KGMU में किशोरी से छेड़छाड़ करने वाला डॉक्टर निलंबित, वार्ड ब्वॉय को हटाया Lucknow News
पीडि़ता के न्याय के लिए डॉक्टरों ने ही उठाई आवाज। कहा डॉक्टर की पत्नी के साथ भी कर चुका खिलवाड़।
लखनऊ, जेएनएन। जूनियर डॉक्टर द्वारा वार्ड में किशोरी से छेड़छाड़ के बाद वरिष्ठ से लेकर जूनियर डॉक्टरों ने पीडि़ता के लिए आवाज बुलंद की। इसके बाद केजीएमयू प्रशासन ने आरोपित डॉक्टर को निलंबित कर दिया, वहीं वार्ड ब्वॉय को नौकरी से निकाल दिया गया। वहीं दोनों कैंपस से फरार रहे।
केजीएमयू के शताब्दी-फेज टू के भूतल पर रेडिएशन आंकोलॉजी में 16 वर्षीय किशोरी पिता की देखरेख के लिए वार्ड में ठहरी थी। मंगलवार रात को जूनियर डॉक्टर ने नशे की हालत में किशोरी को कक्ष में बुलाकर छेड़छाड़ की। मगर, कार्रवाई के बजाए मामला को दबा दिया गया। शुक्रवार के अंक में 'दैनिक जागरण' ने पीडि़ता की घटना को प्रमुखता से प्रकाशित किया। इसके बाद नेशनल मेडिकल आर्गेनाइजेशन के सचिव डॉ. भूपेंद्र सिंह व रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राहुल कुमार ने कैंपस में बैठक की।
उन्होंने अफसरों से तुंरत सख्त कार्रवाई की मांग की। कहा, कि यह चिकित्सक साथी डॉक्टर की पत्नी की अस्मत पर भी हाथ डाल चुका है। बावजूद पीडि़त डॉक्टर पर ही कार्रवाई कर हॉस्टल से निकाल दिया गया।
विभागाध्यक्ष ने उजागर की करतूत, अक्सर रहता था नशे में
चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरएएस कुशवाहा के मुताबिक रेडिएशन आंकोलॉजी के विभागाध्यक्ष की रिपोर्ट में जूनियर रेजीडेंट डॉ. विजय अरोड़ा व वार्ड ब्वॉय पंकज अवस्थी को नशे में बताया गया। विभागाध्यक्ष ने यह भी माना कि दोनों पहले भी शराब पीकर ड्यूटी पर आया करते थे।
कंपनी पर जुर्माना, प्रवेश पर प्रतिबंध
चीफ प्रॉक्टर डॉ. आरएस कुशवाहा के मुताबिक आरोपित वार्ड ब्वॉय पंकज अवस्थी को नौकरी से निकाल दिया गया है। वहीं संबंधित एजेंसी लायलटेक मैनेजमेंट सर्विस पर 25000 का अर्थदंड लगाया गया है।
जांच कमेटी गठित, हॉस्टल में रोक
चीफ प्रॉक्टर डॉ. आरएएस कुशवाहा के मुताबिक डॉ. विजय अरोड़ा को निलंबित कर हॉस्टल में रोक लगा दी गई है। कुलपति के निर्देश पर चार सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है। इसमें फिजियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुनीता तिवारी, फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अनूप वर्मा, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीके ओझा, क्वीनमेरी की डॉ. सुजाता देव शामिल हैं।
एफआइआर से आनाकानी
केजीएमयू प्रशासन ने कागजी कार्रवाई तो कर दी। मगर, नाबालिग के साथ छेड़छाड़ की घटना के बावजूद एफआइआर नहीं कराई गई। चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरएएस कुशवाहा ने जांच के बाद एफआइआर कराने का दावा किया।