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आफत बनी बाढ़: उफनाई नदियों से टापू बने सैकड़ों गांव

लखनऊ। आफत बनी बाढ़ से लोगों जनजीवन बेहाल है। उफनाई नदियों से सैकड़ों गांव टापू में

By Edited By: Published: Fri, 22 Aug 2014 08:11 PM (IST)Updated: Fri, 22 Aug 2014 08:11 PM (IST)
आफत बनी बाढ़: उफनाई नदियों से टापू बने सैकड़ों गांव

लखनऊ। आफत बनी बाढ़ से लोगों जनजीवन बेहाल है। उफनाई नदियों से सैकड़ों गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। संक्रामक रोगों की आहट ने लोगों को हलकान कर रखा है। सड़कों पर जीवन गुजार रहे बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री न मिल पाने से उनकी दशा दयनीय होती जा रही है।

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बलरामपुर में राप्ती नदी व पहाड़ी नालों में आया उफान भयावह होता जा रहा है। रामपुर घोसियारी, बेलहा गांव के समीप तथा करमहना के समीप आज बांध कटने से कई गांव राप्ती नदी के पानी की चपेट में आ गए है। दो और लोगों के शव मिलने से अब मृतकों की संख्या 20 हो गई है। गोंडा में एल्गिन-चरसड़ी बांध का स्पर नंबर एक घाघरा में समा गया। बाढ़ के पानी से 32 गांवों की 45632 आबादी अभी प्रभावित है। बहराइच में कटान का कहर बढ़ गया है। पानी में उतराते मवेशियों के शव अब दुर्गध पैदा कर रहे हैं, जिससे संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। श्रावस्ती में तबाही मचाकर राप्ती नदी खामोश है। आधा दर्जन गांव कटान के निशाने पर हैं। अंबेडकरनगर में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री के नाम पर अभी तक प्रशासनिक इमदाद नहीं मुहैया कराई जा सकी है। सीतापुर में गांजर पीड़ित परिवारों के लिए क्षेत्रीय मार्ग ही आशियाना बन गए हैं। वहीं पेट भरने के कोई खास इंतजाम नहीं होने से लोग भूख से बिलबिला रहे हैं। लखीमपुर के तिकुनिया क्षेत्र में मोहाना नदी की कटान जारी है।

सिद्धार्थनगर में करीब डेढ़ दर्जन गांव टापू बन गए है। बस्ती जिले में घाघरा नदी के पानी में 176 गांव प्रभावित हैं। महराजगंज जिले में नारायणी के कहर की वजह से पंद्रह सौ परिवार प्रभावित है। संत कबीर नगर जिले में नदी एवं बंधे के बीच के तीन दर्जन गांव चौतरफा पानी से घिरे हुए हैं। मजबूरन बाढ़ पीड़ितों को बंधे पर शरण लेना पड़ा है। गोरखपुर में मैरुंड हो चुके आधा दर्जन गांवों में पानी भरा है। देवरिया के बरहज कस्बे में अभी भी पानी लगा हुआ है। कानपुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 114 मीटर के ऊपर पहुंच गया है। बाढ़ के पानी से चैनपुरवा गांव तीन ओर से घिर गया है, जिससे ग्रामीण परेशान हैं। लोधवाखेड़ा गांव के प्राथमिक स्कूल और उच्च प्राथमिक स्कूल में पानी भर गया है। बलिया, मऊ और आजमगढ़ में घाघरा नदी लगातार खतरे के बिंदु से ऊपर बहने के बाद अब उतरने लगा है। जलस्तर कम होने से तटवर्ती लोगों को थोड़ी राहत मिली है। मऊ के बरहज व बिंदटोलिया मुख्य मार्ग पर बाढ़ का पानी चढ़ जाने से रास्ता पूरी तरह टूट गया है।


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