शिक्षा के उजियारे से रोशन रात
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कक्षा नौ के छात्र राजेश कुमार के पिता आर्थिक रूप से कमजोर हैं और सीमित कमाई के चलते उसका स्कूल जाना मुश्किल लग रहा था। ऐसे में उसके सामने पढ़ाई छोड़कर काम पर लगने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं था।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कक्षा नौ के छात्र राजेश कुमार के पिता आर्थिक रूप से कमजोर हैं और सीमित कमाई के चलते उसका स्कूल जाना मुश्किल लग रहा था। ऐसे में उसके सामने पढ़ाई छोड़कर काम पर लगने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं था। इन सबके बीच उसे एक ऐसी पाठशाला के बारे में पता चला जहां रोजाना शाम को निश्शुल्क शिक्षा दी जाती है।
समाज में शिक्षा का उजियारा फैलाने के लिए अमीनाबाद इंटर कॉलेज में ऐसी ही पाठशाला चल रही है। इस पाठशाला में गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वह बच्चे अपने भविष्य की इबारत लिख रहे हैं, जो कोचिंग और ट्यूशन की फीस नहीं भर सकते या फिर काम की वजह से नियमित स्कूल नहीं जा पाते हैं। कॉलेज के एक कमरे में रोजाना शाम के छह बजते ही बच्चे जमा हो जाते हैं। करीब तीस से चालीस बच्चों की पाठशाला सात बजे से शुरू हो जाती है। विभिन्न विषयों की एक-एक घंटे की क्लास में बच्चों को अनुभवी शिक्षकों द्वारा पढ़ाया जाता है।
यही नही बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा के अलावा जरूरतमंदों को कापी व किताबें भी उपलब्ध कराई जाती हैं। करीब दस वर्ष पहले अमीनाबाद इंटर कॉलेज के प्रिसिंपल डॉ.जीतेंद्र प्रकाश मिश्र ने उन गरीब बच्चों के लिए जो आर्थिक दिक्कतों के चलते पढ़ाई छोडऩे के लिए मजबूर हो जाते हैं, शाम को पाठशाला की शुरुआत की थी। आज कई वर्तमान और पूर्व शिक्षक स्वेच्छा से यहां पर आकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। प्रिसिंपल का कहना है कि यहां पर पढऩे वाले बच्चों का रिजल्ट काफी बेहतर रहता है।
जीतेंद्र मिश्र के अलावा यहां पर अनुपम शुक्ला, अनुराग बाजपेयी, सच्चिदानंद और आरके गुप्ता सहित कई शिक्षक हैं जो समय मिलने पर आकर बच्चों के भविष्य को संवारने में योगदान दे रहे हैं। बच्चे भी काफी उत्साह से पढ़ाई कर रहे हैं।