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योगी सरकार के सौ दिनः परियोजनाओं पर भारी बिजली की दुश्वारी

बिजली का कनेक्शन लेने से लेकर बिल जमा करने में विद्युत उपभोक्ताओं की मुश्किलें कम हुई हैं और सहूलियतें बढ़ी हैं। पहली बार ग्रामीणों को भी शाम से रात तक बिजली नसीब हो रही है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 27 Jun 2017 03:55 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jun 2017 01:37 PM (IST)
योगी सरकार के सौ दिनः परियोजनाओं पर भारी बिजली की दुश्वारी
योगी सरकार के सौ दिनः परियोजनाओं पर भारी बिजली की दुश्वारी

लखनऊ [अजय जायसवाल]। बिजली पर पूर्व की सपा व बसपा सरकार को घेरने वाली भाजपा की सरकार ने इस दिशा में व्यापक सुधार के लिए कदम तो आगे जरूर बढ़ाए हैं लेकिन शहरों और ग्र्रामीण क्षेत्रों में बिजली संकट इन सारी कोशिशों पर भारी पड़ रहा है। वैसे सौ दिनों के भीतर सरकार ने कई फैसलों से अपना लोक कल्याणकारी चेहरा सबके सामने रखने का प्रयास भी किया है। इस बीच बिजली का कनेक्शन लेने से लेकर बिल जमा करने में विद्युत उपभोक्ताओं की मुश्किलें कम हुई हैं और सहूलियतें बढ़ी हैं। पहली बार ग्रामीणों को भी शाम से रात तक बिजली नसीब हो रही है।

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सूबे में बिजली सदैव बड़ा मुद्दा रहती है। चाहे सपा सरकार रही हो या बसपा, भाजपा की सरकारें, सभी बिजली संकट पर जनता की नाराजगी से बचने के लिए पूर्व की सरकारों को कोसते रहते हैं। चुनाव के दौरान सभी पार्टियां ज्यादा बिजली देने का वादा करती हैं लेकिन सत्ता मिलने के बाद कुछ खास न करने से ही आज भी बिजली के मामले में राज्य, आत्म निर्भर नहीं बन सका है। योगी सरकार में यूं तो बिजली आपूर्ति बढ़ाकर कागजों पर जिला मुख्यालयों तक 24 घंटे बिजली दी जा रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। खास तौर से छोटे जिलों व गांवों में बिजली आपूर्ति की स्थिति आज भी बेहतर नहीं हो सकी है। आए दिन जर्जर तारों के टूटने व ओवरलोड ट्रांसफार्मरों के खराब होने जैसी लोकल फाल्ट से घंटों बत्ती गुल रहती है।


अब तक बिजली आपूर्ति की मुकम्मल व्यवस्था न होने पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा पूर्व की सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहते हैं कि पिछले 15 वर्षों में बिगड़ी व्यवस्था सुधारने में थोड़ा वक्त तो लगेगा ही। पूर्व की सरकारों ने इस दिशा में कदम बढ़ाए होते तो आज हम बिजली संकट से न जूझते। शर्मा के मुताबिक भेदभाव बिना तय शेड्यूल से सभी को बिजली दे रहे हैं। उपभोक्ता हित में कई फैसले किए गए हैं। बिजली की उपलब्धता बढ़ाने और जर्जर तार व ओवर लोड ट्रांसफार्मरों को दुरुस्त करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। अफसरों-अभियंताओं को न्यूनतम समय में लोकल फाल्ट दूर करने की हिदायत दी गई है।

बिजली चोरी रोकना बड़ी चुनौती
बिजली व्यवस्था सुधारने में योगी सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती बिजली चोरी रोकना है। यही कारण है कि उच्च नैतिकता का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल तक बिजली चोरी न करने का आह्वïान करते हुए 24 घंटे बिजली के लिए न्यूनतम दाम चुकाने के लिए कह चुके हैं।
 

बिजली पर अहम फैसले
- 24 घंटे बिजली को केंद्र सरकार से 24 गुणे 7 पावर फॉर ऑल पर करार
- बीपीएल परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन
- जिला मुख्यालयों को 24, तहसीलों में 20, गांवों को 18 घंटे बिजली
- शहरी क्षेत्र में खराब ट्रांसफार्मर 24 व गांवों में 48 घंटे में बदलना
- ऑनलाइन बिल भुगतान, प्रीपेड मीटर का ऑनलाइन रीचार्ज
- ई-भुगतान पर ट्रांजेक्शन चार्ज की छूट, ट्रस्ट बिलिंग की सुविधा
- वीआईपी व्यवस्था खत्म कर सभी जिलों में समान बिजली आपूर्ति
- विभाग में ई-टेंडरिंग और ग्र्रुप सी व डी में साक्षात्कार खत्म
- एलइडी बल्ब, ट्यूबलाइट व पंखे कम दर पर उपलब्ध कराना
- किसानों को 10 हजार सोलर पंप मुहैया कराना
- शिकायत के लिए ग्रामीणों को टोल फ्री नंबर 1912 की सुविधा
- बिजली बकाये पर सरचार्ज माफी को एमनेस्टी योजना

....और जो होने हैं काम
- अगले वर्ष अक्टूबर से सभी को 24 घंटे बिजली
- बीपीएल परिवारों को सस्ती दर पर बिजली देना
- वर्ष 2019 तक प्रत्येक घर को बिजली का कनेक्शन
- बिजली उत्पादन बढ़ाना, वितरण व पारेषण व्यवस्था सुधारना 


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