VIDEO -नौकरियों में खत्म होंगी इंटरव्यू प्रक्रिया :प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि शिक्षा गरीबी से लडऩे का सबसे सस्ता तथा सुलभ हथियार है। उन्होंने लोगों से कहा कि आप सब भले ही मुझसे नाराज हो जाना, मगर बच्चों की पढ़ाई मत रोकना। शिक्षा से बच्चे सभी की गरीबी को दूर कर देंगे।
लखनऊ। वाराणसी डीरेका मैदान में सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जल्द ही नौकरियों में इंटरव्यू प्रक्रिया ख़त्म होगी। इससे लूटमार बंद होगी। मेरी सरकार उस दिशा में आगे बढ़ी है। रेलवे में कुछ पदों के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरु क़ी गयी है । आज मैंने अपना हर मिनट विकास के लिए लगाया। सारी समस्याओ का निदान विकास से होगा।
निराश न हों शिक्षामित्र हल होगी समस्या
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों को लेकर जो परिस्थिति पैदा हुई है उस पर मैंने उप्र सरकार से मामला पूछा है। बताया गया कि कोर्ट ने अभी लिखित आर्डर नहीं दिया है। मैंने शिक्षामित्रों की समस्याओं को आज समझने का प्रयास किया, उनके पास भी कोर्ट का आर्डर नहीं था। मैंने कहा कि कोर्ट का आर्डर आते ही मुझे भेजें। मैं अध्ययन करुंगा। पता चला है कि एक शिक्षामित्र ने जान दे दी है। मैं शिक्षामित्रों से आग्रह करुंगा कि ऐसा कुछ न करें, आपके परिवार का क्या होगा। मेरा अनुरोध है कि हौसला रखिए, जीवन में कभी लड़ाई हारनी नहीं चाहिए, आत्महत्या का नाग कभी हमारा नहीं हो सकता। आर्डर मिलने दीजिए, मैं आपकी बात उत्तर प्रदेश सरकार तक पहुंचाऊंगा। मेरा विश्वास है कि उप्र सरकार भी ठोस कदम उठाएगी, उप्र सरकार भी आपके साथ अन्याय नहीं चाहेगी, मैं भी उप्र सरकार से जरूर बात करुंगा।
पब्लिक या प्राइवेट नहीं पर्सनल सेक्टर बनाए
प्रधानमंत्री ने कहा कि पब्लिक सेक्टर व प्राइवेट सेक्टर के पिलर पर आर्थिक गाड़ी बढ़ाने के अलावा पर्सनल सेक्टर भी डेवलप किया जाना चाहिए। हमारे देश में गरीब करोड़ों लोग हैं जो, मगर इनमें ताकत बेशुमार हैं। एक दूधवाला भी किसी न किसी को रोजगार देता है, रोजगार का जरिया बनता है। यही है पर्सनल सेक्टर। इसी सेक्टर को ताकतवर बनाकर मुद्रा बैंक से 10 से 50 हजार रुपये तक लोन देकर उन्हें आर्थिक रूप से समृद्ध करना है। हमने 50 साल तक पब्लिक व प्राइवेट सेक्टर की बात की है, अब बात करिए पर्सनल सेक्टर की। मैं काशी की धरती से पर्सनल सेक्टर के फैक्टर का ऐलान करता हूं।
देश को मिले 24 घंटे बिजली
मेरा सपना है कि 2022, जब देश आजादी के 75 साल मनाएगा, हम देश पर जान न्यौछावर करने वाले अपने जांबाजों को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकें। यह श्रद्धांजलि तभी होगी जब सबको 24 घंटे बिजली मिलने लगे। अभी 4 घंटे बिजली मिल रही है, इसे बदलना होगा। इसके लिए हमें आपका व बाबा भोलेनाथ का आशीर्वाद चाहिए। देश को ऊर्जावान बनाने के लिए यह जरूरी है। बनारस बढ़ता चला गया है, अब इसे स्मार्ट बनाने की दिशा में पहल शुरू हो गई है। बनारस को जोडऩे वाले आसपास के सभी जिले व उनके संपर्क मार्गों को चकाचक किया जाएगा। बनारस को एक बहुत बड़ा केंद्र बनाना है। हमें यहां बिजली, पानी व सड़क का संजाल बिछा देना है ताकि पूर्वी उत्तर प्रदेश को कोई पिछड़ा न कहे। हर परिवार में बिजली का बिल कम होना चाहिए, पैसा बचना चाहिए, मेरी एक बात जरूर मानिए कि आप अपने घर में एलईडी लगा दीजिए, आपके घर का बिजली बिल एकदम घट जाएगा और रोशनी बढ़ जाएगी।
