नये वकीलों को मिलेगा तीन साल तक प्रतिमाह पांच हजार: बृजेश पाठक
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि नए वकीलों को बार कौंसिल में पंजीकरण कराने के बाद सरकार उन्हें तीन वर्ष तक प्रति माह पांच हजार रुपया भत्ता देगी।
लखनऊ (जेएनएन)। नए वकीलों को अब परेशान नहीं होगा पड़ेगा। वकालत की पढ़ाई करने के बाद बार कौंसिल में पंजीकरण कराने के बाद सरकार उन्हें तीन वर्ष तक प्रति माह पांच हजार रुपया भत्ता देगी। अधिवक्ता कल्याण निधि का लाभ भी अब 70 वर्ष तक मिलेगा। सरकार वकीलों की हर समस्या को लेकर गंभीर है। उसका निराकरण कराने को विचार मंथन भी चल रहा है।
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विधि मंत्री बृजेश पाठक आज उन्नाव जिला बार एसोसिएशन के शपथ ग्रहण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लेने आए। कानपुर और उन्नाव में उनका जोरदार स्वागत हुआ। उनके उन्नाव शहर में पहुंचते ही बड़ी संख्या में वकील और गण्यमान्य नागरिक उनके स्वागत को उमड़े। दोनों जगह मंत्री ने कई कार्यक्रमों में शिरकत की। आज उन्होंने कहा कि आने वाला कल नए वकीलों का है। आम तौर पर पढ़ाई पूरी करने के बाद जब वह रजिस्ट्रेशन कराकर कचहरी में कदम रखते हैं तो उन्हें शुरुआती दौर में केस नहीं मिलते हैं। वह अपने सीनियरों से सीखने के लिए मेहनत करते हैं लेकिन आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है।
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प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने नए वकीलों के दर्द को समझा है और उनकी मदद करने के लिए रजिस्ट्रेशन की तिथि से तीन वर्ष तक पांच हजार रुपये प्रतिमाह भत्ता देकर उन्हें आगे बढऩे में मदद का रास्ता खोला है। उन्होंने बताया कि अभी तक आकस्मिक निधन पर अधिवक्ता कल्याण निधि से 60 वर्ष तक की आयु वाले वकीलों को ही पांच लाख रुपये की मदद मिलती थी सरकार ने अब 60 वर्ष से आयु बढ़कर 70 वर्ष कर दी है।
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प्रदेश में बनेंगी 1100 पारिवारिक अदालतें
ब्रजेश पाठक प्रदेश में पारिवारिक विवादों के जल्द निस्तारण के लिए प्रदेश सरकार ने 1100 नई पारिवारिक अदालतों के गठन का निर्णय लिया है। जल्द ही प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। बुधवार को बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे ब्रजेश पाठक ने विभिन्न मसलों पर खुलकर बात की। प्रदेश सरकार अपर सत्र न्यायाधीश/सेशन जज के 100 नए पद सृजित करने जा रही है। इसके साथ ही सिविल जज सीनियर डिवीजन के भी 100 नए पद सृजित होंगे जबकि 300 पद सिविल जज जूनियर डिवीजन के लिए होंगे। इस तरह 500 नई अदालतों के गठन पर काम चल रहा है। लगातार बढ़ रहे दीवानी और फौजदारी मुकदमों को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है।
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47 स्थायी लोक अदालतों की प्रकिया शुरू
मुकदमों को सुलह समझौता से निस्तारित करने में लोक अदालतों ने बेहतर कार्य किया है। इसे देखते हुए सरकार स्थायी लोक अदालत गठित करने पर काम कर रही है। प्रदेश के 47 जिलों में स्थायी लोक अदालत के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एंटी रोमियो स्क्वाड से बदलकर बने महिला सुरक्षा दल को सरकार कानूनी रूप भी दे सकती है। विधि मंत्री ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार वचनबद्ध है। मौजूदा पुलिस बल से ही जवान सादी वर्दी में बाजार, स्कूल, चिकित्सालय व अन्य सार्वजनिक जगहों पर तैनात रहते हैं। छेड़खानी और उत्पीडऩ न रुका तो इसे कानूनी रूप देकर और कठोर बनाने से भी सरकार पीछे नहीं हटेगी।
गवाहों को सुरक्षा दिलाएंगे शासकीय अधिवक्ता
सजा के ग्राफ में लगातार आ रही कमी और गवाहों की सुरक्षा से सरकार कोई समझौता नहीं करेगी। शासकीय अधिवक्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराएं और सुनिश्चित करें कि अपराधियों को शत प्रतिशत सजा हो। शासकीय अधिवक्ताओं के चयन में अब तक की सरकारों ने मानकों की अनदेखी की है। अब शासकीय अधिवक्ताओं का मेरिट के आधार पर चयन होगा। पर्याप्त अनुभव को ही पात्रता का आधार बनाया गया है।