लखनऊ में गायत्री प्रजापति के रसूख पर चला बुलडोजर
इलाहाबाद हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद आज एलडीए की टीम तीन बुलडोजर लेकर गायत्री का अवैध निर्माण तोडऩे पहुंची।
लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के रसूख पर बुलडोजर चल गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की टीम ने आज गैंगरेप तथा पॉक्सो के मामले में जेल में बंद पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के अवैध निर्माण को गिरा दिया है।
अखिलेश यादव सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति ने लखनऊ के आशियाना क्षेत्र के सालेह नगर में अवैध निर्माण कराया था। जिसको गिराने की हिम्मत लखनऊ विकास प्राधिकरण की टीम नही जुटा पा रही थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद आज एलडीए की टीम तीन बुलडोजर लेकर गायत्री का अवैध निर्माण तोडऩे पहुंची।
जब एलडीए ने निर्माणाधीन बिल्डिंग की जांच कराई तो पता चला कि अपने रुतबे की बदौलत गायत्री ने एलडीए की अधिकृत भूमि के एक हिस्से पर कब्जा भी कर लिया था।
देखें तस्वीरें : लखनऊ में तोड़ा गया गायत्री का अवैध निर्माण
गुरुवार को हाइकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने गायत्री के बेटे अनुराग प्रजापति की ओर से दायर याचिका पर बिल्डिंग के ढहाए जाने पर फिलहाल रोक लगाए जाने की मांग को अस्वीकार कर दिया था।
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वहीं कोर्ट ने याची की अंतरिम आदेश की अर्जी को खारिज करते हुए अगली सुनवाई 19 जून को नियत की थी। सुनवाई के दौरान अदालत ने एलडीए के अफसरों को भी आड़े हाथ लिया था। गायत्री प्रजापति ने इस बिल्डिंग का नक्शा भी आवासीय पास कराया था, लेकिन इस पर अपने रसूख का प्रयोग करके व्यावसायिक निर्माण करा लिया था।
Officials of Lucknow Development Authority demolish illegal construction raised by Gayatri Prajapati in Ashiyana's Saleh Nagar pic.twitter.com/Mn791eYX2r— ANI UP (@ANINewsUP) June 17, 2017
इसके बाद टीम ने तीन बुलडोजर के साथ गायत्री प्रसाद प्रजापति के रसूख पर प्रहार करना शुरू किया। विरोध की आशंका के बीच पीएसी की टीम की एलडीए के दस्ते के साथ मौके पर थी।
आशियाना के सालेह नगर में गायत्री ने तमाम विरोध के बाद भी बहुमंजिला इमारत खड़ी कर ली थी। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करीब 11:30 बजे शुरु हुई थी। इसके विरोध में वहां पर कोई भी नहीं आया। अवैध निर्माण तोड़ने के दौरान एलडीए के संयुक्त सचिव, एसपी सिटी और जिला प्रशासन से एसीएम,पीएसी के साथ मौके पर मौजूद रहे। इसके अलावा वीसी प्रभु एन सिंह खुद एलडीए की टीम के साथ पोकलैंड जैसी मशीन लेकर पहुंचे। अवैध निर्माण गिराने के दौरान भारी मात्रा में पुलिस फोर्स मौजूद रहा।
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बिल्डिंग के ध्वस्तीकरण के दौरान गायत्री के समर्थकों ने विरोध किया लेकिन पुलिस प्रशासन की टीम के आगे उनकी एक ना चली। हाईकोर्ट के आदेश पर पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए एलडीए ने पहले काफी निष्क्रियता दिखाई थी। बताया जाता है कि तब गायत्री की हनक के आगे वरिष्ठ अधिकारियों की तरफ से ही करवाई ना करने के निर्देश दिए थे।
प्राधिकरण ने 2016 में पूर्व विहित प्राधिकारी के आदेश पर निर्माणाधीन बिल्डिंग इंजीनियर और प्रवर्तन टीम के साथ सिर्फ नोटिस चस्पा की। इसमें 15 दिन में खुद ही निर्माण तोड़ना था। यह आदेश गायत्री प्रजापति की जगह एसपी सिंह व अन्य के नाम से किया गया। इस के बाद भी एलडीए के मानचित्र सेल में संशोधन नक्शा पास करने की फाइल भी चलती रही। 20 दिसंबर 2016 को भी एक संशोधित नक्शा जमा किया गया था।
24 दिसंबर 2016 को खारिज किया गया। फाइल 2016 के अंत में प्रवर्तन विभाग को कार्रवाई के लिए भेज दी गई। यहां अप्रैल में नाम सुधार की कवायद शुरू हो गई और 1 महीने में सही नाम से नोटिस भेजकर नया वाद (LDA demolishes) विहित प्राधिकारी कोर्ट में दायर किया गया।