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भाजपा के निशाने पर आए तौकीर

लखनऊ। ऑल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल और आम आदमी पार्टी के बीच सियासी रिश्ता जुड़ने से पह

By Edited By: Published: Wed, 06 Nov 2013 12:47 AM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2013 12:48 AM (IST)
भाजपा के निशाने पर आए तौकीर

लखनऊ। ऑल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल और आम आदमी पार्टी के बीच सियासी रिश्ता जुड़ने से पहले ही टूटने की नौबत दिख रही है। भाजपा ने मौलाना तौकीर रजा खां पर 2010 में दंगे के आरोप में जेल जाने और बांग्लादेश की विवादास्पद लेखिका तसलीमा नसरीन का सिर कलम किए जाने संबंधी बयान को लेकर निशाना साधा है। इस मुद्दे पर मौलाना के साथ आप पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल की भी घेराबंदी हो रही है। दिल्ली में केजरीवाल तो बरेली में मौलाना ने सफाई दी है।

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आप पार्टी के संयोजक केजरीवाल पहली नवंबर को बरेली आए थे। उन्होंने मौलाना तौकीर रजा खां के दरगाह आला हजरत स्थित घर जाकर दिल्ली विधानसभा के चुनाव में उनका साथ मांगा था। मौलाना ने यह कहते हुए हां कर दी थी कि गठबंधन की मर्यादा में रहते हुए कोई न कोई हल निकाल लेंगे। अब आकर दोनों के बीच इस मुलाकात का मामला तूल पकड़ गया है। भाजपा की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आ रही है। 2010 के दंगे में जेल जाने को लेकर भाजपा उन्हें समाज विरोधी बताने की कोशिश में लग गई है। उसकी तरफ से यह भी बताने के प्रयास हो रहे हैं कि यह वही मौलाना हैं, जिन्होंने 2003 में बंगलादेश की लेखिका तसलीमा नसरीन का सिर कलम करके लाने वाले को इनाम की घोषणा की थी। रकम इतनी बड़ी थी कि उसको लेकर भी लोगों ने हैरानी जताई थी।

इन्हीं तमाम आरोपों पर केजरीवाल और मौलाना तौकीर को सफाई देने पर मजबूर कर दिया है। चूंकि आप पार्टी का यह पहला चुनाव है, जिसे बेईमानी-भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर बेदाग छवि के उम्मीदवारों के बूते लड़ा जा रहा है। ऐसे में मौलाना तौकीर और अरविंद केजरीवाल में सियासी रिश्ता कायम रह पाना मुश्किल होगा। कोई दोराय नहीं कि रिश्ता जुड़ने से पहले तलाक हो जाए।

मौलाना तौकीर अपनी सफाई में बोले, दंगे के इल्जाम में पुलिस ने मुल्जिम जरूर बनाया था लेकिन बाद में धारा 169 के तहत बेगुनाह बताकर रिहा कर दिया। रहा सवाल बांग्लादेश की विवादास्पद लेखिका तसलीमा नसरीन से जुड़े सवाल का तो यह फैसला मेरी अगुवाई में वाले पर्सनल लॉ बोर्ड का था। सभी ने इस बात पर नाराजगी जताई थी कि तसलीमा के लिए उसके अपने मुल्क के दरवाजे बंद हो चुके तो हिंदुस्तान में पनाह नहीं देना चाहिए। मौैलाना तौकीर रजा खां ने मांग उठाई कि चुनाव आयोग को भाजपा पर पाबंदी लगा देना चाहिए इसलिए क्योंकि इस पार्टी की बदौलत मुल्क एक और बंटवारे की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने मंदिर निर्माण के लिए करोड़ों रुपये का चंदा किया। उस पर आने वाले ब्याज से नरेंद्र मोदी की रैलियां कराई जा रही हैं।

कौन हैं मौलाना : आला हजरत खानदान से ताल्लुक रखने वाले मौलाना तौकीर रजा खां ने आल इंडिया इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल के नाम से अपनी पार्टी बना रखी है। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने खाता भी खोला था। 2010 में ईदमिलादुन्नबी के जुलूस में बवाल के बाद भड़के दंगे में उन्हें जेल भेज दिया गया था। तसलीमा नसरीन से जुड़े बयान को लेकर भी विवादों में रहे।

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