यूपी विधान परिषद हंगामा, सभापति पर कार्यसूची और कागज के गोले फेंके
योगी आदित्यनाथ के भाषण से उत्तेजित विपक्ष ने सरकार पर आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को विधान परिषद की कार्यवाही नहीं चलने दी।
लखनऊ (जेएनएन)। यूपी विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण से उत्तेजित विपक्षी दलों ने सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को विधान परिषद की कार्यवाही नहीं चलने दी। विपक्षी सदस्यों ने सभापति रमेश यादव के ऊपर कार्यसूची और कागज के गोले भी फेंके। विपक्षी दलों के हंगामे और नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी। पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने मुख्यमंत्री की ओर से विधानसभा में दिए गए भाषण का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसा पहली बार हुआ कि सत्ता पक्ष के आगे विपक्ष को बोलने नहीं दिया जा रहा है। विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है। उनका इशारा विधानसभा में नेता विरोधी दल राम गोविंद चौधरी के उस बयान की ओर था जिसमें चौधरी ने कहा था कि उनके माइक की आवाज बंद कर उन्हें बोलने नहीं दिया गया।
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अहमद हसन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विपक्ष के लिए अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया है। उनके इतना कहते ही समाजवादी पार्टी के सदस्य नारे लगाते हुए सभापति के आसन के सामने डट गए। उनके पीछे कांग्रेस और बसपा के सदस्य भी सभापति के आसन के सामने जुट गए। विपक्षी दलों के सदस्य नारे लगा रहे थे कि लाठी-डंडे की सरकार नहीं चलेगी, गुंडागर्दी की सरकार नहीं चलेगी। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष अपनी सीट पर ही खड़े रहे। नारेबाजी के बीच उन्होंने कहा कि विधानसभा मंडप में बरामद विस्फोटक पीईटीएन है या नहीं, इसे लेकर भी सरकार ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। उनके इतना कहने पर विपक्षी सदस्य नारे लगाने लगे कि 'डिटर्जेंट पाउडर की सरकार नहीं चलेगी। विपक्षी सदस्य सभापति के आसन के सामने धरने पर बैठ कर नारेबाजी करने लगे। विपक्ष के हंगामे के कारण सभापति ने सदन की कार्यवाही 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। बाद में उन्होंने स्थगन की अवधि को दोपहर 12 बजे तक के लिए बढ़ा दिया।
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दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही फिर शुरू होने पर विपक्षी सदस्य सभापति के आसन के सामने जाकर नारेबाजी करने लगे और धरने पर बैठ गए। वे कानून व्यवस्था ध्वस्त है, योगी बाबा मस्त हैं के नारे लगा रहे थे। विपक्षी सदस्यों को समझाने-बुझाने की कोशिशें नाकाम होने पर सभापति ने सदन की कार्यवाही अपराह्न 3.30 बजे तक स्थगित कर दी। 3.30 बजे कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्षी सदस्य अपनी-अपनी पार्टी की टोपियां लगाए सभापति के आसन के सामने धरने पर बैठ गए। सभापति के आसन ग्रहण करते ही उन्होंने फिर नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ सदस्यों ने सभापति के ऊपर कागज के गोले और विधान परिषद की कार्यसूची भी फेंकी। हंगामा थमता न देख सभापति ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।