने पर फूट-फूटकर रोया छात्र तो डाक्टर बने भगवान
एमबीबीएस की फीस न होने पर फूट-फूटकर रोया छात्र तो डाक्टर बने भगवान
आगरा (अजय दुबे)। घाव को अंगूठे से दबाकर मर्ज की तह तक जाने वाले डॉक्टर मुफलिसी के दर्द को आंखों ही आंखों में समझ गए। भर्राए हुए गले से वह कुछ कहता, इससे पहले ही डॉक्टर और स्टाफ ने मदद के हाथ बढ़ा दिए। गुरुवार को एसएन मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में प्रवेश को पहुंचे छात्र मुकेश कुमार पर फीस का इंतजाम नहीं था। मुफलिसी से जूझ रही मेधा को एसएन के डॉक्टरों ने जिंदगी दे दी।
शिकोहाबाद निवासी मुकेश कुमार की कम्बाइंड प्री मेडिकल टेस्ट सीपीएमटी में आरक्षित श्रेणी में 122वीं रैंक आई थी। काउंसिलिंग के बाद उसे एसएन मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सीट मिली है। वह दोपहर में प्रवेश लेने के लिए एसएन पहुंचे, यहां मेडिकल के बाद 27 हजार रुपये फीस जमा करने के लिए कह दिया। मगर मुकेश के पास एक हजार रुपये भी नहीं थे। वह एकाउंट विभाग के बाहर रोने लगा, इस पर कर्मचारी उसे प्राचार्य कार्यालय में ले आए। कर्मचारियों ने कहा कि इसके पास पैसे नहीं है, इस पर प्राचार्य डॉक्टर अजय अग्रवाल ने दस हजार रुपये अपने खाते से देने के लिए कह दिया, अन्य चिकित्सक और स्टाफ ने भी फीस जमा करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि एमबीबीएस करने के दौरान फीस के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। मुकेश ने बताया कि उसके पिता सत्य प्रकाश और मां उर्वशी देवी खेतों में मजदूरी करते हैं, उसका छोटा भाई विनोद भी मजदूरी करता है। बड़ी बहन पूजा की शादी हो चुकी है, छोटी बहन चित्रा पढ़ रही है। पूरे परिवार ने पाई-पाई जोड़कर कोचिंग का खर्चा उठाया था। इसके लिए कर्ज भी लिया, अब कोई मदद करने को तैयार नहीं है। बैंक से लोन के लिए संपर्क किया तो उन्होंने कह दिया कि एस्टीमेट बनाकर लाए, इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।