सुकमा के शहीदों को अंतिम विदाई में उमड़ पड़ा जनसैलाब
छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में शहीद सीआरपीएफ के कमांडो एटा के किशनपाल के अंतिम संस्कार के वक्त मौसम ने भी रुख बदल लिया।
लखनऊ (जेएनएन)। शहीदों को यह प्रकृति का नमन था। छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में शहीद सीआरपीएफ के कमांडो एटा के किशनपाल के अंतिम संस्कार के वक्त मौसम ने भी रुख बदल लिया। सूरज की प्रचंडता भी कम हो गई। उधर मुजफ्फरनगर के गांव निरगाजनी में भी शहीद मनोज कुमार के अंतिम दर्शन को जन सैलाब उमड़ पड़ा। दोनों ही शहीदों का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। राजकीय और सैनिक सम्मान के साथ शहीदों को अंतिम सलामी दी गई। इस दौरान नारों से पूरा माहौल गूंजता रहा। अपने लाल की शहादत पर लोग गौरवान्वित थे तो परिजन शोकाकुल भी।
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शहीद किशनपाल का पार्थिव शरीर लेकर सीआरपीएफ की दो टुकडिय़ां नगला डांडी गांव में सुबह करीब छह बजे पहुंचीं। आसपास के गांवों से भी हुजूम अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ा। पार्थिव शरीर को सबसे पहले घर ले जाया गया, जहां परिजनों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद गांव के बाहर खेत में चिता सजाई गई। यहां पर राज्य सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री एसपी बघेल और अतुल गर्ग ने पुष्पाजंलि दी। सीआरपीएफ की टुकड़ी ने अंतिम सलामी दी। मुखाग्नि बड़े भाई चंद्रपाल यादव ने दी। शहीद की पत्नी सरोजना को 20 लाख रुपये मुख्यमंत्री कोष, 6 लाख रुपये राज्यपाल कोष और 5 लाख रुपये के चेक जिलाधिकारी कोष से दिए गए।
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उधर मुजफ्फरनगर के गांव निरगाजनी में भी शहीद मनोज कुमार को भी अंतिम विदाईं देने भीड़ उमड़ पड़ी। बुधवार सुबह गांव के बाहर खेत में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। बड़े भाई ने मुखाग्नि दी। भीड़ ने शहीद के सम्मान में नारेबाजी भी की। कैबिनेट मंत्री सतीश महाना ने शहीद की मां राजेश देवी को पच्चीस लाख रूपये का चेक दिया। मंगलवार रात करीब ढाई बजे मनोज कुमार का तिरंगे में लिपटा शव गांव में पहुंच गया था। अंतिम संस्कार में कई मंत्री व विधायकों के अलावा सीआरपीएफ केंद्र रामपुर के डीआईजी प्रवीण कुमार, ग्रेटर नोएड़ा के डीआईजी सुनील दत्त आदि ने पुष्पचक्र समर्पित कर श्रद्धांजलि दी।