बुंदेलखंड के सूखा पीडि़तों को चीनी-हल्दी-नमक भी मुफ्त
प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड के सूखा पीडि़तों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के बाद अब नमक, चीनी, हल्दी और दस किलो चावल मुफ्त देने का फैसला किया है। तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर बनने के लिए लिखित परीक्षा देनी होगी।
लखनऊ। प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड के सूखा पीडि़तों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के बाद अब नमक, चीनी, हल्दी और दस किलो चावल भी मुफ्त देने का फैसला किया है। तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति पाने के लिए लिखित परीक्षा देनी ही होगी। अखिलेश यादव सरकार ने मंगलवार को (कैबिनेट बाइ सकुर्लेशन) ये फैसले किये हैं। सूखा की मार से तबाह बुंदेलखंडवासियों को दो जून की रोटी उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकारने चार माह तक मुफ्त अनाज बांटने का निर्णय किया था। मुख्यमंत्री ने चित्रकूट व ललितपुर जाकर कुछ लोगों को राहत पैकेट वितरित किये थे। अब सरकार ने इन राहत पैकेट में दो सौ ग्र्राम हल्दी, एक किलो चीनी, एक किलो नमक और दस किलो चावल बढ़ाने का निर्णय किया है। इसके अलावा सरकार ने तहसीलदार को डिप्टी कलेक्टर पर पदोन्नत करने के लिए लिखित परीक्षा फिर अनिवार्य करने का निर्णय किया है।
क्या था पदोन्नति का नियम
तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर प्रोन्नति के लिए 1966 की नियमावली बनी थी। जिसमें लिखित परीक्षा पास करने के बाद ही तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर पद पर प्रोन्नत करने की व्यवस्था थी। 1991 में प्रदेश सरकार ने सरकारी सेवा स्थायीकरण नियमावली बनायी। इसमें एक प्रोन्नति के लिए परीक्षा की बाध्यता नहीं थी। इस नियमावली को आधार बनाकर कुछ तहसीलदारों ने ट्रिब्यूनल में अपील की और वहां से याची को प्रोन्नत करने का आदेश जारी हो गया। अब सरकार ने तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति को सामान्य नियमावली से बाहर करते हुए पूर्व की भांति लिखित परीक्षा पास करना अनिवार्य होने का प्रस्ताव कैबिनेट से पास कराया है। दरअसल, सरकार का मानना था कि डिप्टी कलेक्टर पद पर प्रोन्नत होने वाले तहसीलदारों को राजस्व कानूनों के अलावा सीआरपीसी, सीपीसी और आइपीसी के कानूनों का ज्ञान होना आवश्यक है। वर्ष 1991 से पहले लोक सेवा आयोग प्रोन्नति परीक्षा कराता रहा है, जिसमें आठ प्रश्नपत्र होते थे। सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर प्रोन्नति के लिए 103 पद रिक्त हैं, शासनादेश जारी होते ही विभागीय पदोन्नति परीक्षा कराने का अधियाचन लोकसेवा आयोग को भेज दिया जाएगा।
अब तक क्या था राहत पैकेट में
एक किलो देसी घी, सरसों का तेल, 25 किलो आलू, दस किलो आटा और एक किलो मिल्क पाउडर रहता था।