कांठ कांड में किस पर लगे रासुका, तय नहीं
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। सरकार मुरादाबाद के कांठ में कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बने आरोपियों
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। सरकार मुरादाबाद के कांठ में कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बने आरोपियों को रासुका समेत गंभीर धाराओं में निरुद्ध करने का एलान कर चुकी है, लेकिन पुलिस-प्रशासन अभी तक यह तय नहीं कर सका है कि यह कार्रवाई किस पर की जाए। सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि विवेचना जारी है और पुलिस असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ साक्ष्य जुटा रही है।
सरकार के मंत्री अहमद हसन ने रविवार को यह एलान किया था कि कांठ के आरोपियों पर रासुका लगेगा, लेकिन सोमवार को जब गृह सचिव कमल सक्सेना व पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था अमरेन्द्र कुमार सेंगर से इस संदर्भ में पूछा गया कि कितने लोगों को रासुका में निरुद्ध किया जा रहा है तो उनका जवाब था कि अभी कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं है। सेंगर ने बताया कि एफआइआर में तमाम तत्व हैं जिनके कारण लोक व्यवस्था भंग हुई है। अभिलेखों में दर्ज तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई होगी। सेंगर के मुताबिक कांठ प्रकरण में कुल पांच मुकदमों में 93 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा है।
गृह सचिव कमल सक्सेना ने कहा कि कांठ में कानून-व्यवस्था प्रभावित हुई और अब विवेचना में चिह्नांकन किया जा रहा है। देखा जा रहा है कि कौन पथराव में शामिल रहा और बवाल कराने में किसकी क्या भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि अभी बताना मुश्किल है कि किस पर क्या कार्रवाई हो रही है। यह सतत विधिक प्रक्रिया है, पुलिस विवेचना कर असामाजिक तत्वों की जानकारी हासिल कर रही है।
केंद्र को भेजी रिपोर्ट : गृह सचिव सक्सेना ने पूछे जाने पर स्वीकार किया कि केंद्र ने कांठ प्रकरण में रिपोर्ट मांगी है। कांठ की स्थिति, कार्रवाई व तथ्यों के साथ रिपोर्ट भेज दी गयी है।