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प्रदेश अध्यक्ष का पद छोडेंगे केशव, ब्राह्मण या दलित को मिल सकती है कमान

केशव को सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है इसलिए संगठन की कमान किसी और को सौंपी जा सकती है। संगठन का ढांचा दुरुस्त करने के लिये ब्राह्मण या दलित को कमान मिल सकती है ।

By Ashish MishraEdited By: Published: Mon, 20 Mar 2017 09:16 PM (IST)Updated: Tue, 21 Mar 2017 10:00 AM (IST)
प्रदेश अध्यक्ष का पद छोडेंगे केशव, ब्राह्मण या दलित को मिल सकती है कमान
प्रदेश अध्यक्ष का पद छोडेंगे केशव, ब्राह्मण या दलित को मिल सकती है कमान

लखनऊ [आनन्द राय]। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. दिनेश शर्मा को उप मुख्यमंत्री बनाये जाने के बाद अब संगठन में बदलाव की आहट सुनाई पडऩे लगी है। संगठन में महत्वपूर्ण पद वाले कई और लोगों के मंत्री बनने के बाद माना जा रहा है कि अब नये सिरे से गठन होगा। भाजपा के दिग्गजों ने अब प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय संगठन में खाली हो रहे पदों पर काबिज होने के लिए अभी से जोड़-तोड़ शुरू कर दिया है। 

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अब चूंकि केशव को सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है इसलिए संगठन की कमान किसी और को सौंपी जा सकती है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले संगठन का ढांचा दुरुस्त करने की प्रक्रिया शुरू की तो पिछड़ी जाति को प्राथमिकता दी गयी। संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने पिछड़ों को आगे करने का फार्मूला तैयार किया और इस समय संगठन में 67 फीसद पिछड़ों की भागीदारी है। संभव है कि केशव के बाद भी किसी पिछड़े को ही कमान सौंपी जाए। पर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ-सबका विकास नारे को चरितार्थ करते हुए भाजपा ब्राह्मण को भी संगठन की कमान सौंप सकती है। दलित चेहरे पर भी भाजपा दांव लगा सकती है। चुनाव में दलितों ने भी भाजपा को भरपूर समर्थन दिया।

अध्यक्ष पद के ये हो सकते दावेदार
मंत्रिमंडल में पश्चिमी उत्तर प्रदेश को भरपूर स्थान न मिलने की वजह से माना जा रहा है कि संगठन में पश्चिमी उत्तर प्रदेश को प्राथमिकता मिल सकती है। अगर दलित नेतृत्व की तलाश हुई तो आगरा के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रामशंकर कठेरिया, बुलंदशहर के सांसद डॉ. भोला सिंह, कौशांबी के सांसद विनोद सोनकर, पूर्व विधायक मुंशी लाल गौतम या फिर पूर्वांचल से प्रदेश महामंत्री विद्यासागर सोनकर को मौका मिल सकता है। ब्राह्मण चेहरे में प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक जबकि पिछड़े चेहरे में अशोक कटारिया की सबसे अहम दावेदारी है। अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम, बस्ती के सांसद और भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हरीश द्विवेदी समेत कई महत्वपूर्ण नाम हैं। यूं तो और भी कई नाम हैं लेकिन अध्यक्ष के लिए प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की पसंद भी जरूरी है।

शाह टीम में रमापति या लक्ष्मीकांत को मिल सकती जगह
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. दिनेश शर्मा की जगह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमापति राम त्रिपाठी और डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी का नाम चल पड़ा है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की टीम में इन्हें शामिल किया जा सकता है। भाजपा संगठन में राष्ट्रीय मंत्री रहे डॉ. महेन्द्र सिंह की जगह भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय पाल तोमर को मौका मिल सकता है।

इन पदों पर भी होगा समायोजन
भाजपा के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष दारा सिंह चौहान, प्रदेश उपाध्यक्ष आशुतोष टंडन, प्रदेश महामंत्री स्वतंत्र देव सिंह और अनुपमा जायसवाल अवध के क्षेत्रीय अध्यक्ष मुकुट विहारी वर्मा व पश्विम के क्षेत्रीय अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी तथा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष स्वाती सिंह को मंत्रिमंडल में स्थान मिलने के बाद इन पदों पर भी दूसरे नेताओं की ताजपोशी हो सकती है। महिला मोर्चा के अध्यक्ष के लिए मीना चौबे, अलका मिश्रा, ऊर्विजा दीक्षित, सरिता भदौरिया, अनीता अग्रवाल, सांसद नीलम सोनकर, प्रियंका रावत समेत कई नामों पर चर्चा शुरू हो गयी है।


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