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मोदी की रैली : पूरी तरह से बदल गया प्रधानमंत्री का सुरक्षा प्लान

मथुरा के दीनदयाल धाम में सोमवार को होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा की सुरक्षा के लिए फुल प्रूफ इंतजाम हैं। आज स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप (एसपीजी) के डीआइजी ने मथुरा जिला प्रशासन द्वारा प्रधानमंत्री के लिए तैयार सुरक्षा प्लान पूरी तरह बदल दिया। सभास्थल समेत पूरे दीनदयाल धाम और

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 22 May 2015 07:21 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2015 08:45 PM (IST)
मोदी की रैली : पूरी तरह से बदल गया प्रधानमंत्री का सुरक्षा प्लान

लखनऊ। मथुरा के दीनदयाल धाम में सोमवार को होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा की सुरक्षा के लिए फुल प्रूफ इंतजाम हैं। २४ घंटे रैली की तैयारियां चल रहीं है। इसी बीच आज स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप (एसपीजी) के डीआइजी ने मथुरा जिला प्रशासन द्वारा प्रधानमंत्री के लिए तैयार सुरक्षा प्लान पूरी तरह बदल दिया। सभास्थल समेत पूरे दीनदयाल धाम और आसपास के इलाके में खुफिया एजेंसियों का जाल बिछाया जा रहा है। जन कल्याण सभा नाम से होने वाली इस रैली में मंच काफी छोटा रहेगा और नाताओं का जमघट लगाने की मनाही रहेगी।

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रैली में जमघट की मनाही

मथुरा रैली में भाजपा नेताओं को अनावश्यक जमघट लगाने की मनाही है। दीनदयाल उपाध्याय के जन्म स्थान नंगला चन्द्रभान गांव में 25 मई को मोदी सरकार की पहली सालगिरह पर प्रस्तावित रैली को ' जन कल्याण सभा' का नाम दिया गया है। मोदी यहीं से अपनी सरकार की उपलब्धियों और भावी कार्यक्रमों का बखान करेंगे। प्रदेश प्रभारी ओमप्रकाश माथुर व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी तैयारी की कमान संभाले हैं। अधिकतर पदाधिकारियों को दूर रखा गया है। एक दर्जन उपाध्यक्षों में से शिवप्रताप शुक्ला, गोपाल टंडन, हरद्वार दुबे और अशोक कटारिया जबकि छह महामंत्रियों में पंकज सिंह, धर्मपाल सिंह व अनुपमा जायसवाल को तैयारियों में लगाया गया है। 14 प्रदेश मंत्रियों में दयाशंकर ही 'मिशन मथुरा' में हैं।

छोटा बनेगा मोदी का मंच

लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बने नरेंद्र मोदी के मंचों जैसा नजारा मथुरा में नहीं दिखेगा। प्रधानमंत्री के मंच पर केवल आधा दर्जन नेता ही नजर आएंगे। अन्य वरिष्ठ नेताओं को वीवीआइपी गैलरी में या छोटे मंच पर बैठना होगा। मंच बृज क्षेत्र की छवि ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है।

दो केंद्रीय मंत्रियों की परीक्षा

कुल आठ सांसदों के संसदीय क्षेत्रों से रैली में भीड़ जुटाने की योजना है, मगर दो केंद्रीय मंत्रियों महेश शर्मा एवं रामशंकर कठेरिया की क्षमता का विशेष रूप से आकलन होगा। वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव टिकट चाहने वालों का दमखम रैली के जरिए परखा जाएगा।

सुरक्षा प्लान बदला गया

दिल्ली से आज सुबह दीनदयाल धाम पहुंचे एसपीजी के डीआइजी आलोक गुप्ता के नेतृत्व में पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने सबसे पहले मंच का मुआयना किया। इसकी लंबाई व चौड़ाई नक्शे के हिसाब से ठीक कराई गई। मुख्य मंच के पास साइड में एक और मंच बनेगा। कुल पांच हेलीपेड बनेंगे। डीआइजी ने सभी का मिलान कर टी प्वाइंट बनाने और हेलीपैड से लेकर मंच तक बैरिकेडिंग करने को कहा। इससे पांच फुट दूरी पर एक और बैरिकेडिंग बनेगी ताकि प्रधानमंत्री के आने-जाने में कोई दिक्कत न हो। एसपीजी ने पंडाल का आकार बदलवाने के साथ ही गेट और उन पर लगाए जाने वाले डोर फ्रेम मेटल डिक्टेटर (डीएफएमडी) भी बदलवाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद डीआइजी ने जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देशों का अनुपालन करने को कहा।

