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यूपी सरकार फुल फार्म में कहा, अवैध बूचडख़ानों को तत्काल बंद करायें

राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में बूचडख़ानों का निरीक्षण करने और अवैध तरीके से संचालित बूचडख़ानों को तत्काल बंद कराने का आदेश दिया है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Wed, 22 Mar 2017 08:35 PM (IST)Updated: Wed, 22 Mar 2017 09:44 PM (IST)
यूपी सरकार फुल फार्म में कहा, अवैध बूचडख़ानों को तत्काल बंद करायें
यूपी सरकार फुल फार्म में कहा, अवैध बूचडख़ानों को तत्काल बंद करायें

लखनऊ (जेएनएन)। राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में बूचडख़ानों का निरीक्षण करने और अवैध तरीके से संचालित बूचडख़ानों को तत्काल बंद कराने का आदेश दिया है। साथ ही, दोषी लोगों के खिलाफ कानूनी प्रावधानों के अनुसार दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने इस बारे में सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, पुलिस महानिरीक्षकों/उप महानिरीक्षकों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/अधीक्षकों को बुधवार को शासनादेश जारी कर दिया है।
भाजपा ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र में वादा किया था कि प्रदेश में सत्ता में आने पर वह अवैध कत्लखानों (बूचडख़ानों) को बंद कराएगी और यांत्रिक कत्लखानों को प्रतिबंधित करेगी। सत्ता संभालते ही भाजपा सरकार ने अपने इस एजेंडे पर अमल शुरू कर दिया था और अब इस बारे में शासनादेश भी जारी हो गया है। नये शासनादेश में बूचडख़ानों में पशुओं की अवैध कटान को रोकने के लिए शासन ने जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित करने का निर्देश दिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, संभागीय परिवहन अधिकारी/सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के विहित प्राधिकारी, संबंधित नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत/जिला पंचायत इस समिति के सदस्य होंगे।
यह समिति जिले में संचालित बूचडख़ानों में प्रतिदिन होने वाले पशुवध की संख्या और वहां पर पशुधन की उपलब्धता के वास्तविक व अद्यतन आंकड़ों का आंकलन करेगी। साथ ही बूचडख़ानों के बारे में जारी किये गए विभिन्न शासनादेशों, अधिनियमों, नियमों व दिशानिर्देशों के आधार पर उनके संचालन में पायी गईं कमियों को देखते हुए अपनी निरीक्षण रिपोर्ट स्पष्ट सिफारिश के साथ जिलाधिकारी के जरिये सात दिन के अंदर शासन को उपलब्ध कराएगी।
समिति को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि किसी भी दशा में गोवंश पशुओं का वध और तस्करी न हो। निरीक्षण के समय समिति यह भी देखेगी कि बूचडख़ाना आबादी या धार्मिक स्थलों के पास न हो। यह भी सुनिश्चित करेगी कि सार्वजनिक मार्गों के किनारे खुले रूप से या अवैध तरीके से बूचडख़ानों का संचालन कतई न होने पाए।
समिति की जिम्मेदारी होगी कि निरीक्षण के दौरान वह पशुओं की कटान के बारे में शासनादेश के संलग्नक-1 में उल्लिखित अधिनियमों, संबंधित विभागों के सुसंगत प्रावधानों का भी संज्ञान लेगी। निरीक्षण के समय समिति यदि ऐसी कमियां, अनियमितताएं या उल्लंघन पाती है जिनमें कोई दंडात्मक, निरोधात्मक या अभियोजन की कार्यवाही वांछित हो तो वह उसे तत्काल करेगी। बूचडख़ानों के निरीक्षण के समय सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/ पुलिस अधीक्षक जरूरत के मुताबिक पुलिस बल उपलब्ध कराएंगे। बूचडख़ानों के निरीक्षण की सूचना का सारांश प्रतिदिन पूर्वाह्न 11 बजे तक पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव और नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव/सचिव को ई-मेल या फैक्स से उपलब्ध कराना जरूरी होगा।

नामित होंगे नोडल अधिकारी
बूचडख़ानों के अवैध संचालन के संदर्भित मामलों में संबंधित अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव से यह अपेक्षा की गई है कि वे अपने विभागों के लिए नोडल अधिकारी नामित करें। साथ ही उसका नाम, पदनाम, मोबाइल नंबर व आवासीय पता आदि का विवरण पर्यावरण/नगर विकास विभाग को तत्काल उपलब्ध कराएं ताकि नामित नोडल अधिकारी से तत्काल सूचनाएं प्राप्त की जा सकें।

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गो तस्करी पर लगे पूर्ण प्रतिबंध : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने बुधवार को गो तस्करी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अवैध बूचड़खानों को बंद कराने के लिए तत्काल एक्शन प्लान तैयार किए जाएं। योगी ने राजनैतिक व्यक्तियों को दी गयी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए भी कहा है। कहा है कि अपराध नियंत्रण के लिए प्रभावी और ठोस कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री सुबह वीवीआइपी गेस्ट हाऊस में मुख्य सचिव राहुल भटनागर, प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पंडा और डीजीपी जावीद अहमद समेत कई प्रमुख अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में यह दिशा निर्देश दिए।

 


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