आईएएस की मौत में पुलिस की लापरवाही उजागर, दारोगा सहित तीन सस्पेंड
एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक लापरवाही सामने आने पर डायल 100 की पीआरवी 467 पर तैनात रहे दारोगा (प्रोन्नतमान) हरिशंकर, सिपाही लालमन व अश्वनी कुमार शुक्ला को निलंबित कर दिया गया है।
लखनऊ (जेएनएन)। कर्नाटक के आइएएस अनुराग तिवारी की मौत के मामले में पुलिस की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है। 17 मई की सुबह मीराबाई मार्ग पर जब अनुराग का शव मिला था, तब एक युवक ने इसकी सूचना सबसे पहले 100 नंबर पर दी थी, लेकिन यूपी डॉयल 100 की टीम स्थानीय पुलिस के पहुंचने के बाद मौके पर पहुंची थी। इस मामले में लापरवाही उजागर होने पर डायल 100 के दारोगा व दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं अब तक प्रत्यक्षदर्शी को तलाशने का दावा कर रही एसआइटी की भी बड़ी चूक सामने आई है। सूचना देने वाले युवक को एसआइटी अब तक तलाश नहीं सकी है। अब एसआइटी 100 नंबर पर सूचना देने वाले युवक के बयान दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
17 मई की सुबह करीब छह बजे नरही चौकी पर तैनात सिपाही हरवीर मौके पर पहुंचे थे। हरवीर को एक राहगीर ने शव पड़े होने की सूचना दी थी। मौके पर पहुंचे हरवीर ने हजरतगंज थाने और इंस्पेक्टर को इसकी सूचना दी थी। थाने से पहुंची पुलिस टीम अनुराग को उठाकर सिविल अस्पताल ले गई थी, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। इससे पूर्व सुबह 5:33 बजे एक युवक ने शव पड़े होने की सूचना 100 नंबर पर दी थी। बताया गया कि युवक ने बीच सड़क एक व्यक्ति को पड़ा देखकर पहले समझा कि कोई नशे की हालत में गिर गया है। उसने पास जाकर देखा तो खून बिखरा था।
तब युवक ने शव पड़े होने की सूचना 100 नंबर पर दी थी। युवक मीराबाई मार्ग स्थित एक कॉल सेंटर में काम करता है। युवक के सूचना देने के बाद डायल 100 की टीम स्थानीय पुलिस के पहुंचने के बाद मौके पर पहुंची थी, जबकि डॉयल 100 का रिस्पांस टाइम 10 मिनट होने का दावा किया जाता है। एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक लापरवाही सामने आने पर डायल 100 की पीआरवी 467 पर तैनात रहे दारोगा (प्रोन्नतमान) हरिशंकर, सिपाही लालमन व अश्वनी कुमार शुक्ला को निलंबित कर दिया गया है।
डॉक्टरों के बयान नहीं दर्ज कर सकी एसआइटी
एसआइटी सोमवार को भी पोस्टमार्टम पैनल में शामिल रहे तीन डॉक्टरों के बयान दर्ज नहीं कर सकी। इससे पूर्व शनिवार को एसआइटी ने डॉक्टर बीके श्रीवास्तव के बयान दर्ज किए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दम घुटने का कारण स्पष्ट न होने को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। यही वजह है कि एसआइटी पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों से इस बाबत जानकारी हासिल करने का प्रयास कर रही है।