त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था

मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था की जा रही है। सभा स्थल पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। आर्मी इंटेलीजेंस के साथ केंद्रीय और प्रदेश की खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। बम निरोधक और श्वान दस्ते इलाके की छानबीन कर रहे हैं। प्रवेश द्वारों से सघन चेकिंग के बाद ही पंडाल में प्रवेश की इजाजत मिलेगी। सीसीटीवी और एक्सरे मशीन भी लगाए जा रहे हैं।

आतंकी खतरे को लेकर अलर्ट

मथुरा संवेदनशील जिलों में है। मोदी की रैली को लेकर आइबी ने राज्य सरकार को आगाह किया है। मोदी खुराफाती तत्वों की हिट लिस्ट में हैं इसलिए व्यापक सुरक्षा प्रबंध के साथ ही पल-पल सतर्कता बरतने की अपेक्षा की गयी है। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा विरोध प्रदर्शन आदि पर नजर रखने के लिए एंटी डेमो स्क्वाड बनाया गया है। यह स्क्वाड धरना-प्रदर्शन करने वालों से लेकर उपद्रवी तत्वों पर नजर रखेगा। सभा स्थल को सीसीटीवी कैमरों से आच्छादित किया जा रहा है।

अटल को आमंत्रण आडवाणी को नहीं

मथुरा में मोदी के कार्यक्रम में भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी को तो आमंत्रित किया गया है लेकिन पार्टी के अहम नेता लालकृष्ण आडवाणी को इसके लिए आमंत्रण नहीं मिला है। वाजपेयी बीमार हैं और वह कहीं आते जाते नहीं हैं इसके बावजूद उन्हें इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। एक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक दीनदयाल उपाध्याय जन्मभूमि स्मारक समिति ने इस प्रोग्राम का आयोजन किया है। इस बारे में समिति का कहना है कि लालकृष्ण आडवाणी कभी भी इस समिति के सदस्य नहीं रहे हैं इसलिए उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन मथुरा के नागला चंद्रभान गांव के दीनदयाल धाम में किया गया है। समिति के सचिव रोशन लाल ने कहा कि से वाजपेयी इस प्रोग्राम में आने की स्थिति में नहीं हैं लेकिन उन्हें आमंत्रण भेजा गया है। वाजपेयी इस समिति के पहले अध्यक्ष थे। वह अब भी समिति के संरक्षक हैं। आडवाणी को इसलिए आमंत्रित नहीं किया गया क्योंकि वह कभी भी इस समिति के सदस्य नहीं रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि इस समिति के सदस्य तो मोदी भी नहीं हैं और इससे पहले वह दीनदयाल धाम कभी आए भी नहीं हैं, तो उन्हें क्यों आमंत्रित किया गया? इस पर रोशन लाल ने कहा, 'हमलोग केवल मोदीजी का स्वागत करने जा रहे हैं। वह पार्टी रैली को संबोधित करने आ रहे हैं। रैली अलग कार्यक्रम हैं।

रैली की तैयारी की समीक्षा

मथुरा रैली के लिए तैयारियों का जायजा लेने आए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बुलंदशहर में प्रेसवार्ता में कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रदेश में पहली रैली के लिए उन्होंने पंडित दीन दयाल उपाध्याय की भूमि को विशेष तौर पर चुना है। इस दौरान 26 मई से 31 मई तक कार्यक्रम होंगे। देशभर में करीब 25 रैली इस दौरान की जाएंगी, जहां पीएम एक साल का रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे। बुलंदशहर से रैली में 15 हजार कार्यकर्ता पहुंचेंगे। उन्होंने नोएडा में भी कार्यकर्ताओं के बीच रैली में सहभागिता को लेकर तैयारी की समीक्षा की।

यह रहेंगे सुरक्षा इंतजाम

  • 218 फीट चौड़ा और 1095 फीट लंबा बनाया जा रहा पंडाल।
  • 8 से बढ़ाकर मांगी गई 10 कंपनी पीएससी।
  • 5 कंपनी आरएएफ होगी तैनात। पंडाल मे बनाए जा रहे चार ब्लॉक।
  • 15 गेट से बढ़ाकर किए गए 30 गेट।
  • 15 आइपीएस अधिकारियों की तैनाती।
  • 4आइपीएस और 15 सीओ सादा कपड़ों में करेंगे निगरानी।
  • महत्वपूर्ण प्वाइंट पर तैनात किए जा रहे 50 एएसपी।
  • 500 इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर की लगाई जा रही ड्यूटी।
  • 2000 से अधिक सिपाही आ रहे दूसरे जिलों से।
  • एलआइयू और एसएलआइयू के 450 कर्मचारी।
  • मंच और सेफ हाउस पर स्थापित की जा रही हॉट लाइन।
  • पुलिस लाइन में बनाया गया कंट्रोल रूम।
  • 24 घंटे चल रहा ड्यूटी कार्ड बांटने और ड्यूटी लगाने का कार्य।

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