उत्तर प्रदेश की सड़कों पर आरामदेह सफर की उम्मीद
सड़क परिवहन के क्षेत्र में सरकार बड़े कदम उठा रही है। इससे आरामदेह सफर की उम्मीद जगी है। इस दिशा में राज्य सरकार ने जहां अपनी कई योजनाएं तैयार की हैं
लखनऊ (जेएनएन)। सड़क परिवहन के क्षेत्र में सरकार बड़े कदम उठा रही है। इससे आरामदेह सफर की उम्मीद जगी है। इस दिशा में राज्य सरकार ने जहां अपनी कई योजनाएं तैयार की हैं वहीं केंद्र सरकार ने भी बड़ी परियोजनाओं को हरी झंडी दी है। इससे बुंदेलखंड, पूर्वांचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए सड़क मार्ग से मंजिल तय करना आसान होगा। इसमें सबसे महत्वपूर्ण पहल केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने की है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि प्रदेश में 73 मार्गों (6260 किलोमीटर) को राष्ट्रीय मार्ग बनाने का निर्णय लिया गया है। इनमें केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राज मंत्रालय ने प्रदेश के दस मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया है और 48 मार्गों को राष्ट्रीय मार्ग घोषित करने के संबंध में सैद्धांतिक सहमति दी है। 15 अन्य मार्गों को राष्ट्रीय मार्ग घोषित करने की पहल की गई है।
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राजमार्ग बनने जा रहे एन-एच
- बुंदलेखंड के विकास के लिए 9600 करोड़ रुपये की 320 किलोमीटर लंबी सड़क बनेगी। यह झांसी से जालौन-उरई-बेला होते हुए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे तक छह लेन में बनेगी। केशव ने भविष्य की कई योजनाएं गिनाई जिसे जल्द पूरा किया जा सकेगा।
- इलाहाबाद महानगर में लगभग 76 किलोमीटर लंबाई के इनर रिंग रोड बनाने के संबंध में सहमति बन गई है। इस पर करीब 3500 करोड़ रुपये व्यय होंगे।
- इलाहाबाद महानगर में गंगा नदी पर फाफामऊ के निकट चार किलोमीटर लंबा छह लेन सेतु बनेगा, जिसके निर्माण पर 2460 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसकी सहमति बन गई है। इससे 2019 के अर्द्धकुंभ में श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी।
- झांसी-चित्रकूट-इलाहाबाद राष्ट्रीय मार्ग दो लेन से बढ़ाकर चार लेन में तब्दील होगा। 380 किलोमीटर के इस मार्ग पर करीब तीन हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसकी भी सहमति बन गई है।
- गोरखपुर महानगर के बाहर राष्ट्रीय मार्ग संख्या-29 ई एवं राष्ट्रीय मार्ग संख्या-28 के मध्य बाईपास निर्माण पर भी सहमति व्यक्त की गई है। 35 किलोमीटर लंबी इस सड़क पर 1600 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
- गोवर्द्धन के चारो ओर गोवर्द्धन परिक्रमा का चार लेन में मार्ग निर्माण समेत नए चार लेन के राष्ट्रीय मार्ग की सहमति। कुल 99 किलोमीटर सड़क पर 4645 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
- बरेली, कानपुर, मेरठ, इलाहाबाद और मुरादाबाद महानगर के चारों ओर बाईपास एवं रिंग रोड बनाए जाएंगे। बरेली महानगर में राष्ट्रीय मार्ग संख्या-24 के बाईपास एवं बरेली-बीसलपुर मार्ग पर रेलवे क्रासिंग पर फ्लाई ओवर के निर्माण पर सहमति व्यक्त की गई। बरेली महानगर में सेटेलाइट बस स्टेशन से हवाई अडडे तक मार्ग को चार लेन किए जाने पर भी सहमति व्यक्त की गई।
लखनऊ में सात एलिवेटेड सड़कें
- फैजाबाद हाईवे पर इंदिरानगर में लेखराज मार्केट से पालिटेक्निक चौराहा।
- फैजाबाद हाईवे पर आइटी चौराहे से लेकर डालीगंज।
- फैजाबाद हाईवे पर आइटी चौराहा से डालीगंज।
- लखनऊ- कानपुर हाईवे पर सरोजनीनगर से बंथरा।
- रायबरेली रोड हाईवे पर तेलीबाग से पीजीआइ तक।
- सीतापुर हाईवे पर इंजीनियरिंग कालेज से लेकर आइआइएम मोड़ तक।
- इंजीनियरिंग कॉलेज के पास टेढ़ीपुलिया चौराहे से सेक्टर 20 इंदिरा नगर तक।
- हरदोई रोड हाईवे पर कोनेश्वर चौराहे से दुबग्गा तक।
सेतु निगम ही बनाएगा रेलवे ओवर ब्रिज
रेल मंत्रालय के साथ अब इस बात की सहमति बन गई है कि रेल ओवर ब्रिज का सभी कार्य सेतु निगम द्वारा किया जाएगा। पहले यह कार्य तीन हिस्सों में बंट जाता था। रायबरेली से इलाहाबाद तक वर्तमान सिंगल लाइन ट्रैक को डबल लाइन ट्रैक में करने का रेल मंत्रालय ने अनुरोध स्वीकार कर लिया है। 2019 के इलाहाबाद अर्द्धकुंभ के लिए रेल मंत्रालय आवश्यक ट्रेन चलाने पर सहमत है। रेल मंत्रालय ने इलाहाबाद के मुख्य रेलवे स्टेशन के अलावा अन्य छोटे रेलवे स्टेशन के विकास पर भी हामी भरी है।