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जेल भेजे गये भाजपा से निष्कासित दयाशंकर सिंह, मऊ में चलेगा मुकदमा

भाजपा से निष्कासित दयाशंकर सिंह को गिरफ्तार कर यूपी एसटीएफ ने मऊ जेल भेज दिया है। यहां उन पर मुकदमा चलाया जाएगा। मामले की जांच सीओ सिटी कर रहे हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 29 Jul 2016 02:28 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jul 2016 11:47 AM (IST)
जेल भेजे गये भाजपा से निष्कासित दयाशंकर सिंह, मऊ में चलेगा मुकदमा

लखनऊ (वेब डेस्क)। भाजपा से निष्कासित दयाशंकर सिंह को बक्सर से गिरफ्तार कर एसटीएफ की टीम शाम करीब साढ़े पांच बजे मऊ ले आई। यहां पुलिस लाइन में आजमगढ़ रेंज के डीआइजी धर्मवीर यादव ने कड़ी सुरक्षा में उनसे लंबी पूछताछ की। इस बीच डाक्टरों की दो सदस्यीय टीम से उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया गया। उनका स्वास्थ्य सही पाया गया। इसके बाद दयाशंकर सिंह को जेल भेज दिया गया।

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डीआइजी धर्मवीर यादव ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि दयाशंकर सिंह को सीजेएम के समक्ष पेश कर जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि चूंकि 19 जुलाई को बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ दयाशंकर सिंह ने विवादित बयान मऊ में ही दिया था, इसलिए उनका मामला यहां ही चलेगा। पूरे प्रकरण की जांच सीओ सिटी पंकज कुमार सिंह को सौंप दी गई है। गौरतलब है कि दयाशंकर सिंह ने अपने बयान में यह भी कहा था कि कांशीराम जी ने जो सपने देखे थे, उन्हें मायावती तबाह कर रही हैं। पैसे लेकर वह पार्टी का टिकट बांटती हैं।

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दयाशंकर सिंह बक्सर से गिरफ्तार

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के खिलाफ बेहद अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने के मामले में फरार दयाशंकर सिंह को बिहार के बक्सर से गिरफ्तार कर लिया गया है। भाजपा उत्तर प्रदेश के निष्कासित उपाध्यक्ष दयाशंकर को उत्तर प्रदेश एसटीएफ तथा बिहार पुलिस की टीम ने संयुक्त अभियान में पकड़ा है। दयाशंकर सिंह बिहार के बक्सर के मूल निवासी हैं।

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दयाशंकर का ननिहाल उत्तर प्रदेश के बलिया में हैं। चंद रोज पहले ही दयाशंकर सिंह बिहार के देवधर में भगवान शिव के मंदिर में दिखाई पड़े थे। आज बक्सर के थाना टाउन बाजार क्षेत्र से दयाशंकर सिंह को गिरफ्तार किया गया। यूपी एसटीएफ के एएसपी केशव यादव ने बिहार पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में दयाशंकर सिंह को बक्सर में चीनी मिल क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। अब दयाशंकर को लखनऊ में पेश किया जाएगा। इसके बाद जांच होगी कि वह कैसे बिहार पहुंचे। इसके साथ ही दयाशंकर को अपने घर में ठिकाना देने वालों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा।

चार दिन से ट्रेस किया जा रहा था लोकेशन

पुलिस चार दिनों से दयाशंकर का मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर रही थी। गुरुवार की रात दयाशंकर का मोबाइल लोकेशन देवघर दिखा रहा था। शुक्रवार को उनका मोबाइल लोकेशन बक्सर दिखाने लगा। इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस सक्रिय हुई और बक्सर पुलिस के सहयोग से छापेमारी की। चीनी मिल मोहल्ले में छापेमारी में दयाशंकर पकड़े गए।बक्सर के एसपी उपेन्द्र शर्मा ने कहा कि यूपी पुलिस की टीम यहां छापेमारी को पहुंची थी। बक्सर पुलिस के सहयोग से दयाशंकर की गिरफ्तारी हुई है।

दयाशंकर सिंह ने 19 जुलाई मऊ में बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के खिलाफ बेहद अमर्यादित टिप्पणी की थी। जिसके बाद 20 मई को दयाशंकर सिंह के खिलाफ लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मामला दर्ज किया गया था। इसी दिन भारतीय जनता पार्टी ने उनको छह वर्ष के लिए पार्टी से बाहर कर दिया था। आज चर्चा थी कि दयाशंकर सिंह लखनऊ में आत्मसमर्पण कर सकता है। कल इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से गिरफ्तारी से रोक के साथ ही एफआइआर खारिज करने की अर्जी खारिज होने के बाद अब दयाशंकर के पास कोई रास्ता नहीं था।