काशी स्वच्छता व रेल, बिजली परियोजनाओं का बन रहा केंद्र बिंदु
प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव जीतकर बनारस आया, गंगा किनारे बैठा था, तभी यहां स्वच्छता की बात मन में आई। मैं जानता था कि यहां के नाविकों, नागरिकों ने सफाई को आत्मसात कर लेंगे, ऐसा ही हुआ। तमाम संगठन, लड़कियां, नौजवान आगे आए और बनारस को स्वच्छ रखने का अभियान उठा लिया। पूरे बनारस में स्वच्छता की लहर है, यह स्वच्छता का केंद्र बिंदु है, बनारस अब स्किल डेवलपमेंट, रेल, बिजली आदि का भी केंद्र बिंदु बन रहा है। प्रधानमंत्री जन धन योजना के द्वारा इस देश के गरीबों को आर्थिक व्यवस्था के केंद्र में लाने का एक कामयाब प्रयास हुआ है। काशी के बुनकरों का चेन्नई में सम्मान हुआ, पूरी दुनिया में हो रहा है। हमें आधुनिकता के साथ ही विरासत का भी ध्यान रखना है। अनेक केंद्रीय मंत्री बनारस का लगातार दौरा कर विकास की बातें कर रहे हैं, विकास कार्यों की घोषणाएं कर रहे हैं, काशी पर लगातार काम हो रहा है, हम सतत प्रयासरत हैं। हम कौशल विकास के क्षेत्र में बड़ा काम कर रहे हैं, अब केवल डिग्री होने से काम नहीं चलने वाला, इसलिए कौशल विकास बेहद जरूरी है हम उसके प्रशिक्षण व उन्नयन के लिए लगातार प्रयासरत हैं।
गंगा सफाई के लिए लेनी होगी जिम्मेदारी
मैं और मेरी सरकार विकास की राह पर चल पड़ी है, अभी शुरूआत है, हम तेजी से काम कर रहे हैं। आज पूरी दुनिया भारत की जय जयकार कर रही है। योगा दिवस को प्रस्ताव रखा अंतरराष्ट्रीय पटल पर, उसे माना गया, 193 देशों ने इसका समर्थन किया और योगा दिवस आयोजित किया। यह भारत के साथ पूरी दुनिया के जुडऩे का मसला है। आज पूरी दुनिया भारत को आस्था की नजर से देख रहा है। गंगा स्वच्छता अभियान को तेजी प्रदान की जा रही है, संबंधित मुख्यमंत्रियों से लगातार बात की जा रही है, धन की कोई कमी नहीं। गंगा में कोई गंदगी नहीं जानी चाहिए। गंगा के लिए शुरूआत हमें करनी होगी, दायित्व हमें लेना पड़ेगा। भारत सरकार, राज्य सरकारों के साथ खड़ी है। मैं जानता हूं कि गंगा को लेकर पूर्व में काफी पैसा बहाया जा चुका है इसलिए आशंकाएं भी हैं मगर हमें काम करके दिखाना है। स्वच्छता अभियान ही देख लीजिए, एक बदलाव आया है, बच्चे भी अब सफाई की बात करने लगे हैं, गंदगी पर टोकने लगे हैं। आज विपक्षी दल भी स्वच्छता की बात करते हैं, आलोचना ही सही मगर बड़ी बात यह कि चर्चा तो करते हैं।
बनारस दुनिया को देता है ज्ञान का प्रकाश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि बनारस की धरती सदियों से पूरी दुनिया को ज्ञान का प्रकाश देती आ रही है, अब ऊर्जा का प्रकाश भी देने जा रही है। यहां सात कार्यक्रमों की श्रृंखला का शुभारंभ किया जा रहा है। बिजली के क्षेत्र में हम क्रान्तिकारी बदलाव करने जा रहे हैं, वाराणसी में रिंग रोड की मांग को पूरा करते हुए आज उसका भी शिलान्यास हो रहा है। बनारस की सड़कें खराब हैं इसलिए बाहर से आने वाले लोगों का यहां से विश्वास उठ जाता है। मोदी ने कहा कि जब जब काशी आया, यहां तारों का जाल देखकर मैं चौंक जाता था। आज मुझसे काशी के एक नागरिक ने कहा कि बनारस की बिजली व्यवस्था काफी खराब है। दरअसल यह मुसीबत