Move to Jagran APP

फसल चौपट, किसान तबाह

देश के उत्तरी भाग में शनिवार से शुरू हुआ बारिश और तेज हवाओं का दौर कल भी जारी रहा। कई स्थानों पर ओले भी पड़े। बढिय़ा फसल की उम्मीद लगाए बैठे किसानों की खुशियों पर मौसम की बेरुखी 'बिजली' बनकर गिरी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2015 01:46 PM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2015 01:51 PM (IST)
फसल चौपट, किसान तबाह

लखनऊ। देश के उत्तरी भाग में शनिवार से शुरू हुआ बारिश और तेज हवाओं का दौर कल भी जारी रहा। कई स्थानों पर ओले भी पड़े। बढिय़ा फसल की उम्मीद लगाए बैठे किसानों की खुशियों पर मौसम की बेरुखी 'बिजली' बनकर गिरी।

loksabha election banner

प्रदेश में रविवार को लगातार बारिश से फसलों को पहुंचे व्यापक नुकसान के बाद सोमवार को वर्षा और तेज हवाओं ने रही-सही कसर पूरी कर दी। खेतों में बर्बादी देख अन्नदाता की आंखें नम हैं। दलहनी, तिलहनी फसलें चौपट हो गई हैं। आलू और गेहूं को सबसे अधिक क्षति हुई है। मौसम के चलते उत्पादन प्रभावित होने से महंगाई के भी 'घने बादल' घेरने की आशंका प्रबल हो गई है। इधर, मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को भी बदली रहने के आसार हैं और बारिश भी हो सकती है।

पूर्वांचल और मध्य उत्तर प्रदेश में कहीं चौथाई तो कहीं आधी से भी अधिक फसल चौपट हो गई। वाराणसी व गोरखपुर, इलाहाबाद समेत पूर्वांचल के कई जिलों में दलहनी व तिलहन की खड़ी फसलें खेतों में ही लोट गईं। सबसे अधिक नुकसान गेहूं व आम की फसल को हुआ है। जौनपुर कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यक्रम समन्वयक डा. सुरेश कन्नौजिया के मुताबिक गेहूं की फसल को 40 से 45 फीसद, मटर 40, चना और सरसों 15 से 20, अरहर 20 से 25, आम की फसल को 25 से 35 फीसद नुकसान हुआ है। कृषि विशेषज्ञ डा.आरसी चौधरी के अनुसार तेज हवा चलने से फसलों की जड़ें हिल जाती हैं। इससे दाना कमजोर हो जाता है। उपज की गुणवत्ता भी खराब हो जाती है। लगातार पांच दिन से जारी बारिश के नाते अरहर के फूल झड़ जाएंगे। आलू की खुदाई में देर होगी। खोदी गई फसल के जल्दी सडऩे का खतरा रहेगा। तिलहन, दलहन और सब्जियों की फसल को भी इसी तरह से क्षति होगी। उधर, जालौन में कालपी तहसील क्षेत्र के कदौरा में ओलावृष्टि होने से किसानों की फसलें चौपट हो गईं। यही हाल महोबा में भी दिखा। आलू पट्टी की बात करें तो आगरा मंडल के जिलों में आलू की खोदाई चल रही है। करीब चालीस से पचास फीसद आलू या तो खेतों में खोदा पड़ा है या फिर खोदाई होनी है। जो आलू खोदकर किसानों ने खेतों में ढेर लगा दिए हैं, उसके सडऩे की आशंका पैदा हो गई है। बरेली मंडल में चालीस फीसद फसल बर्बाद हो गई है। कृषि विशेषज्ञों ने क्षेत्र में करीब दो अरब रुपये के नुकसान की आशंका जताई है। किसान संगठनों ने मुआवजा के मांग शुरू कर दी है। मेरठ और सहारनपुर, मुरादाबाद मंडल में भी फसलों को नुकसान हुआ। बाराबंकी में बरसात से पोश्ता (अफीम) की फसल पूरी तरह खेतों में गिर गई है। दो दर्जन किसानों ने सोमवार को जिला अफीम अधिकारी कार्यालय में प्रार्थनापत्र देकर अवगत कराया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.