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पांच घंटे एबीवीपी के कब्जे में रहा लखनऊ विश्वविद्यालय

प्रशासनिक और परीक्षा भवन से कैंपस की ओर जाने वाले गेट को खुलवाने के लिए पुलिस व उपद्रवी छात्रों में खूब नोकझोंक हुई।

By amal chowdhuryEdited By: Published: Fri, 21 Jul 2017 09:15 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jul 2017 09:15 AM (IST)
पांच घंटे एबीवीपी के कब्जे में रहा लखनऊ विश्वविद्यालय
पांच घंटे एबीवीपी के कब्जे में रहा लखनऊ विश्वविद्यालय

लखनऊ (जागरण संवाददाता)। हॉस्टल की फीस में छह गुने तक की गई बढ़ोतरी के विरोध में गुरुवार को लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) द्वारा किया गया प्रदर्शन अराजकता में तब्दील हो गया। पांच घंटे तक कैंपस एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के कब्जे में रहा। कार्यकर्ताओं ने घूम-घूमकर जुलूस निकालकर कार्यालय बंद करवाए।

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लविवि प्रशासन के खिलाफ न सिर्फ नारेबाजी हुईं बल्कि अपशब्द व अमर्यादित टिप्पणियां भी की गई। प्रशासनिक और परीक्षा भवन से कैंपस की ओर जाने वाले गेट को खुलवाने के लिए पुलिस व उपद्रवी छात्रों में खूब नोकझोंक हुई। लविवि में सुबह करीब दस बजे सरस्वती प्रतिमा के निकट एबीवीपी के कार्यकर्ता हास्टल की बढ़ी फीस वापस लेने की मांग करने लगे।

छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष बजरंगी सिंह उर्फ बज्जू ने भी पहुंचकर विरोध किया। एबीवीपी के प्रांत संगठन मंत्री सत्यभान सिंह भदौरिया के नेतृत्व में चल रहा यह प्रदर्शन एक घंटे बाद ही उग्र हो गया। जुलूस निकालकर छात्रों ने कैशियर कार्यालय बंद करवाया और यहां मौजूद विद्यार्थियों की भीड़ को खदेड़ने लगे। इस पर प्राक्टर प्रो. विनोद सिंह ने कैशियर कार्यालय खुलवाया और पुलिस को लेकर प्रशासनिक भवन की ओर गए।

यहां पर दोनों बंद गेट खुलवाने की कोशिश की गई मगर यहां पर भारी संख्या में मौजूद उग्र छात्रों ने पुलिस-पीएसी और प्राक्टर टीम से बराबर मोर्चा लिया और गेट नहीं खोलने दिया। शाम करीब चार बजे प्रतिकुलपति प्रो. यूएन द्विवेदी एबीवीपी कार्यकर्ताओं से वार्ता करने पहुंचे और उन्होंने बढ़ी फीस को रिव्यू करने के लिए दो दिन का वक्त मांगा। इसके बाद कैंपस के ताले खोले गए और फंसे विद्यार्थी किसी तरह बाहर निकल पाए।

स्थगित हुई आज से होने वाली हॉस्टल आवंटन प्रक्रिया: प्रदर्शन के बाद हास्टल आवंटन के लिए शुक्रवार व शनिवार को आयोजित होने वाली काउंसिलिंग टाल दी गई है। दो दिन में विवि प्रशासन बढ़ी फीस कुछ कम करने पर निर्णय ले सकता है, शनिवार को अधिकारियों की बैठक होगी। अगर निर्णय पक्ष में न हुआ तो एबीवीपी फिर धरने पर बैठेगी।

कैशियर कार्यालय में मची भगदड़, रोने लगीं छात्राएं: एबीवीपी कार्यकर्ता जब कैशियर कार्यालय बंद करवाने पहुंचे तो वहां भगदड़ मच गई। छात्रों के दो गुटों में वहां मारपीट भी होने लगी। ऐसे में भीड़ में फंसी छात्राएं रोने लगीं। बोली हे भगवान ये कैसे लीडर हैं जो हमें ही परेशान कर रहे हैं। प्राक्टर प्रो. विनोद सिंह पुलिस के साथ पहुंचे और कार्यालय खुलवाया तो फिर से फीस जमा होने लगी।

पांच घंटे बाद पहुंचे प्रतिकुलपति: वायरल फीवर के चलते लविवि कुलपति प्रो. एसपी सिंह गुरुवार को कार्यालय नहीं आए। इधर प्रदर्शन कर रहे छात्रों से वार्ता करने में अधिकारियों ने पांच घंटे का समय लगा दिया। प्रतिकुलपति प्रो. यूएन द्विवेदी दोपहर करीब 3.30 बजे वार्ता करने पहुंचे तब चार बजे कैंपस के ताले खोले गए। पुलिस व एडीएम भी मौके पर मौजूद रहे।

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आखिर कितनों से वसूला जाएगा 25 हजार का जुर्माना: लविवि प्रशासन ने प्रदर्शन करने पर 25 हजार का जुर्माने का प्रावधान किया है। गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में एबीवीपी कार्यकर्ताओं और सपा छात्रसभा के पदाधिकारियों ने धरना प्रदर्शन किया। ऐसे में देखना होगा कि आखिर लविवि कितनों से जुर्माना वसूलेगा।

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