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दलित महिलाओं ने शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद की

लखनऊ। दलित महिलाओं को शोषण से बचाने, उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने और महि

By Edited By: Published: Wed, 27 Aug 2014 01:04 PM (IST)Updated: Wed, 27 Aug 2014 01:04 PM (IST)
दलित महिलाओं ने शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद की

लखनऊ। दलित महिलाओं को शोषण से बचाने, उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने और महिला शक्ति के रूप में उभारने के लिए सखी केंद्र के तत्वावधान में कानपुर में दो दिनी दलित महिला सम्मेलन चल रहा है। इसमें दलित महिला लीडर्स ने अपनी बात रखी और उस पर चर्चा की। सखी केंद्र की महामंत्री नीलम चतुर्वेदी ने कहा कि दो साल में महिला हिंसा के करीब 35 हजार मामलों में दलित महिलाओं संग शोषण की शिकायतें ज्यादा हैं। इसलिए जरूरी है कि उत्तर प्रदेश में दलित महिलाओं का एक ऐसा संगठन खड़ा हो, जिसके बाद दलित के नाम पर शोषण नहीं शक्ति का एहसास हो। दलित महिलाएं और योजनाएं एक दूसरे तक कैसे पहुंचे, इस विषय पर बनारस से आए ग्राम्या आर्गनाइजेशन के बिंदू ने कहा कि गांव में मनरेगा ओर शहरों में कई तरह की योजनाएं चल रही हैं लेकिन दलित महिलाओं को इसका कोई सहारा नहीं है। लखनऊ से आए रामकुमार ने योजनाओं को सफेद हाथी बताया। दलित महिलाएं व कानून विषय पर अधिवक्ता मंजू पांडेय और अधिवक्ता दिनेश राम ने अधिनियम की जानकारी दी। दिल्ली से आए उमाकांत ने भी विचार रखे। इसमें 27 जिलों से दलित महिला लीडर्स ने हिस्सा लिया।


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