सरकार ने तय की निजी मेडिकल कालेजों की फीस, ज्यादा वसूली पर कार्रवाई
योगी सरकार ने निजी मेडिकल कालेजों में मनमानी फीस वसूली पर अंकुश की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया है। एमडी, एमएस की अधिकतम फीस निर्धारित कर दी है।
लखनऊ (जेएऩएऩ)। योगी सरकार ने निजी मेडिकल कालेजों में मनमानी फीस वसूली पर अंकुश की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया है। एमडी, एमएस की अधिकतम फीस निर्धारित कर दी है। इससे प्रतिवर्ष तीन हजार से अधिक मेडिकल छात्रों को लाभ मिलेगा। निर्धारित से अधिक फीस लेने वाले कालेजों पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ.अनिता भटनागर जैन की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि निजी कालेजों के साथ छह चक्रों की विस्तृत चर्चा के बाद फीस निर्धारित की गई है। आदेश में कहा गया कि फीस निर्धारण के समय कालेज प्रबंधन व छात्रों के हितों का ध्यान रखा गया है। डॉ.भटनागर ने बताया कि निजी कालेज एमडी (नॉन क्लीनिकल) की डिग्री पाठयक्रम के लिए 8.58 लाख से 11.14 लाख रुपए के बीच फीस ले सकेंगे। नान क्लीनिकल पाठ्यक्रम के लिए इससे अधिक फीस लेने वाले कालेजों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
ऐसे ही एमडी (डॉक्टर आफ मेडिसिन) व एमएस (मॉस्टर आफ सर्जरी) के छात्रों से 15.95 लाख से 20.70 लाख रुपए तक फीस ली जा सकेगी। एमडीएस (मास्टर आफ डेंटल सर्जन) पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाले छात्रों से 4.91 लाख से 8.05 लाख रुपए तक फीस ली जा सकेगी। डॉ.भटनागर ने बताया कि 8 से 12 अप्रैल तक प्रथम चक्र की काउंसिलिंग होगी, जिसमें पंजीकृत छात्र अपनी वरीयता क्रम में सीट लॉक कर सकेंगे।
बताया कि पीजी (पोस्ट ग्रेजुएट) की 1217 सीटों के लिए 3632 एवं पीजी डेंटल की 622 के लिए 687 लोगों ने आन लाइन पंजीयन कराया है। डॉ.जैन ने बताया कि विभागीय मंत्री आशुतोष टंडन ने भाजपा के संकल्प पत्र के अनुरूप छात्रों को सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। जिसके अनुरूप फीस का निर्धारण किया गया है।