लखनऊ (जेएनएन)। चुनाव में करारी शिकस्त के बाद बसपा मुखिया मायावती का गुस्सा कम नहीं हो पा रहा। कांशीराम की जयंती के मौके पर उन्होंने वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी को हार के लिए जिम्मेदार बताते हुए मतपत्रों के जरिए दोबारा चुनाव कराने की मांग को दोहराया। निर्वाचन आयोग के उत्तर से असंतुष्ट मायावती ने कोर्ट में जाने और 11 अप्रैल को जिला मुख्यालयों पर काला दिवस मनाने का एलान किया। फैसला हक में न आने तक प्रत्येक माह की 11 तारीख को देश भर में पार्टी का विरोध- प्रदर्शन का सिलसिला जारी रहेगा। बसपा संस्थापक कांशीराम की 83 वीं जयंती थी। सुबह 8.30 बजे कांशीराम स्मारक स्थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद पार्टी मुख्यालय में पहुंची मायावती ने चुनावी समीक्षा बैठक करने से पूर्व वोटिंग मशीनों के जरिए मतों में धांधली के आरोप लगाते हुए भाजपा को कोसा। महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कार्यकर्ताओं से वोटिंग मशीन घोटाला बंद करो, धांधली करने वाले शर्म करो जैसे नारे लगवाकर माहौल को गर्माया। कार्यकर्ताओं को पत्रक बांटकर ईवीएम द्वारा धांधली होने के बारे में बताया।
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हर माह 11 अप्रैल को काला दिवस
कांशीराम के सिद्धांतों को याद करने से अधिक नरेंद्र मोदी के साथ मीडिया को निशाने पर रखा। आमतौर से नोटबंदी के खिलाफ गुस्सा जताने वाली मायावती ईवीएम के जरिए चुनाव बंद कराने को बेताब दिखी। उनका कहना था कि भाजपा ने दलितों को गरीब व पिछड़ा रखने के लिए वोटिंग मशीनों में धांधली करायी। धोखे से सत्ता हासिल की। उन्होंने लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए पूरे देश में 11 अप्रैल को काला दिवस मनाए जाने का ऐलान किया। उप्र में सभी जिला केंद्रों में व अन्य प्रदेशों में राज्य मुख्यालयों में काला दिवस मनाया जाएगा। वोटिंग मशीनों के प्रयोग पर रोक की मांग को लेकर कोर्ट जाने की घोषणा की और हर माह की 11 तारीख को विरोध-प्रदर्शन की बात कही। भाजपा की जीत को घोटाले, बेइमानी की विजय बताते हुए केंद्र पर आरएसएस के एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाया। मायावती ने नोटबंदी का एक बार भी नाम नहीं लिया अलबत्ता 2019 के बाद भाजपा द्वारा आरक्षण समाप्त करने का डर जताया।
पंजाब, गोवा और मणिपुर में ईवीएम को क्लीनचिट
बसपा प्रमुख ने जहां उप्र और उत्तराखंड की इवीएम में नीच मानसिकता और षडयंत्र के चलते गड़बड़ी का आरोप लगाया वहीं पंजाब, मणिपुर और गोवा की वोटिंग मशीनों को क्लीन चिट दी। उनका कहना था कि वहां ऐसा करते तो बचाव के रास्ते न मिलते। भाजपा ने सिर्फ उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को टारगेट किया ताकि वर्ष 2019 के लिए माहौल बनाया जा सकें। मायावती ने तीन तलाक मुद्दे पर मुस्लिम महिलाओं द्वारा भाजपा को वोट देने के प्रचार को भी षडयंत्र बताया। उनका कहना था कि मुस्लिम महिलाएं अपने धर्म और मजहब से पहले जुड़ी हैं। उनके द्वारा भाजपा को वोट करने का सवाल नहीं है। बसपा प्रमुख यहीं नहीं ठहरी, उन्होंने टीवी चैनल पर बसपा विरोधी दलित नेताओं को भी दलाल करार दिया। कहा कि खुद को दलित चिंतक बताने वाले कुछ नेताओं को भाजपा वाले पैसे देकर बसपा के खिलाफ बोलने के लिए तैयार करते हैं।