वीसी और सचिव के बीच फंसी फर्जी समायोजन की फाइल
एलडीए - शारदानगर योजना के रुचिखंड दो में चार भूखंडों के फर्जी समायोजन का मामला - अ
एलडीए
- शारदानगर योजना के रुचिखंड दो में चार भूखंडों के फर्जी समायोजन का मामला
- अधिकारी समेत कई बाबुओं ने गलत तरीके से किया था समायोजन, जांच में मिली अनियमितता
जागरण संवाददाता, लखनऊ :
एलडीए की शारदानगर योजना के रुचिखंड दो में चार बड़े भूखंडों के फर्जी समायोजन के मामले में कार्रवाई की फाइल दो अधिकारियों के बीच फंसी है। वीसी प्रभु एन. सिंह द्वारा ओएसडी राजीव कुमार से कराई गई जांच में समायोजन का खेल करने में पूर्व में संपत्ति अधिकारी रहीं और वर्तमान में उप सचिव अम्बी बिष्ट सहित चार बाबुओं के नाम सामने आए थे। अब इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है। अधिकारियों का कहना है कि पूरी फाइल का परीक्षण करके उसे कार्रवाई के लिए आगे बढ़ाया जाएगा।
दरअसल शारदानगर योजना में मत्सय विभाग की जमीन पर चार आवंटियों को तीन सौ वर्ग मीटर के बड़े भूखंडों का आवंटन किया गया था। इनमें अनीता अवस्थी, ममता, जयकरन लाल, निरुपमा जायसवाल शामिल थीं। जमीन मत्स्य विभाग की बाउंड्री के अंदर होने के चलते और गलत आवंटन पर एलडीए ने इन्हीं चार लोगों को रुचिखंड में भूखंड का समायोजन करने का प्रस्ताव दिया। वर्ष 2005 में जिन लोगों को भूखंड का समायोजन होना था उनके बजाय सावित्री देवी, रश्मि श्रीवास्तव, रमाशंकर श्रीवास्तव व मो. इखलाक को फर्जी तरीके से कम्प्यूटर पर एंट्री करके कर दिया गया। जिन मूल आंवटियों को भूखंड मिलने थे वह वर्षो तक भटकते रहे। उनकी शिकायत पर मामले की कई बार जांच हुई, लेकिन फाइल कार्रवाई के लिए दब गई।
मूल आवंटियों की शिकायत पर एक बार फिर पिछले महीने वीसी प्रभु एन सिंह के निर्देश पर हुई जांच में फर्जी समायोजन करने वालों के नाम उजागर हुए। जांच में तत्कालीन बाबू विवेक आनंद, धीरज श्रीवास्तव, वीरेंद्र यादव व संपत्ति अधिकारी अम्बी बिष्ट की संलिप्तता इस खेल में सामने आई। बाबू धीरज श्रीवास्तव द्वारा कम्प्यूटर प्रोग्रामर अरविंद सक्सेना की तरफ से प्रापर्टी आइडी बनाने व बाबू विवेक आनंद के कहने पर कम्प्यूटर पर फाइलें दर्ज करने और तत्कालीन संपत्ति अधिकारी अम्बी बिष्ट को भी दोषी बताया गया है। इन तथ्यों को भी जांच रिपोर्ट में शामिल किया गया है।
क्या कहते हैं अधिकारी
रुचिखंड में गलत तरीके से मूल आवंटियों की जगह दूसरे लोगों को भूखंड दिए जाने की जांच फाइल ओएसडी की तरफ से आई है। पूरी पत्रावली का परीक्षण करके उसे वीसी प्रभु एन. सिंह को जल्द ही कार्रवाई के लिए भेजी जाएगी। दोषी कर्मचारी व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में किसी प्रकार की नरमी बरते जाने का प्रश्न ही नहीं उठता है।
जयशंकर दुबे, सचिव एलडीए
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भूखंडों के फर्जी समायोजन करने की जांच मैंने शुरू कराई थी। सचिव की तरफ से पूरी जांच रिपोर्ट आने पर जो भी अधिकारी व कर्मचारी दोषी होंगे उनके खिलाफ कराई होगी। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रभु एन. सिंह, वीसी, एलडीए