एमबीबीएस में प्रैक्टिस से पहले हो सकती है एक और परीक्षा
एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स करने वाले विद्यार्थियों को डिग्री पाने के लिए अब एक और परीक्षा देनी पड़ सकती है। इसे 'एग्जिट एग्जाम शेड्यूल' का नाम दिया गया है। इस सिस्टम को लागू कराने के लिए एमसीआइ व डीसीआइ ने राष्ट्रीय स्तर पर कमेटी गठित कर दी है। उद्देश्य फर्जी
वाराणसी (मुकेश चंद्र श्रीवास्तव) । एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स करने वाले विद्यार्थियों को डिग्री पाने के लिए अब एक और परीक्षा देनी पड़ सकती है। इसे 'एग्जिट एग्जाम शेड्यूल' का नाम दिया गया है। इस सिस्टम को लागू कराने के लिए एमसीआइ व डीसीआइ ने राष्ट्रीय स्तर पर कमेटी गठित कर दी है। उद्देश्य फर्जी तरीके से उपाधि देने व पाने वालों पर लगाम कसने का है।
देश में करीब 305 डेंटल कॉलेज हैं। इसमें से मात्र 41 ही सरकारी हैं। उधर, लगभग 400 मेडिकल कालेज हैं, जिनमें अधिकतर सरकारी हैं। ऐसे में प्रति वर्ष देश से हजारों छात्र-छात्राएं एमबीबीएस व बीडीएस की परीक्षाएं पास कर डिग्री प्राप्त करते हैं। आरोप लगते रहते हैं कि कुछ ऐसे भी प्राइवेट संस्थान हैं, जिसमें आसानी से डिग्री मिल जाती है।
जनरल बाडी की बैठक में तैयार हुआ प्रस्ताव
पिछले माह नई दिल्ली में मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआइ) व डेंटल काउंसिल आफ इंडिया (डीसीआइ) की जनरल बाडी की बैठक हुई, जिसमें एग्जिट एग्जाम शेड्यूल का प्रस्ताव तैयार किया गया। इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर कमेटी बनाई गई।
विदेशी छात्र देते हैं ऐसी परीक्षा
एमबीबीएस व बीडीएस की परीक्षा पास करने व डिग्री पाने के बाद भी जब विदेशी विद्यार्थी यहां पर आते हैं तो उन्हें इस तरह की परीक्षा से गुजरना पड़ता है।
कमेटी गठित
बीएचयू के फैकल्टी आफ डेंटल साइंसेज समिति के सदस्य एवं प्रोफेसर डा.टीपी चतुर्वेदी ने बताया कि एग्जिट एग्जाम शेड्यूल को लेकर डीसीआइ की ओर से कमेटी गठित की गई है। प्रस्ताव बनने के बाद इस मुद्दे पर तैयारी चल रही है कि परीक्षा की रूपरेखा क्या होगी। रिपोर्ट तैयार होने के बाद जनरल बाडी को सौंपी जाएगी।
भारतीय चिकित्सा परिषद सदस्य डा. सजीव गुप्ता ने बताया कि एमबीबीएस व बीडीसी पास विद्यार्थियों को डिग्री पाने के लिए एग्जिट एग्जाम से गुजरना पड़ेगा। इसके लिए यह प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। हालांकि योजना को फाइनल नहीं किया गया है। जनरल बाडी में पास होने के बाद इसे सरकार को सौंपा जाएगा।