जागरण फोरम : बढ़ेगा प्रदेश तो बनेगा देश, 27 को लखनऊ में
'दैनिक जागरण' की ओर से 'बढ़ेगा प्रदेश तो बनेगा देश' सूत्र वाक्य के साथ 27 जून को लखनऊ के होटल ताज विवांता में 'जागरण फोरम' आयोजित किया जा रहा है।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। वक्त की बहती बयार में बीस करोड़ से अधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश में जनाकांक्षाएं और अपेक्षाएं अंगड़ाइयां ले रही हैं। वहीं गंगा के मैदान में बसे प्रदेश में सामाजिक और आर्थिक बदलावों की अंतरधारा भी बह रही है।
संसाधनों की प्रचुरता व विपन्नता की असमानताओं से जूझते, तकनीक को आत्मसात कर आगे बढ़ते, ललकते उत्तर प्रदेश में तरक्की हासिल करने की बेताबी भी देखी जा सकती है। 'उत्तर प्रदेश के बिना भारत की तरक्की अधूरी है ', राष्ट्रीय स्तर पर भी इस पर सर्वसम्मति है।
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यही वजह है कि सामाजिक सरोकारों के प्रति सदैव सजग और प्रतिबद्ध रहने वाले 'दैनिक जागरण' की ओर से 'बढ़ेगा प्रदेश तो बनेगा देश' सूत्र वाक्य के साथ 27 जून को लखनऊ के होटल ताज विवांता में 'जागरण फोरम' आयोजित किया जा रहा है। विकास की अकुलाहट तथा सामाजिक बदलाव की आहट को महसूस करने के साथ यह फोरम सूबे के विकास का खाका खींचने की दिशा में भी सार्थक प्रयास होगा।
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सत्रहवीं विधानसभा चुनाव की ओर से कदम बढ़ाते उत्तर प्रदेश के लिए यह आत्म मूल्यांकन का समय है और राज्य सरकार के लिए अपने कामकाज की जवाबदेही का भी। फोरम का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने इस शासनकाल की उपलिब्धयां बताने के साथ सरकार के मुखिया के तौर पर प्रदेश के विकास को लेकर अपना दृष्टिकोण साझा कर सकते हैं। विकास के मंत्र का जाप करते हुए केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह फोरम का समापन करेंगे।
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विकास के लिए बिजली जरूरी है और दुर्भाग्य से उत्तर प्रदेश ऊर्जा संकट से जूझता रहा है। यही वजह है कि बिजली यहां हमेशा से बड़ा और संवेदनशील मुद्दा रही है। बढ़ती मांग और उसके परंपरागत स्रोतों पर बढ़ते दबाव को देखते हुए अब ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों के दोहन की जरूरत भी शिद्दत से महसूस की जा रही है। उद्घाटन के बाद फोरम के पहले विशेष सत्र में केंद्रीय बिजली, कोयला व नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ऊर्जा और उससे जुड़े विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त करेंगे। दूसरे विशेष सत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद मौजूदा सियासी हालात में उत्तर प्रदेश के विकास की रूपरेखा प्रस्तुत कर सकते हैं।
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चुनावी रणभेरी बजते ही राजनीतिक दलों के नेता आक्रामक बयानबाजी पर उतर आये हैं। चुनावों को प्रभावित करने के मकसद से फिजां में धनबल के इस्तेमाल के साथ मजहबी जज्बातों को उभारने की कोशिशों की सुगबुगाहट महसूस की जा सकती है। बढ़ती चुनावी सरगर्मी के बीच एक बार फिर प्रासंगिक हुए चुनाव सुधारों पर भी फोरम में मंथन होगा जिसमें गर्म बयानबाजी, धन और धर्म के इस्तेमाल के परिप्रेक्ष्य में व्यापक चर्चा होगी। । 'राजनीति और चुनाव सुधार' पर केंद्रित इस वैचारिक मंथन में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, कैराना से भारतीय जनता पार्टी के सांसद व पूर्व मंत्री हुकुम सिंह, पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री जितिन प्रसाद तथा मुलायम और अखिलेश सरकार में मंत्री रहे समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अंबिका चौधरी शिरकत करेंगे।
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'विजन 2020 और उत्तर प्रदेश' पर केंद्रित दूसरे मंथन सत्र में मंझे हुए सियासतदां वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों के संदर्भ में प्रदेश के विकास के ब्लूप्रिंट पर चर्चा करेंगे और इस सिलसिले में अपनी पार्टियों का नजरिया भी साफ करेंगे। इस सत्र के सूत्रधार होंगे लोक निर्माण, सिंचाई व राजस्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद केशव प्रसाद मौर्य और पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल। इस मौके पर लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर अरविन्द मोहन उत्तर प्रदेश पर एक दृष्टिपत्र भी प्रस्तुत करेंगे।