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असरदार रहा अखिलेश का विरोध, कौमी एकता दल का सपा में विलय नहीं

कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय नहीं होगा। इसके साथ ही सपा संसदीय बोर्ड की बैठक में बर्खास्त कैबिनेट मंत्री बलराम यादव को बहाल कर दिया गया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2016 05:12 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2016 09:56 AM (IST)
असरदार रहा अखिलेश का विरोध, कौमी एकता दल का सपा में विलय नहीं

लखनऊ (वेब डेस्क)। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का समाजवादी पार्टी की संसदीय दल की बैठक में गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के कौमी एकता दल के पार्टी में विलय का विरोध काफी असरदार रहा। अब कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय नहीं होगा। इसके साथ ही सपा संसदीय बोर्ड की बैठक में बर्खास्त कैबिनेट मंत्री बलराम यादव को बहाल कर दिया गया है।

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सपा संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने बताया कि पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह ने मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का पार्टी में विलय समाप्त कर दिया है। इसके साथ ही मुख्तार अंसारी को अब वापस लखनऊ से आगरा जेल भेजा जाएगा। बैठक में बलराम यादव को फिर से कैबिनेट मंत्री बनाने पर मुहर लगने के साथ तय हुआ कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस बार फिर से चुनावी रथ पर प्रदेश का भ्रमण करेंगे।

आज सपा संसदीय बोर्ड की बैठक में मुख्तार अंसारी के नाम पर समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कौमी एकता दल के पार्टी में विलय का जोरदार विरोध किया।

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इस बैठक में सीएम ने समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव की मौजूदगी में भी गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी में विलय का जोरदार विरोध किया। वह बैठक में अंत तक अपने विरोध पर कायम रहे। बैठक के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने बताया कि अब कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय नहीं होगा।

सीएम अखिलेश ने मुलायम सिंह तथा प्रोफेसर रामगोपाल यादव के सामने मुख्तार एंड कम्पनी के विलय पर विरोध दर्ज कराया। अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में माफिया सरगना मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के समाजवादी पार्टी (सपा) में विलय से जनता में गलत संदेश गया है।

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उस समय तक तो सपा सुप्रीमो ने मुलायम सिंह ने इस मामले में कोई निर्णय नही दिया है, लेकिन तभी लगने लगा था कि बैठक के बाद मामला सीएम के विरोध पर कारगर रहेगा। उस समय माना जा रहा था कि अखिलेश की नाराजगी के बाद मुलायम कोई बड़ा फैसला ले सकते है।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा था कि वे पार्टी में दागी लोगों को नहीं चाहते। इसी के साथ उन्होंने यह भी संदेश दे दिया कि अब उनके फैसले ही चलेंगे। विपक्ष हमेशा आरोप लगता रहा है कि सपा सरकार में फैसला परदे के पीछे से लिया जाता है।इसी के साथ सीएम अखिलेश अपनी अपनी क्लीन इमेज को बचाने में सफलता प्राप्त की।

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बैठक में पहुंचे बर्खास्त मंत्री बलराम यादव पर भी फैसला किया गया। अब उनकी बर्खास्तगी को रद कर दिया गया है। वह कैबिनेट मंत्री बने रहेगें। सपा संसदीय बोर्ड की मीटिंग बर्खास्त मंत्री बलराम यादव भी मौजूद थे।


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