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एलएमआरसी नहीं बना सका आय के स्रोत

खोज रहा उपाए - एलडीए से ढाई साल बाद भी नहीं मिल सकी 150 एकड़ जमीन - पीडीपी व विज्ञाप

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Aug 2017 08:03 PM (IST)Updated: Fri, 18 Aug 2017 08:03 PM (IST)
एलएमआरसी नहीं बना सका आय के स्रोत
एलएमआरसी नहीं बना सका आय के स्रोत

खोज रहा उपाए

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- एलडीए से ढाई साल बाद भी नहीं मिल सकी 150 एकड़ जमीन

- पीडीपी व विज्ञापन से जरूर हुआ कमाई का खाका तैयार

जागरण संवाददाता, लखनऊ :

राजधानी में मेट्रो चलने की तिथि एक तरफ पास आती जा रही है वहीं दूसरी ओर लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन अभी तक अपने आय के स्त्रोत नहीं बना सका है। खासबात है कि शासन के निर्देश पर लखनऊ विकास प्राधिकरण से मिलने वाली 150 एकड़ जमीन का रास्ता ढाई साल बाद भी साफ नहीं हो सका है। वहीं स्टेशनों पर स्टाल व विज्ञापन का काम भी अधूरा है।

राजधानी में मेट्रो के 8.5 किलोमीटर के रूट पर चलाने के लिए हर माह करोड़ों का खर्च आएगा। इसमें बिजली का बिल, कर्मियों का वेतन सहित कई खर्च शामिल हैं। इन खर्चो को निकालने के लिए यात्रियों से होने वाली आय ऊंट के मुंह में जीरा होगी। लखनऊ मेट्रो की मंशा है कि आठ स्टेशनों पर प्रापर्टी डेवलपमेंट एरिया (पीडीपी) यानी स्टॉल खोले जाने हैं। इसकी प्रक्रिया अभी चल रही है। करीब आठों स्टेशनों पर 4000 स्क्वायर मीटर का उपयोग पीडीपी के लिए होगा। प्रत्येक स्टेशन पर दो से तीन सौ स्क्वायर मीटर एरिया लिया जाएगा। सबसे ज्यादा क्षेत्रफल ट्रांसपोर्ट नगर और चारबाग मेट्रो स्टेशन पर लिया गया है। प्रत्येक स्टेशन पर एटीएम, निजी कंपनियों के टॉवरों से भी हर माह लाखों की आय होने का दावा किया गया है।

यही नहीं स्टेशनों पर विज्ञापन के लिए निकाले गए टेंडरों की प्रकिया अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी अमित कुमार श्रीवास्तव कहते हैं कि आगामी चंद सप्ताह में पीडीपी व विज्ञापन से जुड़ा काम पूरा कर लिया जाएगा। उनके मुताबिक लखनऊ मेट्रो पूरी योजना से काम कर रहा है। इसलिए वित्तीय समस्या फिलहाल नहीं आने वाली।

कोच के भीतर भी विज्ञापन

मेट्रो कोच के भीतर भी विज्ञापन लगाएगा। प्रति कोच में छह एलइडी लगाने की योजना है। यानी चार कोचों में चौबीस विज्ञापन लगाए जा सकेंगे। शुरुआती चरण में यह सुविधा उन सभी ट्रेनों में उपलब्ध रहेगी, जो नार्थ साउथ कारीडोर के प्राथमिक सेक्शन में चलेंगी।


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