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सीएम योगी के साथ केशव प्रसाद व डॉ. दिनेश शर्मा लेंगे डिप्टी सीएम पद की शपथ

कल योगी के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या तथा लखनऊ के महापौर डॉ. दिनेश शर्मा डिप्टी सीएम यानी उप मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेंगे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 18 Mar 2017 07:04 PM (IST)Updated: Sun, 19 Mar 2017 10:58 AM (IST)
सीएम योगी के साथ केशव प्रसाद व डॉ. दिनेश शर्मा लेंगे डिप्टी सीएम पद की शपथ
सीएम योगी के साथ केशव प्रसाद व डॉ. दिनेश शर्मा लेंगे डिप्टी सीएम पद की शपथ
लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने की ओर बढ़ी भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ के नाम पर मुहर लग गई। कल योगी के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या तथा लखनऊ के महापौर डॉ. दिनेश शर्मा डिप्टी सीएम यानी उप मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेंगे। 
लोक भवन में आग विधायक दल की बैठक के बाद सीएम और डिप्टी सीएम के नाम की औपचारिक घोषणा आज कर दी गई। योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश की कमान सौंपने के बाद दो डिप्टी सीएम के फार्मूला को अपनाया गया है। 
केशव प्रसाद मौर्या
कौशाम्बी में किसान परिवार में पैदा हुए केशव प्रसाद मौर्य के बारे में कहा जाता है कि उन्होने संघर्ष के दौर में पढ़ाई के लिए अखबार भी बेचे और चाय की दुकान भी चलाई। चाय पर जोर देने का कारण साफ है कि कहीं न कहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी इससे जुड़ाव रहा है, ऐसे में सहानुभूति मिलना तय है। मौर्य आरएसएस से जुडऩे के बाद वीएचपी और बजरंग दल में भी सक्रिय रहे। हालांकि हलफनामे के मुताबिक आज की स्थिति काफी अलग है। उनके और उनकी पत्नी के पास करोड़ों की संपत्ति है। हलफनामे के अनुसार आज केशव दंपती पेट्रोल पंप, एग्रो ट्रेडिंग कंपनी, कामधेनु लाजिस्टिक आदि के मालिक हैं और साथ ही जीवन ज्योति अस्पताल में दोनों पार्टनर हैं। सामाजिक कार्यो के लिए कामधेनु चेरिटेबल सोसायटी भी बना रखी है।
हिंदुत्व से जुड़े राम जन्म भूमि आंदोलन, गोरक्षा आंदोलनों में हिस्सा लिया और जेल गए। इलाहाबाद के फूलपुर से 2014 में पहली बार सांसद बने मौर्या काफी समय से विश्व हिंदू परिषद से जुड़े रहे हैं। इन सबके बावजूद यूपी के राजनीतिक पटल पर उनकी बड़ी पहचान नहीं है। 
जातिगत परिचय - मौर्य कोइरी समाज के हैं और यूपी में कुर्मी, कोइरी और कुशवाहा ओबीसी में आते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के साथ अन्य चुनावों में भी बीजेपी को गैर यादव जातियों में इन जातियों का समर्थन मिलता रहा है और यही वजह है कि पार्टी ने पिछड़ी जातियों को अपने समर्थन का संदेश भी दे दिया है। 
राजनीतिक करियर- जहां तक राजनीतिक करियर का सवाल है तो विश्व हिंदू परिषद से जुड़े केशव 18 साल तक इलाहाबाद में गंगापार और यमुनापार में प्रचारक रहे। 2002 में शहर पश्चिमी विधानसभा सीट से उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी के रूप में राजनीतिक सफर शुरू किया लेकिन बसपा प्रत्याशी राजू पाल के हाथों हार का सामना करना पड़ा। लेकिन मौर्य के लिए हार का सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ, 2007 के चुनाव में भी उन्होंने इसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और एक बार फिर हार का मुंह देखना पड़ा। लेकिन आखिरकार 2012 के चुनाव में उन्हें सिराथू विधानसभा सीट से भारी जीत मिली। दो साल तक विधायक रहने के बाद 2014 लोकसभा चुनाव में पहली बार फूलपुर सीट पर बीजेपी का झंडा फहराया।
डॉ दिनेश शर्मा
लखनऊ के महापौर डॉ. दिनेश शर्मा डिप्टी सीएम चुने गए हैं। फिलहाल डॉ. दिनेश शर्मा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। साथ ही गुजरात के राज्य प्रभारी भी हैं। वह भाजपा के सदस्यता अभियान के प्रभारी भी थे। इनकी गिनत साफ-सुथरी छवि वाले नेताओं में होती है। शर्मा पीएम मोदी और अमित शाह के बेहद विश्वासपात्र माने जाते हैं।

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