आजमगढ़ और जौनपुर में प्यार की जीत, तलवारें म्यान में वापस
आजमगढ़ में प्रेमी युगल सुधीर चौहान और संजू का प्यार परवान चढ़ा और दोनों के परिवार में तलवारें खिंच गई। कई बार पंचायत के बाद कोर्ट-कचहरी तक बात पहुंची लेकिन मामला कहीं नहीं सुलझा।लड़की के पिता थाने तो गए पर रिपोर्ट दर्ज कराने को राजी नहीं हुए। इसी बीच सुधीर
लखनऊ। आजमगढ़ में प्रेमी युगल सुधीर चौहान और संजू का प्यार परवान चढ़ा और दोनों के परिवार में तलवारें खिंच गई। कई बार पंचायत के बाद कोर्ट-कचहरी तक बात पहुंची लेकिन मामला कहीं नहीं सुलझा।
लड़की के पिता थाने तो गए पर रिपोर्ट दर्ज कराने को राजी नहीं हुए। इसी बीच सुधीर चौहान पक्ष भी थाने पहुंचा। थाने में सुलह हो गई और मंदिर में विवाह करा दिया गया। आजमगढ़ की फूलपुर तहसील में कल भगवान शिव का मंदिर प्रेमी युगल के मिलन का गवाह बना। कल दो परिवारों के बीच खिंची तलवारें भी वापस म्यान में चली गईं। दोनों पक्ष का सारा गुस्सा शांत हो गया। लोगों ने फूलपुर कोतवाली के बेलसिया गांव के प्रेमी युगल की शादी के अवसर पर एक दूसरे से मिलकर खुशियां बांटी। इस विवाह को देखने के लिए पुलिस के साथ गांव के सैकडों पुरुष और महिलाएं उपस्थित थे। इससे पहले तहसील से स्टैंप पेपर मंगवाकर प्रेमी युगल के साथ गवाहों के दस्तखत बनवाए गए। ग्रामीणों के बीच पंचायत के बाद अंतत: शादी की सहमति मिल गई। बाद में भगवान को साक्षी मानकर दोनों एक दूजे के हो गये।
हाईकोर्ट के आदेश से युगल की शादी
लगभग तीन माह पूर्व जौनपुर के खेतासराय में बहुचर्चित प्रेमी प्रेमिका के मामले में हाई कोर्ट की डबल बेंच ने एक साथ रहने का आदेश दे दिया। दो सम्प्रदायों के बीच चल रहे इस विवादास्पद मामले का कोर्ट ने पटाक्षेप कर दिया जिसे लेकर कुछ दिनों तक खासी चर्चाएं चली थी। खेतासराय नगर निवासी अभिषेक बरनवाल उर्फ राहुल का पड़ोस की युवती फहमीदा से काफी दिनों से प्रेम प्रपंच चल रहा था। जुलाई माह में दोनों फरार हो गए। इस घटना को लेकर थाने में काफी रस्सा कसी चली, लेकिन शासन सत्ता के दबाव में लड़की की रजामंदी के बावजूद प्रेमी को गंभीर धाराओं में जेल भेज दिया गया। मामला फिर सिविल कोर्ट में गया जहां विद्वान जज ने युवती फहमीदा की मार्क शीट को आधार मानकर व बोन टेस्ट के बाद बाल न्यायालय में भेज दिया तथा युवक अभिषेक को विभिन्न धाराओं में जेल भेज दिया। ऐसी परिस्थिति में युवती के पिता व भाई हाई कोर्ट की शरण लिए जहां बुधवार को यह केस डबल बेंच में लाया गया। विद्वान न्यायाधीश विजय नारायण व विजय लक्ष्मी ने दोनों पक्षों को सुना तथा युवक युवती से पूछताछ व बोन टेस्ट में युवती को बालिग होने का आधार मानकर एक साथ रहने की इजाजत दे दिया। आदेश मिलते ही दोनों खुशी से झूम उठे। ऐसे में परिजनों ने दोनों का विवाह विधि-विधान से इलाहाबाद के एक मंदिर में कर दिए। फिलहाल कोर्ट के इस फैसले से महीनों से चल रही रस्साकसी का अंत हो गया।