यूपी में बाढ़ लाई कटान और संक्रामक बीमारियां
लखनऊ। सीतापुर, बाराबंकी, गोंडा, लखीमपुर, आजमगढ़ और बलिया में नदियों का जलस्तर स्थिर होन
लखनऊ। सीतापुर, बाराबंकी, गोंडा, लखीमपुर, आजमगढ़ और बलिया में नदियों का जलस्तर स्थिर होने के बाद भी संकट कम नहीं हुआ है। कटान का कहर अभी भी जारी है। इसके अलावा संक्रामक बीमारियों ने पैर पसारने शुरू कर दिए है, वहीं जानवरों के लिए चारे का संकट खड़ा हो गया है। वहीं, सीतापुर में एक बालक की डूबने से मौत हो गई है।
सीतापुर में शुक्रवार को रामपुरमथुरा क्षेत्र के हुए कटान के कारण आठ घर घाघरा नदी में समा गए। रामपुरमथुरा विकासखंड क्षेत्र में घाघरा नदी खतरे के निशान से 40 सेंटीमीटर जबकि चौका नदी 20 सेंटीमीटर नीचे थी। रेउसा विकासखंड में घाघरा का जलस्तर 20 सेमी खतरे के निशान से कम था जबकि शारदा नदी का जल स्थिर था। लखीमपुर में धौरहरा क्षेत्र में घाघरा नदी की कटान की जद में कई गांव हैं, जहां तबाही मची है। उधर निघासन क्षेत्र के कई गावं शारदा की बाढ़ से घिरे हैं। शुक्रवार का शारदा बैराज पर नदी का जलस्तर 134.85 मीटर रहा, जो खतरे के निशान से 0.64 मीटर नीचे है। जबकि पलिया में शारदा नदी अब भी खतरे के निशान से 0.46 मीटर ऊपर बह रही है। बाराबंकी में घाघरा का जलस्तर तेजी से घटने लगा है। एल्गिन ब्रिज पर हालांकि अभी भी घाघरा खतरे के निशान से 38 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है लेकिन प्रभावित गांवों से पानी हटने लगा है। गोंडा में एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी खतरे के निशान से 39 सेमी ऊपर है। यहां करीब एक हजार गन्ने की फसल बाढ़ की चपेट में है।
आजमगढ़ जिले के देवारांचल में बहने वाली घाघरा नदी का जलस्तर स्थिर रहा लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है। शुक्रवार को मुख्य माप स्थल बदरहुआ के पास खतरा निशान 71.68 मीटर से ऊपर 71.92 मीटर तथा डिघिया नाले के पास खतरा निशान 70.40 मीटर से ऊपर 71.15 मीटर रिकार्ड किया गया। बाढ़ से सौ गांवों की एक लाख आबादी प्रभावित है। वहीं, बलिया जिले में गंगा व घाघरा ने कटान तेज कर दी है। लोगों का पलायन जारी है।