समाजवादी कुनबे की कलह पर सोशल मीडिया में क्रिएशन की बाढ़
समाजवादी पार्टी की कलह को लेकर समर्थकों और आम लोगों में क्रिएशन की बाढ़ आ गई है। समर्थकों में भी दो धड़े दिखने लगे हैं। कार्टून, बैनर पोस्टर में दो वर्ग हैं।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। समाजवादी कुनबे की कलह में सोशल मीडिया पर क्रिएशन की बाढ़ आ गई है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी व कन्नौज की सांसद डिंपल यादव ने भी अपने पति को सपा की ओर से मुख्यमंत्री पद का मुख्य चेहरा ठहराते हुए चुनावी प्रचार शुरू कर दिया। डिंपल ने अपने फेसबुक पेज पर अखिलेश यादव की विभिन्न मुद्राओं वाली 13 तस्वीरों का एक कोलॉज पोस्ट करते हुए जिंगल लिखा है-'तरक्की का नाम अखिलेश, हर बार अखिलेश, गांव-गांव अखिलेश, उन्नति का नाम अखिलेश, जनता चाहे एक बार फिर अखिलेश, सिर्फ अखिलेश, जिसे बड़ी संख्या में लाइक किया जा रहा है। इसके कुछ घंटे बाद ही डिंपल यादव ने अपने पेज पर अखिलेश यादव के चुनावी गीत- काम बोलता है...का वीडियो अपलोड किया। वह लगातार अखिलेश यादव के चुनाव अभियान को गति देने में जुटी हैं।
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कलह पर क्रिएशन की बाढ़
समाजवादी पार्टी की कलह को लेकर समर्थकों और आम लोगों में क्रिएशन की बाढ़ आ गई है। समर्थकों में भी दो धड़े साफ दिखने लगे हैं। कार्टून, बैनर पोस्टर वार में दो वर्ग के लोग हैं। एक वह है जो सक्रिय राजनीति का हिस्सा नहीं है, दूसरा कुनबे के विवाद में अपनी मौजूदगी पुख्ता करने की फिराक में अजीबो-गरीब पोस्टरवार में सिर खपा है। कहीं सपा मुखिया मुलायम सिंह को साइकिल के बड़े और मुख्यमंत्री अखिलेश को छोटे पहिये का पैंडल मारते दिखाया जा रहा है। कहीं दंगल फिल्म के पोस्टर की थीम पर सपा सुप्रीमो को अमिर खान की डीलडौल में परोसा जा रहा है।
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अखिलेश के सुर को बाहुबली की छवि
सोशल मीडिया की क्रांति के बाद से लोग ज्यादा राजनीतिक घटनाक्रमों को हास्य व्यंग्य में पिरोकर उसका इस्तेमाल कर रहे हैं, हालांकि कई स्थान पर यह फूहड़पन की सीमा तक पहुंच जा रहा है। सपा कुनबे की कलह के बाद से हास्य व्यंग्य के ऐसे पोस्टर सड़कों पर नजर आ रहे हैं। यादव परिवार के कार्टूनों में कहीं अखिलेश को विद्रोही सुर को बाहुबली की छवि में दिखाया जा रहा है तो कहीं साइकिल का पहिया छोटा कर पैंडल मारते तंज कसा जा रहा है। वहीं मुलायम सिंह को साइकिल के बड़े पहिए पर सवार दिखाया गया है। इन दिनों एक कार्टून सोशल मीडिया पर और वायरल हुआ है। इसमें शिवपाल, मुलायम और अखिलेश के सामने एक साइकिल खड़ी की गई है। इसमें यह कहते हुए दिखाया गया है कि चलाए अब तो साइकिल पंचर हो गई है। लब्बोलुआब यह है कि जिस जनता को रिझाकर सपा बहुमत में आई उसी के शीर्ष नेताओं को चुटकी लेकर मौज का साधन मान लिया गया है। मानो समाजवादी पार्टी के नेताओं को अब सोशल मीडिया से राजनीति के गुर सीखने की जरूरत आन पड़ी हो।
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