नमूने फेल होने के बाद अब देश भर में मैगी की जांच
सेहत के सवाल पर प्रशासन में अब कुछ हलचल हुई है। बाराबंकी से लिए गए मैगी के नमूने फेल होने के बाद खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण ने पूरे देश में इसकी जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। प्राधिकरण का यह आदेश आज लखनऊ में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन को
लखनऊ। सेहत के सवाल पर प्रशासन में अब कुछ हलचल हुई है। बाराबंकी से लिए गए मैगी के नमूने फेल होने के बाद खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण ने पूरे देश में इसकी जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। प्राधिकरण का यह आदेश आज लखनऊ में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन को भी मिल गया है। अब बाजारों में बिक रही मैगी के अलग अलग स्थानों से सैंपल लेकर उनकी जांच कराई जाएगी। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के उप आयुक्त विजय बहादुर ने बताया कि मैगी की पूरे देश में जांच के आदेश दिल्ली से जारी हो गए हैं। विजय बहादुर ने बताया कि बाराबंकी से लिए गए मार्च 2014 बैच की मैगी के नमूनों में मोनो सोडियम ग्लूटामेट तथा सीसा पाया गया था। ये दोनों ही तत्व असुरक्षित श्रेणी में थे और इसी कारण मैगी बेचने वाले बाराबंकी के प्रतिष्ठान ईजी डे मॉल में उसकी बिक्री पर रोक लगा दी गई थी। हालांकि बाद में मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले ने मैगी में दोनों ही तत्वों की पुष्टि के बाद चिन्हित बैच की मैगी बाजार से वापस मंगा लिए जाने की बात कही थी। उधर, खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा मैगी में हानिकारक तत्वों की पुष्टि के बाद मार्च 2014 बैच के अलावा अन्य बैच की मैगी के भी नमूने लिए गए थे। यह जांच रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी एसपी सिंह ने बताया कि अब बड़े स्तर पर मैगी की सैंपलिंग व जांच कराई जाएगी।
कब क्या हुआ
10 मार्च 2014 : बाराबंकी स्थित ईजी शापिंग माल से मैगी के नमूने लिए गए।
24 अप्रैल 2015 : जांच रिपोर्ट में मोनो सोडियम ग्लूटामेट और सीसा होने की पुष्टि।
26 अप्रैल से 04 मई 2015 : बाराबंकी सहित राजधानी में करीब 14 स्थानों से सैंपल लिए गए। रिपोर्ट लंबित।