गायत्री के खौफ से दुष्कर्म पीड़ित महिला लखनऊ आने को राजी नहीं
एफआइआर कराने वाली महिला ने जान का खतरा बताते हुए दिल्ली पहुंची लखनऊ पुलिस के साथ आने से इन्कार कर दिया है। लिहाजा लखनऊ पुलिस दिल्ली में ही महिला के बयान दर्ज कराने की तैयारी कर रही है।
By Ashish MishraEdited By: Published: Thu, 23 Feb 2017 12:21 PM (IST)Updated: Thu, 23 Feb 2017 01:24 PM (IST)
लखनऊ (जेएनएन)। परिवहन मंत्री गायत्री प्रजापति समेत उनके सात करीबियों पर दुष्कर्म समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआइआर कराने वाली महिला ने जान का खतरा बताते हुए दिल्ली पहुंची लखनऊ पुलिस के साथ आने से इन्कार कर दिया है। लिहाजा लखनऊ पुलिस दिल्ली में ही महिला के बयान दर्ज कराने की तैयारी कर रही है।
सीओ आलमबाग अमिता सिंह बुधवार रात महिला के बयान लेने के लिए दिल्ली पहुंच गईं। एसएसपी मंजिल सैनी के मुताबिक महिला लखनऊ आने में डर रही है, इसलिए प्रयास किए जा रहे हैं कि दिल्ली में ही मजिस्ट्रेट के सामने164 के बयान दर्ज कराए जाएं। इसके लिए एक पत्र के माध्यम से स्वीकृति लेनी होगी। अगर महिला लखनऊ आने को राजी हो गई तो घटनास्थल का निरीक्षण कराने के साथ उसके यहां बयान दर्ज होंगे। सीओ आलमबाग ने बताया कि महिला दिल्ली में गोपनीय स्थान पर बयान दर्ज कराना चाहती है। उसे लखनऊ आने में असुरक्षा महसूस हो रही है, इसलिए लखनऊ पुलिस दिल्ली में उसके बयान ले रही है।
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गौरतलब है कि 18 फरवरी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गौतमपल्ली थाने में गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत सात लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म, दुष्कर्म का प्रयास, धमकी, पॉक्सो एक्ट समेत आइपीसी की अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। महिला ने तहरीर में कहा है कि तीन वर्ष पूर्व वह गायत्री प्रसाद प्रजापति से खनन की जमीन के पट्टे के लिए उनके पांच गौतमपल्ली स्थित आवास पर मिली थी, जहां उन्होंने चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर दिया। महिला बेहोश हो गई और गायत्री समेत सात लोगों ने मिलकर दुष्कर्म किया। महिला ने अपनी नाबालिग बेटी संग दुष्कर्म के प्रयास करने का मामला भी दर्ज कराया। जिन अन्य लोगों को मुकदमे में नामजद किया गया है वह गायत्री के करीबी हैं, जिसमें विकास वर्मा, चंद्रपाल, रूपेश, आशीष गुप्ता, पिंटू सिंह व अशोक तिवारी शामिल हैं।
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पांच दिन बाद भी गायत्री की गिरफ्तारी नहीं
किसी साधारण व्यक्ति को मामूली धाराओं में जेल पहुंचाने वाली लखनऊ पुलिस संज्ञेय धाराओं के आरोपी गायत्री व उनके छह करीबियों पर मेहरबान है। तभी दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआइआर दर्ज होने के पांच दिन बाद भी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई। आरोपियों से पूछताछ तक करने में पुलिस के हाथ पांव फूल रहे हैं। इस संबंध में अब अधिकारी भी खुलकर नहीं बोल रहे।
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सीओ आलमबाग अमिता सिंह बुधवार रात महिला के बयान लेने के लिए दिल्ली पहुंच गईं। एसएसपी मंजिल सैनी के मुताबिक महिला लखनऊ आने में डर रही है, इसलिए प्रयास किए जा रहे हैं कि दिल्ली में ही मजिस्ट्रेट के सामने164 के बयान दर्ज कराए जाएं। इसके लिए एक पत्र के माध्यम से स्वीकृति लेनी होगी। अगर महिला लखनऊ आने को राजी हो गई तो घटनास्थल का निरीक्षण कराने के साथ उसके यहां बयान दर्ज होंगे। सीओ आलमबाग ने बताया कि महिला दिल्ली में गोपनीय स्थान पर बयान दर्ज कराना चाहती है। उसे लखनऊ आने में असुरक्षा महसूस हो रही है, इसलिए लखनऊ पुलिस दिल्ली में उसके बयान ले रही है।
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गौरतलब है कि 18 फरवरी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गौतमपल्ली थाने में गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत सात लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म, दुष्कर्म का प्रयास, धमकी, पॉक्सो एक्ट समेत आइपीसी की अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। महिला ने तहरीर में कहा है कि तीन वर्ष पूर्व वह गायत्री प्रसाद प्रजापति से खनन की जमीन के पट्टे के लिए उनके पांच गौतमपल्ली स्थित आवास पर मिली थी, जहां उन्होंने चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर दिया। महिला बेहोश हो गई और गायत्री समेत सात लोगों ने मिलकर दुष्कर्म किया। महिला ने अपनी नाबालिग बेटी संग दुष्कर्म के प्रयास करने का मामला भी दर्ज कराया। जिन अन्य लोगों को मुकदमे में नामजद किया गया है वह गायत्री के करीबी हैं, जिसमें विकास वर्मा, चंद्रपाल, रूपेश, आशीष गुप्ता, पिंटू सिंह व अशोक तिवारी शामिल हैं।
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पांच दिन बाद भी गायत्री की गिरफ्तारी नहीं
किसी साधारण व्यक्ति को मामूली धाराओं में जेल पहुंचाने वाली लखनऊ पुलिस संज्ञेय धाराओं के आरोपी गायत्री व उनके छह करीबियों पर मेहरबान है। तभी दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआइआर दर्ज होने के पांच दिन बाद भी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई। आरोपियों से पूछताछ तक करने में पुलिस के हाथ पांव फूल रहे हैं। इस संबंध में अब अधिकारी भी खुलकर नहीं बोल रहे।
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