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व्यापम घोटाले का मास्टर माइंड रमेश शिवहरे गिरफ्तार

मध्य प्रदेश के विख्यात व्यापम घोटाले के मास्टर माइंड रमेश शिवहरे को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कल रात में कानपुर से गिरफ्तार कर लिया। रमेश शिवहरे समाजवादी पार्टी का नेता है। यह इस घोटाले के मामले में चार वर्ष से फरार था।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Wed, 04 May 2016 12:40 PM (IST)Updated: Thu, 05 May 2016 09:32 AM (IST)
व्यापम घोटाले का मास्टर माइंड रमेश शिवहरे गिरफ्तार

लखनऊ। मध्य प्रदेश के विख्यात व्यापम घोटाले के मास्टर माइंड रमेश शिवहरे को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कल रात में कानपुर से गिरफ्तार कर लिया। रमेश शिवहरे समाजवादी पार्टी का नेता है। यह इस घोटाले के मामले में चार वर्ष से फरार था। मध्य प्रदेश सरकार ने रमेश शिवहरे पर पांच हजार रुपये का ईनाम भी घोषित किया था।

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कानपुर में कल रात भोपाल की सीबीआई और यूपीएफटीएफ की संयुक्त टीम ने व्यापमं घोटाले (मध्य प्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मंडल) के मास्टर माइंड एवं महोबा की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के पति रमेश शिवहरे को गिरफ्तार कर लिया। उसने पूछताछ में व्यापमं घोटाले से जुड़े होने की बात स्वीकार की है। सीबीआई आज कोर्ट में उसकी ट्रांजिट रिमांड के लिए आवेदन करेगी।

महोबा की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अंशु शिवहरे के पति रमेश शिवहरे की सीबीआई को 2012 से तलाश थी। उसके ऊपर पांच हजार का इनाम भी घोषित था। उसके घर पर एनबीडब्ल्यू और कुर्की का नोटिस चस्पा किया जा चुका था। एसटीएफ के एडीशन एसपी अरविंद कुमार के मुताबिक शिवहरे की लोकेशन कल्याणपुर आवास विकास में मिलने पर सीबीआई की डिमांड पर कल संयुक्त रूप से छापेमारी की गई। उसे घर से गिरफ्तार किया गया। रमेश ने पूछताछ में उसने व्यापमं घोटाले से जुड़े होने की बात स्वीकार करते हुए बताया कि उसने कोचिंग मंडी के कई छात्रों को मेडिकल परीक्षा में पास कराया है। साथ ही इससे साथियों के विषय में जानकारी की जा रही है।

अन्य परीक्षाओं में पास कराने में भी है हाथ

प्रदेश में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को पास कराने में भी उसका हाथ होने की बात भी सामने आ रही है। पिछले दिनों आरआरबी की परीक्षा के प्रश्न पत्र आउट होने में भी मास्टर माइंड का हाथ सामने आया था। इसके साथ ही प्रदेश में होने वाली बैंक, रेलवे और माध्यमिक स्कूलों में होने वाली भर्तियों में भी इसका हाथ रहा है।

कोचिंग संचालक मित्र संग मिलकर किया व्यापमं घोटाला

काकादेव में कोचिंग चलाने वाले दोस्त की कोचिंग बंद होने के बाद इन लोगों ने मेडिकल कालेजों में एडमीशन के लिए जाल फैलाना शुरू कर दिया था। जिसके बाद इन लोगों ने उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश व राजस्थान के मेडिकल कोचिंग करने वाले छात्र व छात्राओं को चंगुल में फंसाया वहीं कोचिंग करने वाले मेधावी व मेडिकल कालेज में पढऩे वाले छात्रों को साल्वर के तौर पर तैयार किया। जिसके बाद उनको एडमीशन लेने वाले छात्रों की जगह उनको बैठाकर घोटाले को अंजाम दिया।

एसपी एसटीएफ अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि रमेश से पूछताछ में कई नये तथ्य सामने आए हैं। जानने की कोशिश की जा रही है कि रमेश ने व्यापमं के साथ किसी दूसरी परीक्षा के लिए सॉल्वर गैंग तो नहीं बनाया है। साथ ही पता लगाया जा रहा है कि कुछ दिन पहले रेलवे का जो पेपर आउट हुआ था, उसमें कहीं इसका ही हाथ तो नहीं था।

