काशी के आर्यन बने यूपी टॉपर, नीट में ऑल इंडिया नौवीं रैंक
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) में बनारस के आर्यन राज सिंह को ऑल इंडिया स्तर पर नौवीं रैंक मिली है। आर्यन को एम्स-2017 में 11वीं रैंक मिली थी।
वाराणसी (जेएनएन)। नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) में बनारस के आर्यन राज सिंह को ऑल इंडिया स्तर पर नौवीं रैंक मिली है। आर्यन को एम्स-2017 में 11वीं रैंक मिली थी। हालांकि आर्यन ने एम्स से ही दाखिला लेने का निर्णय लिया है। आर्यन का मानना है कि एम्स के माध्यम से एमबीबीएस में दाखिला प्रथम रैंक के कालेज में होगा।
मेडिकल कालेजों में दाखिले के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) ने नीट की परीक्षा सात मई को कराई थी वहीं सीबीएसई ने 16 मई को उत्तर कुंजी वेबसाइट पर अपलोड की थी। इस बीच परीक्षा निरस्त करने की मांग को लेकर कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। हालांकि सीबीएसई ने परीक्षा निरस्त करने से इंकार कर दिया। इस क्रम में शुक्रवार को सीबीएसई ने नीट का परिणाम भी जारी कर दिया।
आर्यन ने बताया कि मेडिकल रिसर्च के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल करना ही जीवन का मूल उद्देश्य है ताकि सस्ते व सटीक इलाज के रास्ता निकालकर गरीबों की सेवा की जा सके। बनारस में विवेकानंदपुरम कालोनी निवासी आर्यन राज ने डीपीएस वाराणसी से सीबीएसई 12वीं की परीक्षा 96.2 फीसद अंकों के साथ पास की है। आर्यन के पिता डा. संजय कुमार बीएचयू (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) में संयुक्त रजिस्ट्रार (विकास) पद पर कार्यरत हैं जबकि माता सुनीता सिंह भी बीएचयू में सीएसएसडी इंचार्ज हैं।
आर्यन अपनी कामयाबी का श्रेय माता-पिता के सहयोग व कोचिंग में मिले निर्देशन को देते हैं। माता-पिता को रोल माडल मानने वाले आर्यन को खाली वक्त में फुटबाल खेलना, गिटार बजाना व स्वीमिंग करना पसंद है। मेडिकल क्षेत्र की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को टाइम मैनेजमेंट की सलाह देते हुए आर्यन कहते हैं कि बायो वर्ग के विद्यार्थियों को एनसीईआरटी की किताबों पर ही फोकस रखना चाहिए। सत्र की शुरुआत से ही टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई शुरू करना फायदेमंद होता है। आर्यन ने बताया कि परीक्षा के ठीक पहले दोहराने के लिए रोजाना 15 से 16 घंटे सेल्फ स्टडी की वजह से सारे कांसेप्ट बिल्कुल साफ थे।