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घट स्थापना के साथ शुरू हो रहा महापर्व वासंतिक नवरात्र

वासंतिक नवरात्र बुधवार से शुरू है। शहर से गांव तक देवी मंदिरों में पूजन अर्चन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। भोर से मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ने को तैयार है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 06:16 PM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 11:02 PM (IST)
घट स्थापना के साथ शुरू हो रहा महापर्व वासंतिक नवरात्र
घट स्थापना के साथ शुरू हो रहा महापर्व वासंतिक नवरात्र

लखनऊ (जेएनएन)। शक्ति आराधना का महापर्व वासंतिक नवरात्र बुधवार से शुरू है। शहर से लेकर गांव तक देवी मंदिरों में नवरात्र पर पूजन अर्चन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। भोर से मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ने को तैयार है। रात से ही कतारें लगने लगीं है। बाजार नवरात्र के रंग में रंग चुके हैं। भक्त घरों में सुबह शुभ मूहूर्त में कलश पूजन व स्थापना के मां के पहले शैलपुत्री स्वरूप का पूजन कर नवरात्र व्रत की शुरुआत कर रहे है। मीरजापुर की विंध्यवासिनी देवी, कानपुर की तपेश्वरी, कानपुर देहात की कूष्मांडा देवी, कात्यायनी देवी, बलरामपुर के देवी पाटन, फतेहपुर की कालिका माता और लखीमपुर की संकटा देवी मंदिरों में श्रद्धा का सैलाब उमड़ने लगा है। 

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सड़क के दोनों ओर नवरात्र मेला
नवरात्र के लिए शहर से गांव तक देवी मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है। बहराइच के गोलवाघाट स्थित मरी माता मंदिर में नवरात्र मेले के लिए विशेष सजावट की गई है। राज्यभर में विभिन्न मार्गों से मंदिर तक जाने वाली सड़क के दोनों ओर व्यापारियों ने पूजन सामग्री, प्रसाद, घरेलू सामानों की दुकानें सजा ली हैं। यहां बच्चों के मनोरंजन के लिए झूला लगाया गया है। काली मंदिर, श्रीदेवी गुल्लाबीर मंदिर, सिद्धनाथ मंदिर और अन्य देवी मंदिरों में नवरात्र में श्री दर्गा सप्तशती पाठ व अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 
सजी पूजा सामग्री की दुकानें 
मां दुर्गा के पूजन के लिए सोमवार से बाजार में पूजा सामग्री की दुकानें सज गई हैं। नारियल, चुनरी, मां  की प्रतिमा के साथ अन्य पूजा सामग्री की लोगों ने खरीदारी शुरू कर दी है। नौ दिनों तक चलने वाले व्रत के लिए फलाहार की वस्तुओं की बिक्री के लिए भी दुकानदारों ने अलग से स्टाल लगाए हैं। शहर के चौक बाजार में जनरल स्टोर व पूजा सामग्री की दुकानों पर नवरात्र के लिए खरीदारी करने वालों की भीड़ दिन भर बनी रही। लौंग , धूप व मेवा के बाजार भी गर्म रहा। थोक दुकानों के साथ फुटकर में सामग्रियों की बिक्री में इजाफा हो गया है। 
शुभ मूहूर्त में करें कलश स्थापना 
महंत महामंडलेश्वर रवि गिरि बहराइच में हमारे संवाददाता को बताया कि इस बार बुधवार को सूर्योंदय से 6.32 तक कलश स्थापना का शुभ मूहुर्त है। वहीं दूसरा अभिजित मूहुर्त 11.23 से 12.38 बजे के बीच है। प्रात: स्नान के बाद गौरी, गणेश की धूप, दीप, नैवेद्य, अक्षत पुष्प  से पूजन कर कलश स्थापना करनी चाहिए। नवग्रह पूजन के बाद व्रत का संकल्प लेकर मातृ शक्ति का आवाहन करें। विधि विधान से की गई मां भगवती की पूजा अर्चना से समस्त दुखों का निवारण व मनोकामना पूरी होती है।
भारतीय नववर्ष की धूम 
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के साथ भारतीय नववर्ष विक्रमी संवत्सर 2074 की शुरुआत भी हो गई है। पंचागों के अनुसार नया संवत्सर साधारण नाम से जाना जाएगा। भारतीय नववर्ष पर व्हाटसअप, फेसबुक  व दूसरे सोशल मीडिया माध्यमों से अपने मित्रों व  परिचितों को शुभकामना संदेशों के आदान प्रदान का सिलसिला भी जोरों पर है।

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