थाने खाली पड़े हैं, पुलिस लाइन में आराम फरमा रहे कर्मी
राजधानी में 7,276 पुलिसकर्मियों की आवश्यकता, 5,506 उपलब्ध, 1770 रिक्तियां। सिविल पुलिस के 641 पुलिसकर्मी लाइन में आराम फरमा रहे। विवेचना पूरी न होने पर थमाया जा रहा नोटिस।
लखनऊ, (शोभित मिश्र)। पीजीआइ थाना क्षेत्र में एक बच्ची की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। पुलिस की वीआइपी ड्यूटी लगने की वजह से थाने में स्टाफ कम था। जिसकी वजह से पुलिस मौके पर दो घंटे बाद पहुंची। तब तक मासूम का शव सड़क पर ही पड़ा रहा। गोमतीनगर क्षेत्र में एक फ्लैट में कुछ असामाजिक तत्व घुसकर धमकी देने लगे। सूचना मिलने के ढाई घंटे बाद पुलिस पहुंची। न्यायिक परीक्षा में अधिकांश पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगी थी। थाने में स्टाफ ही नहीं था।
ये दो मामले तो महज बानगी भर हैं। इन दिनों राजधानी के 43 थानों का यही हाल है। इस व्यवस्था के लिए एसएसपी, सीओ लाइन और प्रतिसार निरीक्षक साफतौर से जिम्मेदार हैं। एक ओर थानों में पुलिस बल की कमी के चलते छह हजार विवेचनाएं लंबित हैं और लाइन में सिविल पुलिस (सीपी) के 60 इंस्पेक्टर और 74 दारोगा रिजर्व करके रखे गए हैं। एसएसपी विवेचकों को नोटिस तो दे रहे हैं, लेकिन लाइन में रिजर्व इंस्पेक्टर और दारोगाओं को थानों में ड्यूटी क्यों नहीं दे रहे? जिससे लंबित विवेचनाएं आसानी से निपट सकें। लाइन में सीपी के 641 पुलिसकर्मियों को बैठाया गया है। इनमें 146 मुख्य आरक्षी और 361 सिपाही हैं।
सेवानिवृत्त अधिकारियों का कहना है कि सिपाहियों से विवेचना नहीं कराई जा सकती, लेकिन क्राइम कंट्रोल में तो लगाया जा सकता है। क्राइम कंट्रोल और विवेचना को अलग-अलग करने के नाम पर भी पुलिस की कमी को आगे रखा जाता है, लेकिन लाइन में रिजर्व पुलिस बल पर किसी अधिकारी का ध्यान क्यों नहीं जा रहा। वीआइपी सिक्योरिटी, धरना प्रदर्शन, परीक्षाओं समेत अन्य स्थानों पर ड्यूटी के चलते थानों में बेहद कम स्टाफ बचता है। थाने खाली हैं और अधिकारियों ने लाइन में पुलिस रिजर्व करके रखी है। आंकड़ों के मुताबिक 43 थानों में 7,276 पुलिसकर्मियों का स्वीकृत नियतन है, इनमें 5,506 उपलब्ध हैं और 1,770 पुलिसकर्मियों की रिक्तियां हैं।
43 थानों में पुलिस बल
उपलब्ध नियतन रिक्तियां
5506 7276 1770
लाइन में सिविल पुलिस की संख्या : इंस्पेक्टर 60, दारोगा 74, मुख्य आरक्षी 146, आरक्षी 361
लाइन में रिजर्व आर्म पुलिस की संख्या
- दारोगा-02, मुख्य आरक्षी-12, आरक्षी-60
- लाइन में सीपी और एपी के 1960 पुलिसकर्मी
- पुलिस लाइन से मिले आंकड़ों के मुताबिक यहां सिविल पुलिस (सीपी) और आर्म पुलिस (एपी) के कुल 1960 पुलिसकर्मी हैं। सीपी के 641 और एपी के 74 पुलिसकर्मी लाइन में रिजर्व हैं। यानी लाइन में कुल 715 पुलिसकर्मी हैं। इसके अतिरिक्त शेष 1245 पुलिसकर्मी विभिन्न कार्यालयों से अटैच हैं।
क्या कहते हैं विभाग के जिम्मेदार
मैंने अभी जल्द ही ज्वाइन किया है, आपके माध्यम से ये गंभीर मामला संज्ञान में आया है। पुलिस लाइन में जो भी सिविल पुलिस के पुलिसकर्मी हैं, उन्हें थानों में तैनात किया जाएगा।
एसके भगत, आइजी रेंज लखनऊ
सीपी और एपी का अब कोई मतलब नहीं, जहां जरूरत पड़ती है, सबसे ड्यूटी ली जाती है, लेकिन लाइन में भी पुलिसकर्मियों की कमी है। इसपर सीओ लाइन से बात करिये, मैं बाद में बात करता हूं।
कलानिधि नैथानी, एसएसपी लखनऊ
सीओ लाइन अमित कुमार ने बताया कि लाइन में पुलिस रिजर्व इसलिए रखे हैं कि अगर कोई बड़ा कार्यक्रम या आकस्मिक दुर्घटना हो जाए तो वहां भेजा जा सके। 1960 पुलिसकर्मियों में 450 लोगों की बैंक में ड्यूटी लगी है। अन्य पुलिस बल की भी ड्यूटी लगी है। यह पूछे जाने पर कि इनको थाने से अटैच करके भी बैंक ड्यूटी के लिए भेजा जा सकता है, तो वह गोलमोल जवाब देने लगे।
प्रतिसार निरीक्षक प्रथम (आरआइ) आशुतोष कुमार सिंह से बात की गई। उनका कहना था कि लाइन में रिजर्व पुलिस बल को एसएसपी के निर्देश पर ही थानों में भेज सकते हैं।