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अमर सिंह पर मेहरबान योगी सरकार, शिवपाल-आजम की सुरक्षा में कटौती

यूपी में सौ से ज्यादा वरिष्ठ नेताओं की सुरक्षा में लगे कमांडों को वापस बुला लिया गया है। इन नेताओं में आजम खान समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं।

By Ashish MishraEdited By: Published: Sat, 22 Apr 2017 09:31 PM (IST)Updated: Sun, 23 Apr 2017 03:24 PM (IST)
अमर सिंह पर मेहरबान योगी सरकार, शिवपाल-आजम की सुरक्षा में कटौती
अमर सिंह पर मेहरबान योगी सरकार, शिवपाल-आजम की सुरक्षा में कटौती

लखनऊ (जेएनएन) यूपी में सौ से ज्यादा वरिष्ठ नेताओं की सुरक्षा में लगे कमांडों को वापस बुला लिया गया है। इन नेताओं में आजम खान समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। यूपी की भाजपा सरकार ने सुरक्षा समिति की बैठक के बाद कई विधायकों की सुरक्षा वापस ले ली है।

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पूर्व मंत्री और विधायक आजम खान की सुरक्षा में कटौती कर उन्‍हें जेड श्रेणी की जगह अब वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जाएगी। भाजपा नेता विनय कटियार को जेड कैटेगिरी की सुरक्षा मिली है। जबकि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव को जेड प्लस सुरक्षा दी गई है। यूपी में योगी सरकार ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी सांसद डिंपल यादव, पूर्व मंत्री आजम खान, शिवपाल यादव और एसपी महासचिव रामगोपाल यादव की सुरक्षा कम करने का निर्देश दिए हैं। वहीं सपा नेता आशू मलिक, राकेश यादव और अतुल प्रधान समेत 100 की सुरक्षा वापस ले ली गई है। मगर योगी सरकार ने सपा के पूर्व महासचिव अमर सिंह और नरेश अग्रवाल की सुरक्षा बरकरार रखी गयी है।

सूबे में योगी सरकार बनते ही वीआइपी सुरक्षा में लगे सभी जवान एक ही झटके में वापस हो गए। 'भैया की सरकार में तो छुटभैये नेताओं के लिए वीआइपी सुरक्षा स्टेटस सिंबल बन गई थी। फोर्स की कमी के बावजूद 70 से अधिक छुटभैये नेता को गनर मिले थे। सुरक्षा की जरूरत न होते हुए भी रुतबे की खातिर सुरक्षा में हो रहे खर्च को दरकिनार कर दिया गया था। जिलाधिकारी शमीम अहमद खान ने बताया कि शासन से गनर को लेकर रिपोर्ट मांगी गई थी, जिसे भेज दिया गया है। जैसे निर्देश प्राप्त होंगे उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। नए आदेशों के बाद जिला स्तरीय कमेटी समीक्षा करके फैसला लेगी।

ऐसे मिलती है सुरक्षा
किसी राजनीतिक या विशिष्ट व्यक्ति को वीआइपी सुरक्षा देने का फैसला खतरे के आकलन के बाद होता है। खतरा होने पर सुरक्षा उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी होती है। सुरक्षा की मांग करने वाले को संभावित खतरा बता सरकार के समक्ष आवेदन करना होता है। इस पर खुफिया एजेंसियों से रिपोर्ट मांगी जाती है। खतरे की पुष्टि होने पर गृह सचिव, महानिदेशक और मुख्य सचिव की एक समिति यह तय करती है कि उसे संभावित खतरे के मद्देनजर किस श्रेणी की सुरक्षा दी जाए, जबकि मंडल स्तर पर कमिश्नर व जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति सुरक्षा का आकलन करती है।

सुरक्षा की श्रेणियां
-जेड प्लस श्रेणी में 36 कर्मियों के सुरक्षा कवर में 10 एनएसजी कमांडो होते हैं।
-जेड श्रेणी में 22 कर्मियों के सुरक्षा कवर में चार या पांच एनएसजी कमांडो होते हैं।
-वाई श्रेणी में 11 कर्मियों के सुरक्षा कवर में एक या दो कमांडो होते हैं।
-एक्स श्रेणी में पांच या दो कर्मियों का सुरक्षा कवर होता है।


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