हाईकोर्ट का आदेश, योगी और मौर्य की तैनाती पर जवाब दे राज्य और केंद्र सरकार
यह आदेश जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस वीरेंद्र कुमार (द्वितीय) की बेंच ने संजय शर्मा की ओर से दाखिल एक पीआईएल पर पारित किया।
लखनऊ (जेएनएन)। हाईकोर्ट ने योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्या के लोकसभा सदस्य रहते हुए मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री का पद धारण करने को असंवैधानिक बताने वाली एक याचिका पर केंद्र व राज्य सरकार को चार हफ्ते में जवाब देने का आदेश दिया है।
इससे पूर्व कोर्ट ने भारत के अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी किया था जिसके अनुक्रम में अडीशनल सालिसिटर जनरल अशोक मेहता व महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह कोर्ट में हाजिर हुए, जिस पर कोर्ट ने उन्हें जवाब दालिख करने का निर्देश दिया।
यह आदेश जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस वीरेंद्र कुमार (द्वितीय) की बेंच ने संजय शर्मा की ओर से दाखिल एक पीआईएल पर पारित किया। याचिका में मांग की गई है कि चूंकि एक सांसद राज्य सरकार का मंत्री नहीं हो सकता और यह संविधान के अनुच्छेद 101(2) का उल्लंघन है। कहा गया कि योगी और मौर्या सांसद का पद धारण कर रहे हैं, लिहाजा दोनों की नियुक्ति को शून्य घोषित किया जाए।
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याचिका में दोनों नेताओं के संसदीय क्षेत्र को भी रिक्त घोषित करने की मांग की गई है। इसके साथ ही याचिका में प्रिवेंशन ऑफ डिस-क्वालिफिकेशन एक्ट की धारा- 3ए की संवैधानिकता को भी चुनौती दी गई है। संवैधानिकता को चुनौती देने के कारण कोर्ट ने उक्त विषय पर भारत सरकार का पक्ष जानने के अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था।
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