कमीशनखोर बैंक मैनेजरों पर आयकर विभाग की पैनी नजर
कमीशनखोर बैैंक मैनेजरों के कारनामे अब आयकर विभाग तक पहुंचने लगे हैैं। आयकर अधिकारी ऐसे बैैंक मैनेजरों की सूची तैयार कर रहे हैैं, उसमें निजी बैैंकों के मैनेजरों की संख्या ज्यादा है।
लखनऊ (जेएनएन)। कमीशन लेकर दो हजार रुपये के नए नोट देने वाले कुछ बैैंक मैनेजरों पर तो प्रवर्तन निदेशालय और अन्य जांच एजेंसियों ने शिकंजा कसा है लेकिन, ऐसे कई मैनेजर अब भी कार्रवाई के दायरे से बाहर हैैं। तसल्ली की बात है कि इन कमीशनखोर बैैंक मैनेजरों के कारनामे अब आयकर विभाग तक पहुंचने लगे हैैं। आयकर अधिकारी ऐसे बैैंक मैनेजरों की जो सूची तैयार कर रहे हैैं, उसमें निजी बैैंकों के मैनेजरों की संख्या ज्यादा है, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैैंक मैनेजर भी कम नहीं हैैं।
सबसे बड़े दो नोट बंद होने के बाद जब हम और आप दो-चार हजार रुपये के लिए बैैंकों के बाहर लंबी कतार में जूझ रहे थे, तब दूसरों के नोट गिनते-बदलते कई बैैंक मैनेजर चंद दिनों में ही करोड़पति बन गए। आयकर विभाग के पास ऐसे कुछ बैैंक मैनेजरों की खुफिया जानकारी आई है, जिनकी शाखाओं के बाहर देर शाम तक लक्जरी गाडिय़ों की रौनक रही है। बताने वालों ने बैैंक मैैनेजर के नाम के साथ गाड़ी का नंबर और ब्रीफकेस से लेकर सूटकेस तक का साइज भी आयकर अधिकारियों तक पहुंचा दिया है। विभाग ने ऐसे बैैंक मैनेजरों की रेकी शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि काम मुश्किल जरूर है लेकिन, रकम के ठिकाने का सुराग लगा तो सीधी कार्रवाई की जाएगी।
एक वरिष्ठ आयकर अधिकारी ने बताया कि बैैंक के खजाने से कमीशन पर नोट बदलने के बाद अकेले बड़ी रकम हजम कर जाने वाले बैैंक मैनेजरों की पोल उनके ही सहकर्मियों ने चुपके से खोलनी शुरू कर दी है। पूर्वांचल में एक राष्ट्रीयकृत बैैंक की शहरी सीमा पर स्थित शाखा भी इनमें से एक है। आयकर अधिकारियों के पास यहां से जो इनपुट पहुंचा है, उसके मुताबिक नोटबंदी के बाद इस शाखा में हर शाम रसूखदारों के लाखों रुपये के पुराने नोट बदल कर नई करेंसी जारी की गई है। मेरठ मंडल के एक बैैंक के मैनेजर भी काउंटर के बजाए अपने कमरे से बड़ी संख्या में नए नोट बांटने को लेकर निशाने पर आ गए हैैं।
रपट पड़े तो हर हर गंगे
दिल्ली के एक्सिस बैैंक के मैनेजर के लखनऊ स्थित ठिकाने से बरामद सोने की ईंट और मध्यप्रदेश व दिल्ली में बड़ी संख्या में नए नोटों की बरामदगी बताती है कि नोटबंदी के बाद काम के बोझ तले दबे बैैंक अधिकारियों व कर्मचारियों के बीच कुछ ऐसे भी थे, जिन्होंने इस मौके को नोट कमाने के अवसर के तौर पर पहचान लिया। इन बैैंक कार्मिकों ने काले धन वालों को मदद पहुंचाई और बदले में खूब मलाई खाई। कहीं उन्होंने 15 से 20 फीसद कमीशन पर नए नोट दिए तो कहीं यह प्रतिशत 30-35 टका तक भी पहुंच गया।
खाता नहीं, खजाने की टोह में
आयकर के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैैं कि नोटबंदी की सुनामी में मोटी कमाई करने वाले बैैंक मैनेजरों ने एक महीने में हुई अपनी कमाई किसी खाते में जमा नहीं कराई है। बैैंक में ही पुराने नोटों को नए में बदल कर नई करेंसी के इन नोटों को उन्होंने या तो कहीं छिपा रखा है या उसे संपत्ति खरीदने सहित ऐसी अन्य जगहों पर खपाने की तैयारी है। अधिकारी ने बताया कि फिलहाल प्रदेश में 100 से ज्यादा बैैंक मैनेजर पड़ताल के दायरे में हैैं।