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पीस पार्टी अध्यक्ष डॉ. अयूब पर लखनऊ में दुष्कर्म का मुकदमा

विधायक डॉ. अयूब के खिलाफ लखनऊ के मडियावं थाना में दोपहर में दुष्कर्म, धमकी, गाली-गलौच तथा गैर इरादतन हत्या करने का मामला दर्ज किया गया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 25 Feb 2017 03:33 PM (IST)Updated: Sat, 25 Feb 2017 10:36 PM (IST)
पीस पार्टी अध्यक्ष  डॉ. अयूब  पर लखनऊ में दुष्कर्म का मुकदमा
पीस पार्टी अध्यक्ष डॉ. अयूब पर लखनऊ में दुष्कर्म का मुकदमा

लखनऊ (जेएनएन)। पीस पार्टी अध्यक्ष डॉ. अयूब खान के खिलाफ लखनऊ के मडिय़ांव थाने में दुष्कर्म, गैर इरादतन हत्या, धमकी व गालीगलौज की धाराओं में एफआइआर दर्ज कर ली गई। एसएसपी के आदेश पर युवती के भाई की तहरीर पर आज मामला दर्ज किया गया है। संतकबीर नगर निवासी युवती की हालत गंभीर होने पर गुरुवार को उसे केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। कल इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। उधर डा. अयूब ने अपने ऊपर लगाए आरोपों को गलत बताया है। 

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जब आते तब करते यौन शोषण 

तहरीर में युवती के भाई की ओर से कहा गया है कि वर्ष 2012 में विधानसभा चुनाव में अपने लिए प्रचार करते हुए डॉ. अयूब खान संतकबीरनगर स्थित उसके घर आए थे। जहां युवती से कहा था कि तुम मेरे लिए प्रचार करो, अगर जीत जाऊंगा तो पढ़ाई के साथ नौकरी भी लगवा दूंगा। प्रचार करवाने के लिए युवती को डॉ. अयूब कुछ दिन के लिए अपने साथ ले गए। जीतने के बाद डॉ. अयूब युवती का कॅरियर संवारने की बात कहकर लखनऊ लेकर चले गए। उसे लखनऊ स्थित एक कॉलेज में बीएससी नर्सिंग में दाखिला दिलाया। अयूब जब भी लखनऊ जाते युवती का जबरन यौन शोषण करते और मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी देते। एक दिन युवती के पेट में अचानक तेज दर्द हुआ, जिस पर उसने डॉ. अयूब से कहा आप जो कृत्य कर रहे हैं, इससे मेरी तबीयत बिगड़ रही है। जिस पर अयूब ने इलाज के नाम पर युवती को टीबी समेत अन्य ऐसी गंभीर दवाएं देनी शुरू कर दीं, जो बीमारी उसे थी ही नहीं। कई महीने दवा चलने के बाद युवती की हालत और खराब हो गई। उसकी किडनी और लिवर भी खराब हो गया। जिसके बाद आरोपी ने युवती का इलाज बंद करके उससे दूरी बना ली। पास आने पर जान से मारने की धमकी दी। 

पहले भी दर्ज हो चुका दुष्कर्म का मुकदमा
डॉ. अयूब के खिलाफ वर्ष 2012 में महानगर कोतवाली में एक जिला पंचायत महिला सदस्य ने दुष्कर्म, एससी-एसटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज कराई थी। जिस तरह 2017 के विधानसभा चुनाव के समय एफआइआर दर्ज हुई है, उसी तरह वर्ष 2012 विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान एफआइआर हुई थी, लेकिन पहले के मुकदमे में अयूब पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगाते हुए पूरा मामला रफादफा कर दिया था। तत्कालीन एएसपी टीजी व मौजूदा एएसपी ट्रैफिक हबीबुल हसन का कहना है कि राजनीतिक कारणों से मुकदमा दर्ज कराया गया था, जो गलत था, इसलिए फाइनल रिपोर्ट लगाई गई थी।
आरोप गलतः अयूब 
डॉ. अयूब संतकबीर नगर के खलीलाबाद विधानसभा सीट से पीस पार्टी के मौजूदा विधायक भी हैं। इधर लखनऊ पुलिस का कहना है कि पूछताछ के लिए अयूब का पता लगाया जा रहा है। डॉ. अयूब ने कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियों के हस्तक्षेप के चलते 2012 में भी मेरे खिलाफ दुष्कर्म, धमकी, एसटी-एसटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज हुआ था, जो विवेचना में गलत पाया गया। उसमें फाइनल रिपोर्ट लग गई थी। इस मामले में भी कुछ राजनीतिक पार्टियों की साजिश के चलते एफआइआर दर्ज हुई है, मुझ पर जो आरोप लगे हैं वो गलत हैं। उन्होंने कहा कि यह सारी साजिश समाजवादी पार्टी की है। मतदान से पहले ही फिर से सपा ने साजिश करके यह काम किया है।
लिवर-किडनी में दिक्कत
ट्रॉमा सेंटर इंचार्ज प्रो. हैदर अब्बास ने कहा कि युवती के लिवर व किडनी में दिक्कत थी। उसके पेट में पानी भर गया था और मुंह से खून भी आ रहा था। युवती को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
चुनाव के दौरान हुआ था संपर्क
युवती के परिवारीजनों का कहना है कि वर्ष 2012 के विधान सभा चुनाव में डॉ. अयूब युवती के गांव गए थे और चुनाव प्रचार में मदद करने को कहा था। पीडि़ता की मां के मुताबिक इस दौरान डॉ. अयूब ने कक्षा 10 में पढ़ रही बेटी को पढ़ाने का वादा भी किया था।
जीतने के बाद बनाने लगे दूरी
आरोप है कि चुनाव जीतने के बाद आरोपी ने दूरी बना ली। हालांकि 12वी के बाद डॉ. अयूब उसकी पढ़ाई कराने पर राजी हो गए। आरोपी ने युवती को दो वर्ष पहले राजधानी के निजी कॉलेज में नर्सिग में दाखिला दिलवाया था। इसमें 50 हजार रुपये भी आरोपी ने दिए थे।
बुलाते थे फ्लैट पर
पीडि़ता की मां ने कहा कि आरोपी अपने फ्लैट पर बेटी का शारीरिक शोषण करता था। जब बेटी की तबियत खराब हुई तो उसे इलाज के लिए बुला लिया और गलत दवा चलाने लगा। पीडि़ता की मां का कहना है कि बेटी की करीब नौ-दस महीने से तबियत खराब है। समस्या बताने पर डॉ. दो माह तक बुखार बताकर दवा चलाते रहे। सुधार न होने पर अल्ट्रासाउंड किया, जिसमें पथरी बताकर 15 दिन दवा खाने को कहा। इसके बाद बेटी को ब्लीडिंग होने लगी। इस पर आरोपी ने कहा कि चिंता मत करो माह भर में स्थिति ठीक हो जाएगी। इस दौरान तमाम दवाएं और दीं तथा कई निजी अस्पतालों में दिखाने के बहाने झांसा देते रहे।

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