पूरे हिन्दुस्तान की है, इसके चलते लाइन लॉस बहुत है, नागरिकों को परेशानी बहुत होती है, इसे बदलना होगा। अब इसकी पहली शुरूआत एकीकृत विद्युत विकास योजना के रूप में पूरे देश के लिए बनारस से हो रही है। यह शुरूआत इसलिए यहां से नहीं हो रही कि मैं यहां का सांसद हूं वरन पहला कारण यह है कि ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल जी के पिताजी बनारस में ही पढ़कर यहीं इंजीनियर हुए। यह सच्ची श्रद्धांजलि है। एकीकृत विद्युत विकास योजना से पूरे देश को बेइंतहा लाभ होने जा रहा है। काम कठिन है, बड़ा है मगर इसे किए बिना कोई चारा नहीं।
इसके पूर्व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि नरेंद्र मोदी को वाराणसी में मां गंगा ने बुलाया है। प्रधानमंत्री इस बात के लिए प्रयासरत हैं कि अब भारत के हर नागरिक को 24 घंटे बिजली मिले। इसी कड़ी में पूरे दश के लिए एकीकृत विद्युत विकास योजना के तहर विद्युतीकरण व बिजली आधुनिकीकरण का आज वाराणसी से शुभारंभ होने जा रहा है। गुरुवार को प्रधानमंत्री का जन्मदिन था, कल ही गणेश भगवान का भी जन्मदिन था। यह सौभाग्य की बात है कि जन्मदिन के ठीक बाद मोदी जी बनारस में हैं। वास्तव में प्रधानमंत्री अपना जन्मदिन नहीं मनाते, जनता का प्रेम ही है जो उन्हें जन्मदिन का स्मरण कराती है। आगे आने वाले दिनों में वाराणसी में तेजी से विकास कार्य होने जा रहे हैं। यह प्राचीन शहरों में सर्वप्रमुख है, सौभाग्य की बात है कि एकीकृत विद्युत विकास योजना का शुभारंभ यहीं से होने जा रहा है।
शिक्षा गरीबी से लडऩे का सबसे सस्ता तथा सुलभ हथियार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि शिक्षा गरीबी से लडऩे का सबसे सस्ता तथा सुलभ हथियार है। उन्होंने लोगों से कहा कि आप सब भले ही मुझसे नाराज हो जाना, मगर बच्चों की पढ़ाई मत रोकना। शिक्षा से बच्चे सभी की गरीबी को दूर कर देंगे। अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पर एक दिन के दौरे पर आए नरेंद्र मोदी ने आज कैंट के मल्टी परपस ग्राउंड में गरीबों के बीच ई-रिक्शा, पैडल रिक्शा, ठेला तथा सोलर लालटेन का वितरण किया।
बच्चों की पढ़ाई से कोई भी समझौता मत करो
इस अवसर पर उन्होंने वहां पर मौजूद लोगों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई से कोई भी समझौता मत करो। रिक्शा वाले बच्चों को उच्च शिक्षा दें। मेरा आग्रह है सभी रिक्शा वाले भाइयों से कि बच्चों को पढ़ाई से कभी वंचित मत रखना। गरीबी से लडने का सबसे सस्ता हथियार शिक्षा है। टाइम टेबल के साथ अनुशासन से जिंदगी बदली जा सकती है। पीएम ने कहा यह कार्यक्रम सिर्फ गरीबों का जीवन नहीं बदलेगा बल्कि काशी के भाग्य को बदलेगा यहां के गरीब के जीवन में यदि हम थोड़ा सा आवश्यक बदलाव ले आए, समय के आधारित तकनीक का जीवन में प्रवेश करा लें तो गरीब से गरीब व्यक्ति भी पहले जितना कमाता था। उससे भी अधिक कमाई कम से कम परिश्रम में कर सकेगा। केंद्र सरकार का प्रयास है कि गरीबों को आत्मनिर्भर बनाए। देश में पचास वर्ष से गरीबी को हटाने की बात सुनाई पड़ी। चुनावों में भी गरीबी हटाने का भाषण ही सुनाई पड़ा, राजनीति में गरीबों की माला जपते रहना परंपरा बन गई है। अब इससे उबरना होगा। इसका मतलब है कि क्या हम प्रत्यक्ष रूप से गरीबों को साथ लेकर गरीबी हटाने का प्रयास कर सकते हैं क्या। अब तक जो भी प्रयोग हुआ उसका अपेक्षित परिणाम नहीं मिला। गरीब की जिंदगी में तेजी से बदलाव नहीं हुआ। इसमें मैं किसी को दोषी नहीं कह रहा लेकिन कुछ अच्छा करने की दिशा में एक नए सिरे से गरीबों के कल्याण के लिए मूलभूत बातों पर फोकस करना, वह कौन सी चीजें है जिससे गरीब सचमुच में मेहनत कर रहा है, वह अपने हालात से बाहर निकलने के लिए तैयार है।
