अवैध पेड़ कटान धड़ल्ले से जारी
लखनऊ (जागरण ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश में वर्ष 1981 से लेकर अब तक दस लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र पर पौधे
लखनऊ (जागरण ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश में वर्ष 1981 से लेकर अब तक दस लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र पर पौधे रोपने के बावजूद यदि जंगलों का दायरा सिकुड़ा है तो इसकी जायज वजह है। बात दीगर है कि घर लुटते देखकर भी वन विभाग इस समस्या से आंख मूंदे हुआ है। विभाग की अकूत वन संपदा की रक्षा करने के लिए उसके पास पर्याप्त संख्या में पहरुए नहीं हैं। समस्या पुरानी है पर उसका निदान विभाग की प्राथमिकताओं में नहीं है। धड़ल्ले से अवैध कटान जारी है लेकिन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है।
सिर्फ 2001-02 से लेकर 2012-13 तक ही वन विभाग 6,27,503 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर 219.06 करोड़ पौधे रोप चुका है। इसके बाद भी प्रदेश में पर्याप्त हरियाली नहीं है। भारतीय वन सर्वेक्षण की वर्ष 2005 की रिपोर्ट के मुताबिक उप्र के 9.26 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्रफल पर वृक्षावरण और वनावरण था जो 2011 में घटकर 9.01 प्रतिशत रह गया। हरियाली बढ़ाने की जबर्दस्त कवायद के बावजूद 2009 से 2011 के बीच सूबे में हरियाली का दायरा दो वर्ग किमी कम हुआ है। वनों की अवैध कटान को लेकर खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विभिन्न मंचों से सरोकार जता चुके हैं लेकिन जंगलों की सुरक्षा में लगे फ्रंटलाइन स्टाफ की जबर्दस्त कमी के बावजूद विभाग इस समस्या को लेकर संजीदा नहीं है।
वनों की सुरक्षा के लिए विभाग के पास पर्याप्त स्टाफ नहीं है। जंगलों की सुरक्षा की अग्रिम पंक्ति में शुमार वन रक्षकों ओर वन्यजीव रक्षकों के 3737 पदों में से करीब 825 खाली हैं। इन पदों पर सामान्य कोटे के तहत 1992 से भर्ती नहीं हो पायी है। बसपा सरकार ने 2007 में बैकलॉग भर्ती के कुछ पद जरूर भरे थे। जो वन रक्षक कार्यरत हैं भी, उनमें से ज्यादातर की उम्र 50 पार हो चुकी है। वन संपदा की दृष्टि से बेहद समृद्ध बहराइच वन प्रभाग में वन रक्षक के 55 पद स्वीकृत हैं जिनमें से फिलहाल 17 खाली हैं। कई प्रभागों में एक वन रक्षक पर दो से तीन बीट की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। वन दरोगा के भी 350 से ज्यादा पद खाली हैं। सुरक्षा के अभाव में जंगल की अवैध कटान का सिलसिला थम नहीं रहा है। 2012-13 में प्रदेश में अवैध कटान के 3376 मामले पकड़े गए जिनमें 2.26 करोड़ रुपये मूल्य के 8842 पेड़ काटे गए।
प्रमुख वन संरक्षक, जेएस अस्थाना का कहना है कि वन रक्षको, वन दरोगा और फील्ड के अन्य पदों पर नई नियुक्तियां करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। शासन ने प्रस्ताव के बारे में कुछ जानकारियां मांगी थीं जो उपलब्ध करा दी गई हैं।
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