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दयाशंकर सिंह के आत्मसमर्पण को लेकर आज लखनऊ में पुलिस की बेहद मुस्तैद थी। पुलिस किसी भी कीमत पर दयाशंकर को गिरफ्तार करने की तैयारी में थी। लखनऊ की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मंजिल सैनी ने कल कहा था कि दो-तीन दिन में पुलिस अदालत से दयाशंकर के खिलाफ कुर्की का आदेश हासिल कर लेगी। ऐसे में समर्पण करने के अलावा उनके पास दूसरा कोई रास्ता नहीं बचता।

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क्या है मामला

यूपी बीजेपी का उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद मऊ पहुंचे दयाशंकर सिंह ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर अभद्र टिप्पणी की थी, इसके बाद यह मामला राज्य सभा में भी गूंजा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए बीजेपी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दयाशंकर सिंह को सभी पदों से हटाते हुए पार्टी से छह साल के लिए निष्काषित कर दिया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए बीजेपी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दयाशंकर सिंह को सभी पदों से हटाते हुए पार्टी से छह साल के लिए निष्काषित कर दिया। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के बाद दयाशंकर के खिलाफ हजरतगंज थाने में एससी-एसटी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज करायी गई थी।

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इसी मामले में पुलिस उनकी तलाश कर रही थी। दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बसपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने यूपी की राजधानी लखनऊ में विरोध-प्रदर्शन भी किया था। इस प्रदर्शन में दयाशंकर सिंह का पुतला फूंका गया और उनके परिवार के खिलाफ गाली-गलौज की गई थी। इसके बाद दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह ने भी मायावती और बसपा नेता नसीमुददीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।

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बक्सर में मिली प्रारंभिक शिक्षा

बसपा सुप्रीमो मायावती पर टिप्पणी कर चर्चा में आए दयाशंकर सिंह बक्सर के सिमरी प्रखंड स्थित छोटका राजपुर गांव के रहनेवाले हैं। वे विंध्याचल सिंह के पांच पुत्रों में तीसरे नंबर पर हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा छोटका राजपुर गांव के विद्यालय में हुई थी। उसके बाद वे उत्तर प्रदेश के बलिया जिला स्थित करमानपुर गांव अपने मामा के घर चले आए। यहीं उनकी स्कूली शिक्षा पूरी हुई।

यूपी में बढ़ी राजनीतिक सक्रियता

दयाशंकर के मामा मैनेजर सिंह यूपी की राजनीति में सक्रिय थे। इसका असर भांजा के जीवन पर भी पड़ा। लखनऊ विश्वविद्यालय में दाखिले के बाद दयाशंकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े और परिषद के अध्यक्ष बने। यही से राजनीति में उनकी सक्रियता बढ़ी।

गांव से कम नहीं हुआ जुड़ाव

गांव के वृद्ध हृदय नारायण सिंह का कहना है कि दयाशंकर सामाजिक लड़का है। सभी को सम्मान देता है। लखनऊ जाने के बाद भी गांव से उसका जुड़ाव कम नहीं हुआ।

गांव के लोग दुखी

दयाशंकर सिंह के राजपुर का घर सन्नाटे में डूबा हुआ था। घर की देखभाल करने वाले मुन्ना मंडल ने बताया कि उनके माता-पिता डेढ़ माह पहले लखनऊ चले गए हैं।उसने बताया कि हाल में दया का गांव आना नहीं हुआ है।

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राजनीति में दया की बेटी, पत्नी और मां को इस विवाद में घसीटने के सवाल पर गांव के पूर्व मुखिया विंध्याचल सिंह कहते हैं कि जब पार्टी ने दया को सजा दे दी, कानून अपना काम कर रहा है तो ऐसे में परिवार को घसीटना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि बेटी के सम्मान में गांव के लोग मैदान में उतरेंगे। गांव के शमशेर सिंह, जयराम सिंह सहित अन्य लोगों का कहना है कि जिस तरह पार्टी ने दया को सजा दी है। उसी तरह बसपा भी गलत बयानबाजी करने वाले नेताओं को दंडित करे।


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