मथुरा में दिल दहलने से शिक्षामित्र की मौत, मैनपुरी में बेटियों की पढ़ाई छूटी
शिक्षा मित्रों के दिल दहल रहे हैं। उनकी जान पर बनी है। एक की दिल का दौरा पड़ने से जान चली गई तो एक के परिवारीजन ने फांसी लगा ली।
लखनऊ (जेएनएन)। अदालत से समायोजन रद होने को लेकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में शिक्षामित्र आंदोलित है। उन्होंने जिले-जिले आंदोलन जारी रखा है। इस दौरान धरना, प्रदर्शन, जाम, तोड़फोड़, नारेबाजी, अनशन औऱ अन्य झड़पें के बीच गिरफ्तारियां जारी हैं। कई जिलों में स्थाई जेल बनाना पड़ा है। आज उन्हें सरकार की सख्ती से दो चार होना पड़ा। इससे आंदोलन की गर्मी सड़कों पर कुछ कम नजर आई।बावजूद इसके हर तरफ खलबली मची हैै। शिक्षा मित्रों के दिल दहल रहे हैं। उनकी जान पर बनी है। एक ने फांसी लगा ली तो एक दिल का दौरा पड़ने से जान चली गई।
तस्वीरों में देखें-आंदोलन की हदों की ओर जाते शिक्षामित्र
शिक्षामित्र की हार्टअटैक से मौत, पति ने फांसी लगाई
पश्चिमी उप्र के आगरा, फीरोजाबाद, एटा में आंदोलन जारी है। मथुरा के नौहझील क्षेत्र के बरौठ स्कूल के शिक्षामित्र उदय सिंह की हार्टअटैक से मौत हो गई। एटा में शिक्षामित्र माधुरी दुबे के पति अनिल ने फांसी लगा ली। समय रहते घरवालों ने उन्हें फंदे से उतार लिया। उन्हें अलीगढ़ में भर्ती कराया गया है। आगरा में सांसद बाबूलाल का घेराव हुआ। सहारनपुर में सांसद, विधायकों को घेरने की घोषणा हुई। मेरठ में मानव श्रंखला बनाई गई, आधा दर्जन शिक्षामित्र बेहोश हो गए। बिजनौर के बीएसए आफिस में तालाबंदी रही। बरेली में शिक्षामित्र केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री संतोष गंगवार के घर का सुरक्षा घेरा तोड़ घुस गए। प्रदर्शन कर इच्छा मृत्यु मांगी। मंत्री आवास घंटों हंगामा चला, दो महिला शिक्षामित्र बेहोश हो गई। वहीं, बीएसए दफ्तर पर 11 शिक्षामित्र क्रमिक अनशन पर बैठे हैं। बदायूं में सड़कों पर भीख मांगकर विरोध किया। मुरादाबाद में सांसद आवास का घेरा। रामपुर में शिक्षामित्रों ने प्रदेश सरकार को खून से पत्र लिखकर समस्या का निराकरण कराने का अनुरोध किया है।
तस्वीरों में देखें-आंदोलन की राह पर यूपी के शिक्षामित्र
बहिष्कार, तालाबंदी और तोडफ़ोड़ उचित नहीं
दरअसल अपर मुख्य सचिव राजप्रताप सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने के निर्देश दे रखे हैं। उन्होंने घटनाओं की वीडियोग्राफी कराने के लिए भी कहा है। पत्र के साथ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अंश भी भेजें और कहा कि कार्य बहिष्कार, तालाबंदी और तोडफ़ोड़ किसी भी ढंग से उचित नहीं है। जिलाधिकारी अपने स्तर से शिक्षामित्रों के प्रतिनिधियों से वार्ता करके उन्हें स्कूलों में जाने के लिए प्रेरित करें। सभी घटनाओं की वीडियोग्राफी कराई जाए और ऐसे लोगों को चिह्नित किया जाए जो पठन-पाठन में व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं।
तस्वीरों में देखें-आंदोलन की हदों की ओर जाते शिक्षामित्र
शिक्षामित्रों से पूरी सहानुभूति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में कहा था कि सरकार की शिक्षामित्रों से पूरी सहानुभूति है। शिक्षामित्र वोट की राजनीति करने वालों के बहकावे में न आएं। सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा कर रही है। शिक्षामित्रों की समस्या का निवारण करने के लिए तर्कसंगत, विधिसम्मत रास्ता तलाशा जा रहा है। उन्होंने शिक्षामित्रों से हिंसा, आगजनी और प्रदर्शन न कर विद्यालयों में पढ़ाने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद होने का ठीकरा सपा सरकार पर फोड़ा और कहा कि समायोजन की प्रक्रिया में ही गड़बड़ी थी। इसी वजह से पहले हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने समायोजन को रद कर दिया।
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