राजनीति की आड़ में काला कारोबार

वर्ष 2010 में महोबा जिला पंचायत के सियासी समर में अंशू शिवहरे का नाम सामने आया और वह सदस्य चुनी गई। इसके बाद वह जिला पंचायत अध्यक्ष भी बनी, पर पत्नी की लाल बत्ती और राजनीति की आड़ में उनका पति रमेश चंद्रा काले कारोबार को अंजाम देता रहा। नाम और चेहरा नया था तो जनता ने भी इन्हें पलकों पर बिठाया। पत्नी उप्र में माननीय बनी तो पति मप्र में अपराधी था। हकीकत तब सामने आयी जब कुल साल पूर्व मप्र का व्यापम घोटाला उजागर हुआ और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अंशू शिवहरे (वर्तमान जिपं सदस्य खन्ना सीट) के पति रमेश चंद्र शिवहरे का नाम सामने आया, तब सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया। चुनाव के समय अंशू शिवहरे बसपा में थी लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद उन्होंने सपा का दामन थाम लिया था। कुछ समय पहले तक उनके पति रमेश चंद्र माननीय माने जाते थे और उनकी पहचान सपा के जिला प्रवक्ता की थी। वह जिले के दिग्गज सपा नेताओं में शुमार और पत्नी के पद की हनक, लाल बत्ती व सुरक्षा गार्डों के पहरे में रहते थे, लेकिन शायद तब किसी को पता नहीं था कि राजनीति की आड़ में काले कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है। व्यापम घोटाला सुर्खियों में आया और रमेश शिवहरे का नाम सामने आने से सभी की आंखें खुले की खुली रह गई। हालांकि भोपाल सीबीआइ और यूपी एसटीएफ की संयुक्त टीम ने उसे पकडऩे में कामयाबी हासिल की है और इस तरह चार साल के बाद मास्टर माइंड के हत्थे चढ़ा।

शिवहरे की गिरफ्तारी किसने की

रमेश शिवहरे की गिरफ्तारी किसने की ये सवाल खड़ा हो गया है। सीबीआइ के अनुसार शिवहरे को उसने गिरफ्तार किया है, वहीं उप्र एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद चतुर्वेदी का कहना है कि सीबीआइ उसकी अकेले करने का दावा कर रही है तो इस संबंध में विरोध दर्ज कराया जाएगा।उन्होंने बताया कि सीबीआइ के भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय से दो साल से फरार चल रहे रमेश चंद्र शिवहरे की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ से सहयोग मांगा था। इस पूरी गिरफ्तारी में सबसे ज्यादा काम एसटीएफ के टीम के सदस्य मुख्य आरक्षी शिवेंद्र सिंह सेंगर और आरक्षी राम दयाल पांडेय ने किया। उन्होंने दिल्ली से लेकर लखनऊ तक मिनट-मिनट की जानकारी इकट्ठा की। जिसके आधार पर सीबीआइ, भोपाल के अधिकारियों के माध्यम से सीबीआइ की एक टीम को लखनऊ बुलाया गया। उधर एसटीएफ सूत्रों के अनुसार शिवहरे के एक बड़े नेटवर्क का का उप्र में भी सक्रिय होने का पता चला है। ये नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता था। इसमें सत्ता तक पहुंच रखने वाले कई रसूखदार नामों का भी पता चला है। जल्द ही एसटीएफ इनके खुलासे की तैयारी कर रही है।

क्या है व्यापमं घोटाला

- व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मध्य प्रदेश में उन प्रतियोगी व्यावसायिक परीक्षाओं को ऑर्गनाइज कराता है, जिन्हें मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग नहीं कराता।

- व्यापमं घोटाले में आरोप है कम्प्यूटर सूची में हेराफेरी करके गलत तरीके से अयोग्य लोगों को भर्ती कराया गया।

- व्यापमं के जरिए संविदा शिक्षक वर्ग-1 और वर्ग-2 के अलावा कॉन्स्टेबल, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी और नापतौल निरीक्षक की भर्तियां गलत तरीके से की गईं।

- व्यापमं की करीब हजार भर्तियों को संदिग्ध माना गया है। इनकी जांच की जा रही है। मामले में कई बड़े पदों पर बैठे लोगों को अरेस्ट भी किया गया है।

- मामला 2013 के पास काफी चर्चा में आया था। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की निगरानी में अब सीबीआइ के साथ एसटीएफ इसकी जांच कर रहा है।


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