गरीब अपने बच्चों को विरासत में गरीबी नहीं बल्कि सम्मान की आत्मनिर्भर जिंदगी देना चाहता है। गरीबों को यदि थोडा हुनर सीखा दिया जाए तो उसकी कमाई बढ़ जाती है और उसका भी दिमाग तेज चलने लगता है। इसी क्रम में भारत सरकार ने कौशल संवर्धन की योजना शुरू की है। इसके तहत गरीब से गरीब शिक्षित व अशिक्षित सभी का स्किल डेवलप किया जा रहा है। आप सभी से मेरा अनुरोध है कि सरकार की सभी योजनाओं का लाभ लें। आपके जीवन में बड़ा बदलाव आ जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा कि आज रिक्शा चालकों ने बताया कि हमारा विश्वास बढ़ गया है। पहले पैडल रिक्शा चलाता था अब ई-रिक्शा चलाउंगा वह भी नियंत्रित गति से। रिक्शा चालकों का हौसला बढ गया है। काशी में दुनिया भर के लोग आते हैं, यहां का पर्यटन कैसा होना चाहिए। पर्यटकों का पहला परिचय रिक्शा वालों के साथ होता है। यदि यहां के रिक्शा वाले अच्छे और स्तरीय जीवन जीने वाले होंगे तो शहर की छवि भी उसी अनुसार सकारात्मक बनेगी। छोटी चीजें बड़ा बदलाव लाती हैं। इसी तरह से काशी में भी प्रयास किया जा रहा है तकनीक के समावेश के जरिए। आज जिन्हें चुना गया है, उसमें वह लोग है जिनके पास खुद का रिक्शा नहीं था। किराए पर रिक्शा लेते थे जिससे रोजी-रोटी ठीक से नहीं चल पाती थी। अब उन्हें रिक्शा मिला है उससे उनका जीवन स्तर सुधरेगा। इस तरह की व्यवस्था से गरीबी से लडऩे का अच्छा अवसर मिलता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हमारी सरकार देश में गरीबी को दूर करने का प्रयास कर रही है। सरकार का फोकस गरीबों की ओर है। गरीब के कल्याण की योजनाएं तैयार की गई हैं। हमारा फोकस गरीबों के लिए अपनी सभी योजनाओं के क्रियान्वयन पर है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छावनी क्षेत्र के मल्टीपरपज ग्राउंउ में आयोजित समारोह में ई रिक्शा वितरण शुरू किया गया। इस क्रम में 501 को पैडल रिक्शा, 101 को ई-रिक्शा, 602 को पीएम जनधन योजना का पैकेज तथा हजार लोगों को सोलर लालटेन का वितरण किया। इसके साथ ही उन्होंने रेडीमेड शौचालय भी प्रदान किया।
गरीबी दूर करने को लेकर किया गया बैंकों का राष्ट्रीयकरण
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में गरीबी दूर करने के लिए बैंको का राष्ट्रीयकरण किया गया। कांग्रेस ने पचास वर्ष में जनता के खाते नहीं खोले। केंद्र सरकार ने बीते एक वर्ष में 18 करोड़ गरीबों का मुफ्त में खाता खोलवाया लेकिन गरीबों ने इन्हीं खातों में अब तक 30 हजार करोड़ रुपया जमा कर दिया। यह साबित करता है कि गरीबों में बचत की भावना है और इससे उनका ही विकास होगा। उन्होंने कहा कि आप लोगों से मेरा वादा था कि लोगों ने जो काम पचास वर्ष में नहीं किया, उसको मैं पचास माह में करके रहूंगा। कांग्रेस के लोग आलोचना करते हैं। उन्होंने खाते नहीं खोले अब उसका संचालन कैसे हो इसकी आलोचना करते हैं। अब काशी का तेजी से बदलाव होगा।