Move to Jagran APP

काशी के आर्यन बने यूपी टॉपर, नीट में ऑल इंडिया नौवीं रैंक

नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) में बनारस के आर्यन राज सिंह को ऑल इंडिया स्तर पर नौवीं रैंक मिली है। आर्यन को एम्स-2017 में 11वीं रैंक मिली थी।

By Ashish MishraEdited By: Published: Fri, 23 Jun 2017 02:07 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jun 2017 03:05 PM (IST)
काशी के आर्यन बने यूपी टॉपर, नीट में ऑल इंडिया नौवीं रैंक
काशी के आर्यन बने यूपी टॉपर, नीट में ऑल इंडिया नौवीं रैंक

वाराणसी (जेएनएन)। नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) में बनारस के आर्यन राज सिंह को ऑल इंडिया स्तर पर नौवीं रैंक मिली है। आर्यन को एम्स-2017 में 11वीं रैंक मिली थी। हालांकि आर्यन ने एम्स से ही दाखिला लेने का निर्णय लिया है। आर्यन का मानना है कि एम्स के माध्यम से एमबीबीएस में दाखिला प्रथम रैंक के कालेज में होगा।

loksabha election banner


मेडिकल कालेजों में दाखिले के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) ने नीट की परीक्षा सात मई को कराई थी वहीं सीबीएसई ने 16 मई को उत्तर कुंजी वेबसाइट पर अपलोड की थी। इस बीच परीक्षा निरस्त करने की मांग को लेकर कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। हालांकि सीबीएसई ने परीक्षा निरस्त करने से इंकार कर दिया। इस क्रम में शुक्रवार को सीबीएसई ने नीट का परिणाम भी जारी कर दिया।


आर्यन ने बताया कि मेडिकल रिसर्च के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल करना ही जीवन का मूल उद्देश्य है ताकि सस्ते व सटीक इलाज के रास्ता निकालकर गरीबों की सेवा की जा सके। बनारस में विवेकानंदपुरम कालोनी निवासी आर्यन राज ने डीपीएस वाराणसी से सीबीएसई 12वीं की परीक्षा 96.2 फीसद अंकों के साथ पास की है। आर्यन के पिता डा. संजय कुमार बीएचयू (काशी हिंदू विश्‍वविद्यालय) में संयुक्त रजिस्ट्रार (विकास) पद पर कार्यरत हैं जबकि माता सुनीता सिंह भी बीएचयू में सीएसएसडी इंचार्ज हैं।


आर्यन अपनी कामयाबी का श्रेय माता-पिता के सहयोग व कोचिंग में मिले निर्देशन को देते हैं। माता-पिता को रोल माडल मानने वाले आर्यन को खाली वक्त में फुटबाल खेलना, गिटार बजाना व स्वीमिंग करना पसंद है। मेडिकल क्षेत्र की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को टाइम मैनेजमेंट की सलाह देते हुए आर्यन कहते हैं कि बायो वर्ग के विद्यार्थियों को एनसीईआरटी की किताबों पर ही फोकस रखना चाहिए। सत्र की शुरुआत से ही टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई शुरू करना फायदेमंद होता है। आर्यन ने बताया कि परीक्षा के ठीक पहले दोहराने के लिए रोजाना 15 से 16 घंटे सेल्फ स्टडी की वजह से सारे कांसेप्‍ट बिल्‍कुल साफ थे।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.