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सोशल मीडिया के जरिये उप्र में आइएस की घुसपैठ

सोशल मीडिया के जरिये उत्तर प्रदेश के युवाओं को गुमराह करने के लिए इस्लामिक स्टेट (आइएस) की मीडिया विंग तमाम हथकंडे अपना रही है। आइएस की ओर से वीडियो क्लिप से लेकर उत्तेजक संदेशों के जरिये अपने अभियान में छात्रों और युवाओं की रुचि पैदा करने की कोशिश की जा

By Ashish MishraEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2015 12:36 PM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2015 02:28 PM (IST)
सोशल मीडिया के जरिये उप्र में आइएस की घुसपैठ

लखनऊ। सोशल मीडिया के जरिये उत्तर प्रदेश के युवाओं को गुमराह करने के लिए इस्लामिक स्टेट (आइएस) की मीडिया विंग तमाम हथकंडे अपना रही है। आइएस की ओर से वीडियो क्लिप से लेकर उत्तेजक संदेशों के जरिये अपने अभियान में छात्रों और युवाओं की रुचि पैदा करने की कोशिश की जा रही है।

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एक खुफिया सर्वे में यह बात सामने आयी कि उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया के जरिये आइएस सक्रिय हो रहा है। अन्य जिहादी गुटों की तरह ट्विटर व यू-टयूब से लेकर कई नेटवर्क पर आइएस की गतिविधियों का प्रचार देखने को मिला और इनके समर्थकों की संख्या भी बढ़ी। हाल के कुछ दिनों में ऐसे अकाउंट्स पर सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती के बाद इनके द्वारा गोपनीय अभियान भी शुरू किए गए हैं। कुछ समय पूर्व केंद्रीय गृह मंत्रालय की बुलायी बैठक में डीजीपी जगमोहन यादव और एटीएस के आइजी राम कुमार को आइएस की ऐसी हरकतों से ही आगाह किया गया।

सूत्रों का कहना है कि आइएस समर्थक अपने प्रचार के लिए बड़े हिन्दू नेताओं के इलाकों को विशेष रूप से चिन्हित किया गया है जिससे कि वहां विपरीत विचारधारा के युवाओं को भड़काया जा सके। इसमें उन्नाव, गोरखपुर और फतेहपुर जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इन जिलों में आइएस समर्थकों की संख्या बढ़ रही है। इसके अलावा नेपाल सीमा से सटे प्रदेश के सात जिलों महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, खीरी और पीलीभीत का भी नाम शामिल है। यहां वैचारिक रूप से युवाओं को आइएस के प्रति समृद्ध करने की योजना है ताकि नेपाल सीमा से घुसपैठ के दौरान आइएस समर्थकों को शरण और सहयोग मिल सके। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वी उत्तर प्रदेश के दो दर्जन अन्य जिले भी इसी श्रेणी में हैं। इनमें आजमगढ़, मऊ, इलाहाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, सहारनपुर, शामली, गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर शामिल हैं। इंटेलीजेंस ब्यूरो ने गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद के शैक्षणिक संस्थानों में विदेश से आकर पढऩे वाले युवाओं पर भी नजर रखने की विशेष हिदायत दी है।

आइएम के समर्थन की वजह से मजबूत हो रही जड़ें

इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) के समर्थन की वजह से इस्लामिक स्टेट की जड़ें मजबूत हो रही हैं। दो माह पूर्व यह खबर आयी कि बाटला हाउस मुठभेड़ के बाद सुर्खियों में आए दस लाख रुपए के फरार इनामी आरोपी आजमगढ़ के संजरपुर निवासी बड़ा साजिद को सीरिया में आइएस की ओर से लड़ते हुए मार गिराया गया। साजिद आइएम का महत्वपूर्ण अंग रहा है और उसके करीबी आजमगढ़ के असददुल्लाह हड्डी को नेपाल सीमा पर आइएम के सह संस्थापक यासीन भटकल के साथ ही पकड़ा गया था। यासीन को जेल से भगाने के लिए आइएस की साजिश का भी खुफिया एजेंसियों ने राजफाश किया था। इस वजह से यह अनुमान लगाया गया कि और भी युवा आइएस के साथ जुड़े हैं।

अंकुश लगाएगा पुलिस का मीडिया लैब

उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रवक्ता आइजी कानून-व्यवस्था ए. सतीश गणेश का कहना है कि भ्रामक प्रचार से माहौल बिगाडऩे की कोशिशों की रोकथाम के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया लैब खोला गया है। इसकी जिम्मेदारी डीआइजी मेरठ को दी गयी है। राज्य मुख्यालय पर एक बड़े लैब की स्थापना के लिए एडीजी यातायात अनिल अग्रवाल को जिम्मेदारी दी गयी है। इसके लिए देशभर के कई अच्छे माडल का अध्ययन किया जा रहा है। यह लैब ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाने में कारगर होगा।


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